110+ Gaddar Dost Shayari in Hindi | गद्दार दोस्त शायरी (2024)
दोस्तों क्या आपने गद्दार दोस्तों की शायरी पढ़ी हैं या सुनी हैं? यदि आपने गद्दार दोस्त शायरी (Gaddar Dost Shayari) पढ़ी या सुनी नहीं है और आप गद्दार दोस्तों की शायरी पढ़ना चाहते हैं तो आप विल्कुल सही वेबसाइट पर आए हैं। क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए 110+ Gaddar Dost Shayari लेकर आए हैं।
जब भी हम किसी से सच्ची दोस्ती करते हैं और हमारा दोस्त हमें धोखा दे देता है और हमारे साथ गद्दारी कर बैठता है तो हमें बहुत ही दुख होता है क्योंकि वह दोस्त जिसे हमने अपने भाई से बढकर समझा था वह हमें धोका दे कर चला जाता है तो हम उदास हो जाते हैं। इस उदासी को जाहिर करने के लिए हम अपने स्टेटस पर गद्दार दोस्त शायरी (Gaddar Dost Shayari in Hindi) लगा सकते हैं।
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मत करना किसी दोस्त पर नाज,
अक्सर दोस्त ही निकलते है गद्दारबाज।
कभी किसी पर ज्यादा विश्वास मत करो जानी,
यहां दोस्त भी धोखा दे दिया करते हैं।
मत करो यहाँ हर किसी पे एतबार,
ये मतलबी दुनिया है जनाब,
यहाँ हर कोई निकलता है गद्दार।
सीने में धधकते फ़िर कुछ अंगार निकले हैं,
गद्दार कुछ जिगरी यार निकले हैं।
हर वक्त मेरी जुबां पर दोस्तों का ही नाम आया,
पर मेरे बुरे वक्त में कोई दोस्त न काम आया।
कौन कहता है कि सिर्फ मोहब्ब्त बेवफा होती है,
हमने दोस्ती में भी धोखे खाए है।
जिस दोस्ती पर हमेंबहुत था एतबार,
कैसे बताएं किसी कोवो दोस्त भी निकला गद्दार।
मुझको बड़ा अभिमान था मेरे उस जिगरी यार,
पर धोखा दिया उसने विश्वास था जिस गद्दार पर।
वो जो अपना था हुंसे है खफा,
पता नही किस से हुई थी क्या ख़ाता,
बे-वजह दिल नही टूट-ता किसी का,
तुम थे या हम थे बेवफा।
मोहब्बत हो जाती है दुश्मन से भी,
जब कोई यार यारी में गद्दारी कर दे।
गद्दार दोस्त से बेहतर,
तो ईमानदार “दुश्मन” अच्छा होता है।
समझ लेते हैं हम उनकी दिल की बात को,
वो हमें हर बार धोका देते है,
लेकिन हम भी मजबूर हैं दिल से,
जो उन्हें बार बार मौका देते हैं।
पहले ज़िंदगी छीन ली मुझसे,
अब वो मेरी मौत का भी फ़ायदा उठाती है,
मेरी क़बर पे फूल चढाने के बहाने,
वो किसी और से मिलने आती है।
यू तो कोई तन्हा नही होता,
चाहकर किसी से कोई जुदा नही होता,
मोहब्बत को मजबूरिया ही ले डूबती है,
वरना खुशी से कोई बेवफा नही होता।
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मोहब्बत से ज्यादा दोस्ती पर गुमान था,
मेरा दोस्त मेरे लिए मेरी जान था,
आखिर धोखा दिया उस दोस्त ने भी,
जिसके लिए मै जान देने को तैयार था।
शहर में हमदम पुराने बहुत थे नासिर;
वक़्त पड़ने पर मेरे काम ना आया कोई।
ग़मों की बरसात समेटे बैठा हूँ,
