Best 110+ अचानक मौत पर शायरी | Maut Shayari in Hindi (2024)
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ अचानक मौत पर शायरी (Achanak Maut Par Shayari) बताई है। क्योंकि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन शायरी है और अधिकांश व्यक्तियों ने इन शायरी को पसंद किया है। दोस्तों जब कोई ऐसा व्यक्ति हमें छोड़कर चला जाता है मतलब कि ऐसे व्यक्ति की मौत हो जाती है जिसका हमें भरोसा नहीं होता है कि यह इंसान इतनी जल्दी मर जाएगा या इतनी जल्दी मौत इसके करीब आ जाएगी। लेकिन नहीं बहुत ही ज्यादा खत्म हो जाता है।
दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं एक न एक दिन सभी व्यक्तियों को इस धरती से चले जाना है जिस व्यक्ति को जीवित किया गया है जो व्यक्ति सजीव है उसको एक दिन मरना भी है ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो इस संसार में हमेशा के लिए आया हो सभी को एक दिन इस संसार से विदा होना है। दोस्तों जब किसी ऐसे व्यक्ति जिसकी हमें उम्मीद ना होगी है इतनी जल्दी है संसार से विदा हो जाएगा लेकिन वही विदा हो जाता है तो उसके लिए आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110 से भी ज्यादा अचानक मौत पर शायरी (Achanak Maut Par Shayari) बताई है।
105+ Dhokebaaz Shayari in Hindi
खाली-खाली सा घर एक दम से भर गया,
उदास बैठा एक लड़का कल रात को मर गया।
अंदर से टूट कर बिखर गया एक लड़का,
सांसे चल रही है पर सबको लगा मर गया एक लड़का।
एक दिन यार कुछ ऐसा करके दिखाना है,
लोग बोले यह कैसे कर गया एक लड़का।
2 गज जमीन सही मेरी मिलकियत तो है,
ऐ मौत तूने मुझको जमीदार बना दिया।
ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले,
आ जाती शबे-फुरकत में तो एहसान होता।
जल है जिस्म तो दिल भी जल गया होगा,
कुरेदते तो जो अब राख जुस्तजू क्या है।
कितनी अजीयत है इस एहसास में,
कि मुझे तुझसे मिले बिना ही मर जाना है।
घर एक सांस का तू एहतराम कर वरना,
वो जब भी चाहे जहां चाहे आखिरी कर दे।
ऐ हिज्र वक़्त टल नही सकता है मौत का,
लेकिन यह देखना है कि मिट्टी कहां की है।
कहानी खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो,
कि लोग रोने लगे तालियां बजाते बजाते।
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज है,
जिंदगी वह थी जो उसकी महफिल में गुजार आए।
बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद व खुदा आगे,
जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है।
चले आओ मुसाफिर आखिरी साँसे बची हैं कुछ,
तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जाती मेरी आँखें।
ऐ बहुत ठहर जा तू जरा मुझे यार का इंतजार है,
आएगा वह जरूर अगर उसे मुझसे सच्चा प्यार है।
अजल को दोष दें तकदीर को रोए मुझे कोसें,
मेरे कातिल का चर्चा क्यों है मेरे सोग्वारों में।
वादे फना फ़िज़ूल हैं नोमनिशों की फ़िक्र,
हम जब नहीं रहे तो रहेगा मजार क्या।
ऐ अजल तुझसे यह कैसी नादानी हुई,
मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया।
ऐ अजल तुझे यह कैसी नादानी हुई,
फूल वो तोड़ा चमन भर में वीरानी हुई।
मेरी जिंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
मेरी मौत को भी प्यार कोई चाहिए बहना।
सांसों के सिलसिले को ना दो जिंदगी का नाम,
जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग।
इस मरहले को भी मौत ही कहते हैं,
जहां एक पल में टूट जाए उम्र भर का साथ।
आखरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफन,
अब ना शर्माओं कि चश्मे मुंतज़िर बे नूर है।
तुम गिले शिकवे भुला कर सोया करो यारो,
सुना है मौत किसी को कोई मौका नहीं देती।
तुम्हारा दबदवा खाली तुम्हारी जिंदगी तक है,
किसी की कब्र के अंदर जमींदारी नहीं चलती।
मिल जाएंगे कुछ हमारी भी तारीफ करने वाले,
कोई हमारी मौत की अफवाह तो उढ़ाओ यारों।
जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले,
इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।
तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको,
मैं तो इस आस में जिंदा हूं कि मरना कब है।
तमाम उम्र जो हमसे बेरुखी की सबने,
कफन में हम भी अजीजों से मुह छुपा कर चले।
लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग,
ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये।
वही तफरीक का आलम है बाद-ए-मर्ग भी यारों,
न कतबे एक जैसे हैं न कब्रें एक जैसी हैं।
अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे।
तेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िंदगी मैंने,
गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे।
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िंदगी,
हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत ना मिली।
मेरी ज़िंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए।
ले रहा है तू खुदाया इम्तेहाँ दर इम्तेहाँ,
पर स्याही ज़िंदगी की खत्म क्यूँ होती नहीं।
तसव्वर में न जाने कातिबे-तकदीर क्या था,
मेरा अंजाम लिखा है मेरे आगाज से पहले।
मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम,
गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
खबर सुनकर मरने की वो बोले रक़ीबों से,
खुदा बख्शे बहुत-सी खूबियां थीं मरने वाले में।
किससे महरूम-ए-किस्मत की शिकायत कीजे,
हमने चाहा था कि मर जायें सो वो भी नहीं हुआ।
मुझे रुला कर सोना तो तुम्हारी आदत बन गई है,
गर मेरी आँख न खुली तो तुम तडपोगे बहुत।
जनाजा रोक कर मेरा वह इस अंदाज से बोले,
गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।
मैं अब सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ दे,
कब्र पर मेरी तू उसके साथ आना छोड़ दे,
हो सके गर तू खुशी से अश्क पीना सीख ले,
या तू आँखों में अपनी काजल लगाना छोड़ दे।
किसी दिन तेरी नजरों से दूर हो जायेंगे हम,
दूर फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम,
मेरी यादों से लिपट कर रोने लगोगे,
जब ज़मीन को ओढ़ कर सो जायेंगे हम।
अभी से क्यों छलक आये तुम्हारी आँख में आँसू,
अभी छेड़ी कहाँ है दास्तान-ए-ज़िंदगी मैंने।
तुम्हारी याद में आँसू बहाना यूँ भी जरूरी है,
रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता।
बहुत अजीब हैं तेरे बाद की ये बरसातें भी,
हम अक्सर बन्द कमरे में भीग जाते हैं।
जो हैरान है मेरे सब्र पर उनसे कह दो,
जो आँसू जमीं पर नहीं गिरते दिल चीर जाते हैं।
फिर आज आँसुओं में नहाई हुई है रात,
शायद हमारी तरह ही सताई हुई है रात।
लिखना तो था कि खुश हूँ तेरे वगैर भी,
आँसू मगर कलम से पहले ही गिर पड़े।
न जाने कौन सा आँसू मेरा राज़ खोल दे,
हम इस ख़्याल से नज़रें झुकाए बैठे हैं।
उसने बस यूँ ही उदासी का सबब पूछा था,
मेरी आँखों में सिमट आये समंदर सारे।
बारिशें हो ही जाती हैं शहर में फ़राज़,
कभी बादलों से तो कभी आँखों से।
चैन मिलता था जिसे आ के पनाहों में मेरी,
आज देता है वही अश्क निगाहों में मेरी।
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
तमाम उम्र जिन आँखों को झील लिखते रहे।
101+ 4 Line Heart Touching Shayari in Hindi
पिरो दिये मेरे आँसू हवा ने शाखों में,
भरम बहार का वाकी रहा आँखों में।
बहना कुछ अपनी चश्म का दस्तूर हो गया,
दी थी खुदा ने आँख पर नासूर हो गया।
ये सानेहा भी मोहब्बत में बार-हा गुजरा,
कि उस ने हाल भी पूछा तो आँख भर आई।
कमजोर हुए अश्कों से घर के दरो-दीवार,
रोने के लिये लेंगे किराए का मकाँ और।
आज अश्क से आँखों में क्यों हैं आये हुए,
गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए।
तू इश्क की दूसरी निशानी दे दे मुझको,
आँसू तो रोज गिर कर सूख जाते हैं।
अजीब कहर पड़ा अब के साल अश्कों का,
कि आँख तर ना हुई खूं में नहा कर भी।
