Best 101+ Ignore Shayari in Hindi | इग्नोर शायरी हिंदी में (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101+ Ignore Shayari इग्नोर शायरी बताई है। दोस्तों हमारे जीवन में बहुत सारी ऐसी परिस्थितियों होती हैं जिसमें बहुत सारे लोग हमें इग्नोर करने लगती है। और छोटी छोटी सी बात पर हमें इग्नोर करना शुरू कर देते हैं आना की हमारी कोई गलती नहीं होती है लेकिन मैं फिर भी हमें इग्नोर करते हैं और हमसे बात नहीं करते हैं।
आपका व्यवहार चाहे कितना भी अच्छा क्यों ना हो लेकिन जब उनको इग्नोर करना होता है तब पहले आपकी छोटी-छोटी सी गलतियों को भी बड़ी गलतियां की तरह मानने लगती है। ऐसे लोगों के लिए हमने आज के इस आर्टिकल में आपको 101 से भी ज्यादा Ignore Shayari इग्नोर शायरी बताई है जो की बहुत ही ज्यादा अच्छी शायरी है। तो लिए दोस्तों जानते हैं 101 से भी ज्यादा इग्नोर शायरी कौन सी है।
105+ Dhokebaaz Shayari in Hindi
जिस इंसान के लिए हमने अपनी पलके बिछाई,
आज उस इंसान ने ही हमें इग्नोर किया मेरे भाई।
जताता नहीं लेकिन दिल से आज भी वो मुझे प्यार करता है,
उसे दुनिया का डर है इसलिए मुझे नजरअंदाज करता है।
अपनी लाइफ में एक ऐसा अंदाज रखो,
जो तुम्हें समझ ना सके उसे फिर नजर अंदाज करो।
जब कोई नजर अंदाज करें,
तो उसे नजर आना ही छोड़ दो।
मुझे नजर अंदाज ही करना हो तो शिद्दत करना,
कहीं नजर आ गया तो अंदाज बदल जाएगा।
वह आज भी करती है नजरअंदाज तो बुरा क्यों मानूं,
टूट कर चाहने वालों को रुलाना रिवाज है इस दुनिया का।
कुछ यूँ वह अपना प्यार बयां कर रहे है,
आजकल वह हमें नजरअंदाज कर रहे है।
तुझे ना सही मुझसे बिना वजह बात करने की आदत,
तो हम भी तुझे नहीं सताएंगे।
और तेरा ऑनलाइन रहकर भी मुझे रिप्लाई ना करना,
मुझे बहुत रुलाता है।
तू तंग आ चुका है मुझसे तो तेरा वक्त बर्बाद नहीं करूंगा,
मैं सब कुछ करूंगा तेरे लिए पर अब तुझसे बात नहीं करूंगा।
कर लो जिस जिसको इग्नोर करना है,
मेहनत की खानी है तुम्हे कोनसा मेरा पेट भरना है।
और अपनी ये हरकते याद रखना,
कुछ दिन बाद मैंने इससे भी बुरा इग्नोर करना है।
पहले कोई इग्नोर करता था तो गुस्सा आता था,
अब सही लगता है सब दूर-दूर रहो।
किसी से जबरदस्ती मत करो बात करने के लिए,
जो दिल से बात करता हैं वो इग्नोर कभी नहीं करते।
बुरा तो लगता है जब हम एक ही इन्सान से,
बात करना चाहते हों और वो हमें इग्नोर करता हो।
कोशिश जारी थी नज़रें मिलाने की,
लेकिन उन्होंने इग्नोर करना बेहतर समझा।
जब कोई नजर में रखकर भी नजरअंदाज करे,
तो समझिये कि उसकी नजर आप पर ही है।
जो आपकी खूबियां छोड़ हर दफा आपकी कमियो पर गौर करें,
बेहतर यही होगा कि आप उन्हें इग्नोर करें।
उन लोगों को कभी नजरअंदाज मत करो जो तुम्हारी परवाह करते हैं,
और उन लोगों की कभी परवाह मत करो जो तुम्हें नजर अंदाज करते हैं।
जब लोगों का मन भर जाता है,
तो वह आपको इग्नोर ही करने लगते हैं।
मैं प्यार करता हूं आपसे इसलिए भाव देता हूं,
वरना इग्नोर करने में मैं डिग्री हासिल कर रखी है।
काश तुझे मेरी बहुत ज्यादा जरूरत हो मेरी तरह,
और मैं तुझे बहुत ज्यादा नजरअंदाज करूं बिल्कुल तेरी तरह।
हम किसी को भी इग्नोर नहीं करते,
और प्यार में टूटे हुए दिल अक्सर बात नहीं करते।