किसी बेवफा से धोखा खाया बैठा हूँ,
जाने कब देगा उपरवाला मुझे मौत,
खुदा के भरोसे आस लगाये बैठा है,
पी लेते हैं एक दूसरे की जूठी सिगरेट भी,
दोस्ती किसी और की मोहताज नहीं होती।
मोहब्बत से ज्यादा दोस्ती पर गुमान था,
मेरा दोस्त मेरे लिए मेरी जान था,
आखिर धोखा दिया उसे दोस्त ने भी,
जिसके लिए मैं जान देने को तैयार था।
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो,
वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते है।
कुछ वक्त के लिए वक्त और किस्मत क्या खराब हो गए,
कभी जिन दोस्तों की मिसाइल दिया करते थे,
आज वह कुत्ते भी गद्दार हो गए।
इस छोटी सी जिंदगी में बहुत सारे यार मिले,
कुछ गद्दार तो कुछ वफादार मिले।
तेरी गद्दारी को भी तेरी मौत के साथ खत्म कर देंगे,
तेरे जैसे दोस्त से तो रिश्ता ही खत्म कर देंगे।
जब घाव मेरे दिल के भर जाएंगे,
मेरे आंसू मोती बनकर बिखर जाएंगे,
दुनिया वालों मत पूछो किसने धोखा दिया,
वरना कुछ दोस्तों के चेहरे उतर जाएंगे।
दोस्ती ने दिए सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई भी अच्छा ना लगे,
तुझे करनी हो बेवफाई तो इस अदा से करना,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफा ना लगे।
दोस्ती करने से पहले,
दोस्त को आजमाना चाहिए,
लोग यहां दोस्ती के नाम पर,
बर्बाद कर दिया करते हैं।
दोस्ती का मेरी अच्छा सिला दिया उसने,
मुसीबत में मेरी मुझे भुला दिया उसने।
एतबार करने का दोस्तों पर दौर बीत गया,
बदलने का हर दोस्त अब हुनर सीख गया।
धो लेते हैं घाव को दिल के मैं खाने के जाम से,
नफरत हो गई है मुझे अब दोस्ती के नाम से।
मेरे कुछ दोस्त बुरे वक्त में मेरी कमियां बिना रहे हैं,
होकर मतलबी वो अब दोस्ती के मायने बता रहे हैं।
दिल के हाथों मजबूर होकर मौका देते हैं,
तभी तो दिल में बसने वाले धोखा देते हैं।
पीठ पीछे बोलने वाले सभी पराये नहीं होते,
कुछ अपने गद्दार दोस्त भी होते है।
दोस्ती का मेरी अच्छा सिला दिया उसने,
मुसीबत में मेरी मुझे भुला दिया उसने।
दोस्त बना कर वो खेल रचा रहा था,
मेरी मोहब्बत को मुझसे छीन कर अपनी बना रहा था,
दोस्ती नाम को भी वो कलंक लगा रहा था,
मै उस बेवफा दोस्त के धोखे में आ रहा था।
बड़ा गुरूर मुझको मेरे यार पर था,
बाद में पता चला मेरा ऐतबार इक गद्दार पर था।
जब दोस्त ही शामिल हो, दुश्मनों की चाल में,
तब शेर भी फास जाता है मकड़ी की जाल में।
हर वक्त मेरी जुबां पर दोस्तों का ही नाम आया,
पर मेरे बुरे वक्त में कोई दोस्त न काम आया।
सच्ची दोस्ती में दोस्त को आजमाना गलत होता है,
दोस्ती के नाम पर गद्दारी निभाना कहां सही होता है।
दोस्ती तोड़ दी ना जाने दुःखी किस बात से था,
पर आज भी लगता है वो वाकिफ़ मेरी हर जज्बात से था।
मेरी दोस्ती का उसने अच्छा सिला दिया,