देगा अगर दर्द तो खुद भी डूबेगा,
वो एक शख्स जो आँखों में रहता है।
जो आँसू आँख से अचानक निकल पड़ें,
वजह उनकी ज़बान से बयां नहीं होती।
उस अश्क की तासीर से अल्लाह बचाये,
जो अश्क आँखों में रहे और न बरसे।
जाहिर नहीं करता पर मैं रोज रोता हूँ,
शहर का दरिया मेरे घर से निकलता है।
शायद तू कभी प्यासा फिर मेरी तरफ लौट आये,
आँखों में लिए फिरता हूँ दरिया तेरी खातिर।
जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की,
जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।
प्यास बुझ जाये ज़मीं सब्ज़ हो मंज़र धुल जाये,
काम क्या क्या न इन आँखों की तरी आये है।
अगर कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा,
इतनी मोहलत न मिली तो क्या होगा,
रोज़ कहते हो कल मिलेंगे कल मिलेंगे,
कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा।
वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन,
फिर यूँ हुआ के मर के दिखाना पड़ा मुझे।
तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हूँ मैं,
वरना मरने का इरादा तो रोज होता है।
अपने क़ातिल की ज़ेहानत से परेशान हूँ मैं,
रोज़ इक मौत नए तर्ज़ की ईजाद करे।
जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम,
मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का।
ओढ़ कर मिट्टी की चादर बेनिशान हो जायेंगे,
एक दिन आएगा हम भी दास्ताँ हो जायेंगे।
सौ जिंदगी निसार करूँ ऐसी मौत पर,
यूँ रोये ज़ार-ज़ार तू अहल-ए-अज़ा के साथ।
उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी,
बहार आई है तो पैगाम मौत का लाई है।
ऐ मौत तुझे भी गले लगा लूँगा जरा ठहर,
अभी है आरज़ू सनम से लिपट जाने की।
मौत से क्यों इतनी दहशत जान क्यों इतनी अजीज,
मौत आने के लिए है, जान जाने के लिए है।
कोई नही आएगा मेरी जिदंगी में तुम्हारे सिवा,
बस एक मौत ही है जिसका मैं वादा नही करता।
कितना दिल-फरेब होगा वो मेरी मौत का मंजर,
मुझे ठुकराने वाले मेरे लिए आँसू बहायेंगे।
मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई,
मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई,
कुछ पल की मोहलत और दे दे ऐ खुदा,
उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।
तुम मेरी कब्र पे रोने मत आना,
मुझसे प्यार था ये कहने मत आना,
दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में हूँ,
जब सो जाऊं तो मुझे जगाने मत आना।
वादे भी उसने क्या खूब निभाए हैं,
ज़ख्म और दर्द तोहफे में भिजवाए हैं,
इस से बढ़कर वफ़ा कि मिसाल क्या होगी,
मौत से पहले कफ़न का सामान ले आये हैं।
मेरी किसी खता पर नाराज न होना,
अपनी प्यारी से मुस्कान कभी न खोना,
सुकून मिलता है देखकर आपकी हँसी को,
मुझे मौत भी आ जाये तो भी न रोना।
वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे,
काश एक वादा ही उसने निभाया होता,
मौत का किसको पता कि कब आएगी,
पर काश उसने जिंदा जलाया न होता।
हम अपनी मौत खुद मर जायेंगे सनम,
आप अपने सर पर क्यूँ इलज़ाम लेते हो,
जालिम है दुनिया जीने न देगी आपको,
आप क्यूँ अपने सर पर इलज़ाम लेते हो।
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।
ये जमीं जब खून से तर हो गयी है,
ज़िंदगी कहते हैं बेहतर हो गयी है,
हाँथ पर मत खींच बेमतलब लकीरें,
मौत हर पल अब मुक़द्दर हो गयी है।
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे,
मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे।
वादा करके और भी आफ़त में डाला आपने,
ज़िन्दगी मुश्किल थी अब मरना भी मुश्किल हो गया।
टपक पड़ते हैं आँसू जब तुम्हारी याद आती है,
ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीं होता।
निकल जाते हैं तब आँसू जब उनकी याद आती है,
जमाना मुस्कुराता है मोहब्बत रूठ जाती है।
उनके साथ जीने का एक मौका दे दे ऐ खुदा,
तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे।