न जाने क्यों वह अब हमें इतना इग्नोर करने लगे हैं,
लगता है शायद अब वह भी किसी और से प्यार करने लगे हैं।
बात नहीं करनी हुआ करे तो मत किया करो,
लेकिन कम से कम हमको इग्नोर तो ना किया करो।
तुम्हारा अपना वो है जो तुम्हे,
किसी और के लिए इग्नोर न करे।
अपने घर की खिड़की से मैं आसमान को देखूँगा,
जिस पर तेरा नाम लिखा है उस तारे को ढूँढूँगाi
तुम भी हर शब दिया जला कर पलकों की दहलीज़ पर रखना,
मैं भी रोज़ एक ख़्वाब तुम्हारे शहर की जानिब भेजूँगा।
इश्क़ फिर वो रंग लाया है कि जी जाने है,
दिल का ये रंग बनाया है कि जी जाने है।
नाज़ उठाने में जफ़ाएं तो उठाई लेकिन,
लुत्फ़ भी ऐसा उठाया है कि जी जाने है।
मैं तेरे प्यार में इतना ग़ुम होने लगा हूँ,
जहाँ भी जाऊं बस तुम्हें ही सामने पाने लगा हूँ।
हालात यह हैं कि हर चेहरे में तू ही तू दिखता है,
ऐ मेरे खुदा अब तो मैं खुद को भी भुलाने लगा हूँ।
दिल के लुट जाने का इज़हार ज़रूरी तो नहीं,
यह तमाशा सरे बाजार ज़रूरी तो नहीं।
मुझे था इश्क़ तेरी रूह से और अब भी है,
जिस्म से कोई सरोकार ज़रूरी तो नहीं।
दुःख में ख़ुशी की वजह बनती है मोहब्बत,
दर्द में यादों की वजह बनती है मोहब्बत।
जब कुछ भी अच्छा ना लगे हमें दुनिया में,
तब हमारे जीने की वजह बनती है मोहब्बत।
फूलों की याद आती है काँटों को छूने पर,
रिश्तों की समझ आती है फासलों पे रहने पर।
कुछ जज़्बात ऐसे भी होते हैं जो आँखों से बयां नहीं होते,
वो तो महसूस होते हैं ज़ुबान से कहने पर।
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ,
ज़िंदगी अपनी तेरी चाहत में सवार लूँ।
मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी,
सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ।
यूँ नज़रों से आपने बात की और दिल चुरा ले गए,
हम तो समझे थे अजनबी आपको,
पर दे कर बस एक मुस्कुराहट अपनी,
आप तो हमें अपना बना गए।
अब आएं या न आएं इधर पूछते चलो,
क्या चाहती है उनकी नज़र पूछते चलो।
वो हमें इग्नोर करते हैं तो क्या हुआ यारो,
कोई तो उनकी ख़बर पूछते चलो।
फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम,
प्यार में झलकता जाम हो तुम।
सीने में छुपाये फिरते हैं चाहत तुम्हारी,
तभी तो मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम।
अगर मैं हद से गुज़र जाऊं तो मुझे माफ़ करना,
तेरे दिल में उतर जाऊं तो मुझे माफ़ करना।
रात में तुझे तेरे दीदार की खातिर,
अगर मैं सब कुछ भूल जाऊं तो मुझे माफ़ करना।
101+ 4 Line Heart Touching Shayari in Hindi
इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है,
दूर रहकर भी कितने करीब होते है।
मेरी बर्बादी का गम न करो,
ये तो अपने अपने नसीब होते हैं।
वो खुद पर गरूर करते है तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं,
जिन्हें हम चाहते है वो आम हो ही नहीं सकते।
कोई ठुकरा दे तू हंस के सह लेना,
मोहब्बत की ताबित में ज़बरदस्ती नहीं होती।
ये वफ़ा तो उस वक्त की बात है ऐ फ़राज़,
जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे।
जब चाहा उसने अपना बनाया मुझे,
मन भरने पर उसने ठुकराया मुझे।
गुस्सा आता था सिर्फ उसके झूठे प्यार पर,
अब नफरत करना उसने सिखाया मुझे।
क़त्ल तो लाजिम है इस बेवफा शहर में.
जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता है।
उसे प्यार का एहसास दिलाने के लिए मेरा सब कुछ खो गया,
पर नफरत तो सिर्फ दिखाई थी न जाने ब्रेकअप कैसे हो गया।
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
इस टूटे दिल में अब कभी कोई और नहीं होगा,
तुमसे नफ़रत के बाद अब कोई दिलदार नहीं होगा।
नफरत का वार मुझ पर ज़ोर से मारना,
क्योंकि नफरत मुझसे टकराकर प्यार में बदल जाती है।
लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है।
कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके।
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है।
बैठकर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर।
खुदा सलामत रखना उन्हें जो हमें इग्नोर करते हैं,
प्यार न सही नजरअंदाज तो दिल से करते हैं।
कुछ लोग तो मुझसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं,
क्योंकि बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं।
वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी।
हाँ मुझे रस्म ए मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।
तुम्हे पता था की मुझे तोड़ना इतना आसान नहीं,
इसलिए तुमने प्यार का फ़रेबी खेल खेला मेरे साथ।
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,
मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता।
इश्क़ या खुदा को दिल में बसा लो,
दिल से नफरत हमेशा के लिए खत्म हो जायेगी।
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं,
मुझसे जब भी मिलते हैं कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।
किसी ने मुझसे पूछा तुम्हारा शौक क्या है,
मैने हंस कर कहा नफरत करने वालों से मोहब्बत करना।
मुझसे नफरत करने वाले भी कमाल का हुनर रखते हैं,
मुझे देखना तक नहीं चाहते लेकिन नजर मुझपर ही रखते हैं।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ।
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करूँ।
चाह कर भी मुँह फेर नहीं पा रहे हो,
नफरत करते हो या इश्क निभा रहे हो।
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था।
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली दोस्तो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते हैं।
न मोहब्बत संभाली गई न नफरतें पाली गईं,
अफसोस है उस जिंदगी का जो तेरे पीछे खाली गई।।
तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,
मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा।
ज्यादा कुछ नहीं बदला उनके और मेरे बीच में,
पहले नफरत नहीं थी अब मोहब्बत नहीं हैं।
जो आदमी लिमिट में रहता हैं,
वो ज़िन्दगी भर लिमिट में ही रह जाता हैं।
देखना मेरी तुम्हारी नफरतों में खाख ना हो जाए सबकुछ,
हम दोनो को भी आखिर में रहना तो है इसी बस्ती में।
कैसे उन्हें भुलाऊँ मोहब्बत जिन्हों ने की,
मुझ को तो वो भी याद हैं नफ़रत जिन्हों ने की।
अजीब सी आदत और गजब की फितरत है मेरी,
वो हमें नजर अंदाज करते हैं और हम उनसे मोहब्बत।
पूरी दुनिया नफरतों की आग में जल रही है,
फिर भी ना जाने क्यों लोगों को ठंड लग रही है।
ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में,
ज़िन्दों को गिराने मुर्दों को उठाने में।
प्यार करता हूँ इसलिए फ़िक्र करता हूँ,
जो नफ़रत करता तो सिर्फ इग्नोर ही करता।