मेरी मुफलिसी में उसने मुझको ही भुला दिया।
इस जहां में कोई नहीं बचा ऐतबार के काबिल,
दोस्त धोखा दे जाते हैं अब तो झूठे प्यार के खातिर।
दोस्त पर था विश्वास उसने तोड़ दिया था,
अपनी मोहब्बत को हमने दोस्त के लिए छोड़ दिया था,
उस दोस्त ने भी हमसे धोखा किया,
जिसके लिए हमने अपनी मोहब्बत को बेवफा बोल दिया था।
दोस्ती के अब मतलब बदल गये है,
जब से मतलब की दोस्ती होने लगी है।
दुश्मनों से तो हमेशा बचोपर ऐसे दोस्तों से भी बचो,
जो दोस्ती की आड़ मेंतुम्हारे साथ दुश्मनी निभाते है।
जो हमारे अपने हैं करते बैरी सा व्यवहार,
क्या कहे किसी से जब दोस्त बने गद्दार।
मित्रता का ओढ़कर चोला मन का भेद लेते वो,
मुंह आगे आदर करते विपदा से घेर देते वो।
दोस्ती जिन्दगी बदल देती हैं,
पर कुछ दोस्त ही बदल देते हैं।
दुश्मनों के दिल को करार आएगा,
जब दोस्तों के बीच में दरार आएगा।
दोस्ती तोड़ दी ना जाने दुःखी किस बात से था,
पर आज भी लगता है वो वाकिफ़ मेरी हर जज्बात से था।
जब दोस्त ही शामिल हो गद्दारों की चाल में,
फिर क्यों पड़ना दोस्ती के जाल में।
सोचता था कि मेरा दोस्त कभी साथ नहीं छोड़ेगा,
पता नहीं था की जरूरत के वक्त ही वह विश्वास तोड़ेगा।
जब जब जिंदगी में बुरा वक्त आता है,
मतलबी दोस्तों के चेहरे से नकाब उठ जाता है।
इस दुनिया में यह दोस्ती एक दिखावा है,
जरूरत के समय मिलेगा धोखा यह दावा है।
दुनिया के मतलबी दोस्त हाथों में पत्थर लेकर,
बोलो मैं कहां जाऊं अपनी इस दोस्ती का मुकद्दर लेकर।
जिंदगी को जीने का ऐसा कुछ अंदाज़ करो,
मतलबी दोस्तों को हरदम नजरअंदाज करो।
पूछा जब किसी ने की दोस्ती चलती कब तक है,
कह दिया मैंने भी की दोस्त की जरूरत जब तक है।
इस दुनिया में स्वार्थ के दोस्त बहुत मिल जाएंगे,
मतलब पूरा होती ही सब बिक राह मैं छोड़ जाएंगे।
दोस्ती के बीच जब मतलब आता है,
तब धोखा देने का मकसद आ जाता है।
दिखा करके छुपा करके हर पैतरा आजम करके,
गद्दारी की मेरे जिगरी दोस्त ने अपना मुझे बना करके।
मेरी यारी का अच्छा सिला दिया उसने,
मुसीबत में मेरी मुझको ही भुला दिया उसने।
दुश्मन से हमेशा बचो, और दोस्त से उस वक्त,
जब वो तुम्हारी तारीफ़ तुम से करने लगे।
दिल टूट जाए दोस्ती पर इतना ऐतबार मत करो,
जीना मुश्किल हो जाए किसी से इतना प्यार मत करो।
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विश्वास टूट जाएगा दोस्ती पर ज्यादा ऐतबार न करना,
मुश्किल हो जाएगा जीना दोस्तों से इतना प्यार न करना।
उल्टी राय मशवरा देकर उल्टे काम कराते हैं,
दोस्ती में दगा दे जाते पग पग हार दिलाते हैं।
प्रगति पथ उजियारा उनको तनिक नहीं भाता है,
अड़चनें नित नई सखे हमें वही मित्र भिजवाता है
दोस्तों पर ऐतबार करने का दौर बीत गया,
हर कोई वक्त-बेवक्त बदलने का हुनर सीख गया।