जब जान प्यारी थी तब दुश्मन हजार थे,
अब मरने का शौक है तो कातिल नहीं मिलते।
मैं जो चाहूँ तो अभी तोड़ लूँ नाता तुम से,
पर मैं बुजदिल हूँ मुझे मौत से डर लगता है।
ढूढ़ोगे कहाँ मुझको मेरा पता लेते जाओ,
एक कब्र नयी होगी एक जलता दिया होगा।
दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता,
चन्द कालियां लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता,
आये हो मेरी मय्यत पर सनम नक़ाब ओढ़ कर तुम,
अगर ये चांद का टुकडा दिखा जाते तो क्या जाता।
125+ One Sided Love Shayari in Hindi
जो आपने न लिया हो, ऐसा कोई इम्तिहान न रहा,
इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहा,
है कोई बस्ती जहां से न उठा हो ज़नाज़ा दीवाने का,
आशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रिस्तान न रहा।
अब तलक हम मुन्तजिर हैं जिनके,
उनको हमारा ख्याल तक न आया,
उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी,
और उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया।
लम्हा लम्हा सांसें ख़त्म हो रही हैं,
जिंदगी मौत के आगोश में सो रही है,
उस बेवफा से न पूछो मेरी मौत के वजह,
वही तो कातिल है दिखाने को रो रही है।
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता,
किसी की बर्बादी का किस्सा सुनाया नहीं जाता,
एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को,
क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता।
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे,
सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे,
जितना जी चाहे सता लो मुझको,
एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।
हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें,
आकर वो पास सारा दिन रोते रहे,
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो,
कफ़न में आँखें बंद करके सोते रहे।
प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं,
चिराग यादों के जलाये बैठे है,
हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में,
ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।
हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान ना लो,
करके बेरुखी मेरी तुम जान ना लो,
एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे,
हमारी मौत का खुद पर इल्ज़ाम ना लो।
मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं,
शमा के पीछे परवाने चले आते हैं,
तुम्हें याद ना आये तो चले आना मेरी मौत पर,
उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।
आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई,
आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई,
आ रही है जिस्म की दीवार गिरने की सदा,
एक अजब ख्वाहिश थी जो अबके बरस पूरी हुई।
चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो,
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो,
जिंदगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो,
मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो।
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम,
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा,
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।
पहले ज़िन्दगी छीन ली मुझसे,
अब मेरी मौत का वो फायदा उठाती है,
मेरी कब्र पे फूल चढाने के बहाने,
वो किसी और से मिलने आती है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ अचानक मौत पर शायरी (Achanak Maut Par Shayari) बताई है। जो कि आशा करती हैं कि आपको काफी ज्यादा पसंद आई होगी और अपने सभी शायरी को पसंद किया होगा पढ़ते समय आपको अच्छा भी लगा होगा। अगर आपको हमारी यह शायरी पसंद आई हो तो आप मुझे अपने दोस्तों में भी शेयर करें ताकि वह भी इन शायरियों को पढ़ सके।