मुझे ऑनलाइन देखते ही तेरा ऑफलाइन हो जाना,
उफ़ यह तेरी डिजिटल इग्नोर करने का जमाना।
जो मुझे इग्नोर करते हैं शौक से करें,
हर शख्स को मैं अपनी मोहब्बत के काबिल नहीं समझता।
125+ One Sided Love Shayari in Hindi
नफरतों को जलाओ मोहब्बत की रौशनी होगी,
वरना इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है।
हमें इग्नोर तभी करना मेरे भाई,
जब आप हमारे बारे मैं जानते हो,
तब नहीं जब किसी से सुना हो।
हमें इग्नोर करना पसंद है,
लेकिन दिखावे का प्यार नहीं।
इग्नोर करना मैंने सीखा नही कभी दिल से,
हम तो बस मौहब्बत ही रखते है हर किसी से।
ना जाने क्यों कोसते है लोग बदसुरती को,
इग्नोर करने वाले तो हसीन चेहरे होते है।
हाथ में खंजर ही नहीं आंखो मे पानी भी चाहिए,
ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए।
नाराजगी डर नफरत या फिर इग्नोर करना,
कुछ तो जरुर है जो तुम मुझसे दूर दूर रहते हो।
उन्हें नफरत हुई सारे जहाँ से,
अब नयी दुनिया लाये कहाँ से।
इसी लिए तो बच्चों पे नूर सा बरसता है,
शरारतें करते हैं साजिशें तो नहीं करते।
है खबर अच्छी के आजा मुँह तेरा मीठा करें,
तेरा इग्नोर करना बा खुशी दिल को कबूल हुआ।
अगर हमारी उल्फतों से तंग आ जाओ तो बता देना,
हमें इग्नोर करना तो गवारा है मगर दिखावे की मोहब्बत नहीं।
हमें इग्नोर करके सोना तो तेरी आदत ही बन गई है ऐ सनम,
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी।
इग्नोर मत करना मुझसे मुझे अच्छा ना लगेगा,
बस प्यार से कह देना तेरी अब जरुरत नहीं है।
हमें बर्बाद करना है तो हमसे प्यार करो,
इग्नोर करोगे तो खुद बर्बाद हो जाओगे।
हक़ से करो तो तुम्हारा नजर अंदाज़ करना भी सह लें,
और खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।
ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए,
कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है।
एक नफरत ही है जिसे दुनिया चंद लम्हों मैं जान लेती है,
वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो ज़िन्दगी बीत जाती है।
हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां,
जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनियां।
जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी,
जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनियां।
इग्नोर करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मैं,
मोहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूँ में।
मुझे इग्नोर ही करना है तो इरादे मजबूत रखना,
ज़रा से भी चुके तो मोहब्बत हो जाएगी।
तकलीफ ये नही की उंन्हे अजीज कोई और है,
दर्द तब हुआ जब हम नजरअंदाज किये गये।
जब कोई नज़र में रख कर भी नज़रअंदाज करे,
तो समझिये की उसकी नज़र आप पर ही है।
भूला नहीं हूँ तुम्हे और ना कभी भूलूंगा,
बस तुमको नज़रंदाज़ कर रहा हूँ बिलकुल तुम्हारी तरह।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101+ Ignore Shayari इग्नोर शायरी बताई है जो की बहुत ही ज्यादा बेहतर शायरी है बहुत सारे लोगों ने इन शायरियों को पसंद किया है और आशा करते हैं कि आपको भी यह शायरी पसंद आई होगी। अगर आपको हमारी यह इग्नोर शायरी पसंद हो तो आप इसे अपने दोस्तों में भी शेयर कर सकते हैं ताकि वह भी इग्नोर शायरी को पढ़ सके और अगर कोई व्यक्ति उनको इग्नोर करता है तो उसको भी जवाब दे सके।