अब तो लोग फटे हुए कपड़ो को नही सिलते हैं,
दोस्त भी दिलों में नफरत लिए सादगी से मिलते हैं।
आस्तीन का सांप पालकर जीवन हो जाता दुश्वार,
कैसे पहचाने अपनों को हम जब दोस्त बने गद्दार।
हम अपना सब कुछ लुटा देते थे अपने दोस्तों की खातिर,
पर अब तक कोई ना मिला हमें अपनी दोस्ती के काबिल।
हर किसी ने दिखा दी हमें अपनी असली औकात,
दोस्ती के नाम पर हर किसी ने किया विश्वासघात।
छल छिद्रों से भरे हुए वो चकाचौंध के कायल है
दगाबाजो से अपनी ये भारत माता भी घायल है।
दोस्ती के अब मतलब बदल गये है,
जब से मतलब की दोस्ती होने लगी है।
मतलबी लोगों की मीठी बात,
सम्भाल कर रखे अपनी जज्बात।
हम मतलबी नहीं कि चाहने वालो को धोखा दे,
बस हमें समझना हर किसी की बसकी बात नहीं।
खेल है नसीब का ये सारा का सारा,
क्या करेगा ऐसे में तकदीर का मारा,
उसकी कदर की मैंने जिस कदर,
बेकदर हुआ मैं बेचारा कुछ इस कदर।
जब दोस्त धोखा देते हैं,
तो ज्ञानरुपी आँखे खुल जाती है।
किस्मत को बदलता देखा है मैंने,
मौसम भी बदलते देखे हैं मैंने,
दुश्मनों को देखा है दुश्मनी निभाते हुए,
दगाबाजी करते हुए दोस्तों को भी देखा है मैंने।
खुद के अलावा किसी और से कोई आस मत रखना,
धोखा खा चुके हैं बहुत अब दोस्ती पर विश्वास मत करना।
वो दौर गया जब बेमतलब मिल लिया करते थे,
अब तो दोस्त भी घर पर पॉलिसी बेचने आया करते हैं।
मुंह के आगे जो दोस्त प्यार करते हैं,
पीठ पीछे वो ही अक्सर वार करते हैं।
जहाँ आस होती हैं वहाँ विश्वास होता हैं,
जहाँ विश्वास होता हैं वहीं तो विश्वासघात होता हैं।
दिल के घाव को धो लेते है आँसुओ के जाम से,
दुश्मनी ऐसे करो कि नफ़रत हो जाए दोस्ती के नाम से।
मतलबी दोस्त ऐसे होते है जनाब,
जो अपने मतलब के लिएकिसी भी हद तक जा सकते है।
दोस्ती जिन्दगी बदल देती हैं,
पर कुछ दोस्त ही बदल देते हैं।
हम भूल क्या गए की दुनिया मतलबी है,
देर न लगाई दोस्तों ने याद दिलाने में।
खुशी और जरूरत के लिए हर शख्स यार होता है,
मुसीबत में पता चल जाता है कि कौन गद्दार होता है।
दोस्त से धोखा खाकर,
दोस्ती निभाना बड़ा मुश्किल हो जाता है
कुछ दोस्त आपके लिए आपकी जान होते हैं,
लेकिन वो ऊपर से आपके और दिल से शैतान होते हैं।
चेहरे का रंग देख कर दोस्त मत बनाना,
तन का काला चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।
मतलब निकलने के बाद मेरा दोस्त मुझे जानता ही नहीं,
जान देता था मैं उस पर लेकिन अब वो मुझे पहचानता ही नहीं।
दुश्मनों के दिल को भी बड़ा करार आता है,
जब अपना दोस्त ही सबसे बड़ा गद्दार निकलता है।
धोखा खाना दोस्ती में अब तो आम हो चुका है,
दगाबाजी अब दोस्ती का पहला नाम हो चुका है।
वक़्त के साथ लोग बदल रहे हैं,
अब तो दोस्त भी मतलबी हो रहे हैं।
मतलबी दुनिया में प्यार हो या यार,
अब तो दोस्त भी निकलते है गद्दार।
कोहनी पर टिके हुए लोग,
टुकङों पर बिके हुए लोग,
करते हैं बरगद की बातें,
ये गमले में उगे हुए लोग
मतलबी लडकी से अच्छी तो मेरी सिगरेट है यारो,
जो मेरे होठ से अपनी जिंदगी शुरू करती है,
ओर मेरे कदमो के नीचे अपना दम तोड देती है।
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जब वक्त अच्छा था तब दुश्मन सभी दोस्त बन गए,
वक्त जब आया बुरा तो दगाबाज दोस्त दुश्मन बन गए।
अच्छे दोस्त वो होते हैं जो आपकी मदद लेने के बाद,
आपको शुक्रिया कहने ज़रूर आते हैं,
और मतलबी दोस्त वो होते हैं जो मतलब पूरा होने के बाद,
फिर कभी नज़र नहीं आते हैं।
जरूरत पड़ने पर दोस्ती और प्यार के टूट गए धागे,
हो गई छोटी औकात हमारी दोस्तों के व्यापार के आगे।
कौन किसको दिल में जगह देता हैं,
सूखे पत्ते तो पेड़ भी गिरा देता हैं,
वाकिफ हैं हम दुनिया के रिवाजो से,
मतलब निकल जाये तो हर कोई भुला देता हैं।
जिंदगी में मेरी दोस्त जो वफादार था,
दूसरों से पता चला कि यार वो दगाबाज था।
हम मतलबी नहीं की चाहने वालो को धोखा दे ,
बस हमें समझना हर किसी की बसकी बात नही।
कितनी ही शिद्दत से निभा लो रिश्ता,
दिल का बदलने वाले बदल ही जाते हैं
न जाने कैसे ऐसा वो काम कर जाते हैं,
दोस्ती जैसे पवित्र रिश्ते को बदनाम कर जाते हैं।
किसी ने जब पूछा मुझसे कि दोस्ती कब तक चलती है,
तो मैंने भी कह दिया कि बस मतलब तक चलती है।
दुश्मन को जलाना और दोस्त के लिए,
जान की बाजी लगाना फितरत है हमारी।
जिंदगी ज़ख्मों से भरी है वक़्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल, दोस्तों के साथ जिंदगी जीना सीख लो।
ज़रुरत होती है तो आ जाते हैं मिलने आज भी कुछ दोस्त,
और ज़रुरत नहीं होता तो याद भी नहीं करते वो दोस्त।
धोखा दिया है तुमने तुम भी एक दिन पछताओगे,
ठोकर खाकर इस जमाने की तुम भी आंसू बहाओगे।
जमाने की दोस्ती देखी है और देखे हैं धोखे,
लूट लेते हैं अपने ही दोस्त जब मिलते है मौके।
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वो रोता हुआ हमारे पास आया था,
हमने गले लगा कर उसे समझाया था,
आखिर धोखा किया उसने हमारे साथ,
जिसको हमने अपना दोस्त बनाया था।
किसी पर ज्यादा विशवास मत करो मेरे दोस्त,
इस दुनिया में अपने भी धोका दिया करते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए गद्दार दोस्त शायरी (Gaddar Dost Shayari) कर आए, उम्मीद करता हूँ आपको ऊपर लिखी गद्दार दोस्त शायरी (Gaddar Dost Shayari) पसंद आई होंगी। हम अपनी इस वेबसाइट पर और भी कई प्रकार की शायरी और सुविचार लेकर आते रहते हैं। यदि आप अन्य प्रकार की शायरी और सुविचार पाना चाहते हैं तो जुड़े रहिए “Suvicharin.com” वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।