105+ Pakistani Shayari in Hindi | पाकिस्तान के मशहूर शायरों की शायरी

Pakistani Shayari
Rate this post

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 105+ Pakistani Shayari पाकिस्तानी शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली है। दोस्तों अगर आप भी पाकिस्तान के शायरों को पसंद करते हैं और उनकी शायरी आपको अच्छी लगती है लेकिन आपको उनकी शायरी पढ़ने को नहीं मिल पाती है और आपके घर पर उन्हें की शायरी ढूंढ रहे है तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है तो अब आपकी तरह से खत्म होने वाली है।

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 105 से भी ज्यादा ऐसी शायरी बताई है जो कि पाकिस्तान के शायरों के द्वारा लिखी गई है और अगर आप पाकिस्तानी शायरी को पसंद करती है तो हमारा आज का यह आर्टिकल आपके लिए ही है और आशा करते हैं आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आएगा। तो आएये बिना किसी समस्या की बहुत ही आसानी के साथ जानते हैं 105 से भी ज्यादा Pakistani Shayari पाकिस्तानी शायरी कौन सी है।

Best 105+ Happy New Year Images

pakistani shayari download
pakistani shayari download

हर रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खड़े हैं,

ऐ जिंदगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।

कुछ इस तरह से गुजरी है जिंदगी जैसे,

तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।

जो लोग मौत को जालिम करार देते हैं,

खुदा मिला है उन्हें जिंदगी के मारों से।

यह माना ज़िंदगी है चार दिन की,

बहुत होते हैं यार चार दिन भी।

इत्तेफाक अपनी जगह खुशकिस्मती अपनी जगह,

खुद बनाता है आदमी जहां में अपनी जगह।

साहिल के सुकून से किसे इंकार है लेकिन,

तूफान से लड़ने में मजा ही कुछ और है।

हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी,

जिसको भी देखना हो कई बार देखना।

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,

जिंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो।

मुझे जिंदगी की दुआ देने वाले,

हंसी आ रही है तेरी सादगी पर।

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर,

लोग साथ आते रहे और कारवां बनते गए।

जो गुजारी ना जा सकी हमसे,

हमने वह जिंदगी गुजारी है।

आए ठहरे और रवाना हो गए,

जिंदगी क्या है सफर की बात है।

कुछ भी कहते हैं कहें शह के मुसाहिब जालिब,

रंग रखना यही अपना, इसी सूरत लिखना।

हम ने जो भूल के भी शह का कसीदा न लिखा,

शायद आया इसी ख़ूबी की बदौलत लिखना।

तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहां तख़्त-नशीं था,

उस को भी अपने ख़ुदा होने पे इतना ही यक़ीं था।

कोई ठहरा हो जो लोगों के मुक़ाबिल तो बताओ,

वो कहां हैं कि जिन्हें नाज़ बहुत अपने तईं था।

Pakistani shayari on life
Pakistani shayari on life

आज सोए हैं तह-ए-ख़ाक न जाने यहां कितने,

कोई शोला कोई शबनम कोई महताब-जबीं था।

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,

ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं,

अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं।

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,

तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख।

तेरे इश्क की इंतहा चाहता हूं,

मेरी सादगी देख क्या चाहता हूं।

तू शाही है परवाज है काम तेरा,

तेरे सामने आसमान और भी है।

हजारों साल नर्गिस अपनी बिनोरी पर रोती है,

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदार पैदा।

अपने मन में डूब कर पाजा सुराग-ए-जिंदगी,

तू अगर मेरा नहीं बनता ना बन अपना तो बन।

अच्छा है दिल के साथ रहे पासवान-ए-अक्ल,

लेकिन कभी-कभी इस तनहा भी छोड़ दे।

दुनिया की महफिलों से उकता गया हूं या रब,

क्या लुत्फ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो।

नहीं तेरा नशेमन सुल्तानी के गुंबद पर,

तू शाही है बसेरा कर पहाड़ों की चट्टानों में।

इल्म में भी सुरूर है लेकिन,

यह वह जन्नत है जिसमें हूर नहीं।

दिल से जो बात निकलती है असर रखती है,

पर नहीं ताकत परवाज मगर रखती है।

यूं तो सैयद भी हो मिर्जा भी हो अफगान भी हो,

तुम सभी कुछ हो बताओ मुसलमान भी हो।

अकल तो तनकीद से फुर्सत नहीं,

इश्क पर अमल की बुनियाद रख।

वतन की फिक्र कर नादान मुसीबत आने वाली है,

तेरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में।

तेरे आजाद बन्दों की ना यह दुनिया ना वह दुनिया,

यहां मरने की पाबंदी वहां जीने की पाबंदी।

shayari in urdu
shayari in urdu

अनोखी वजह है सारे जमाने से निराले हैं,

यह आशिक कौन सी बस्ती के या रब रहने वाले हैं।

भूतों से तुझको उम्मीदें खुदा से नौमीदी,

मुझे बता तो सही और काफ़िरी क्या है।

नहीं है ना उम्मीद इकबाल अपनी किश्त-ए-वीरान से,

जरा नाम हो तो यह मिट्टी बहुत जरखेज है सारी।

Best 101+ Happy Chocolate Day Shayari

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,

तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतज़ार देख।

सितारों से आगे जहाँ और भी हैं

अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं।

इन्साफ़ एक बेकराँ ख़ज़ाना है लेकिन,

हमें इसे रहम के चोर से महफ़ूज़ रखना चाहिए।

हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी,

ख़ुदा करे कि जवानी तिरी रहे बे-दाग़।

भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी,

बड़ा बे-अदब हूँ सज़ा चाहता हूँ।

बोझ उठाते हुए फिरती है हमारा अब तक,

ऐ ज़मीं माँ तिरी ये उम्र तो आराम की थी।

कल के बारे में ज़ियादा सोचना अच्छा नहीं,

चाय के कप से लबों का फ़ासला है ज़िंदगी।

आज तो उस पे ठहरती ही न थी आंख ज़रा,

उसके जाते ही नज़र मैंने उतारी उसकी।

मैं कहाँ हूँ कुछ बता दे ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी,

फिर सदा अपनी सुना दे ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी।

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है,

इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है।

राय पहले से बना ली तू ने,

दिल में अब हम तेरे घर क्या करते।

दीवारों पर दस्तक देते रहिएगा,

दीवारों में दरवाज़े बन जाएंगे।

तेरे सिवा भी कई रंग ख़ुशनज़र थे मगर,

जो तुझको देख चुका हो वो और क्या देखे।

माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं,

तू मेरा शौक़ देख मेंरा इंतज़ार देख।

shayari in english
shayari in english

नशा पिला के गिराना तो सब को आता है,

मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी।

इन्सानों से मिलने वाले सदमात के इलावा इन्सान की,

याददाश्त आम तौर पर ख़राब होती है।

फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का,

न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है।

फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का,

न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है।

औकात में रखना था जिसे 

गलती से दिल में रखा था उसे।

अस्थिर है ये जिंदगी के लम्हे,

खो दे गया हूँ मैं अपनी ज़मीं पर।

उठ जाती हैं हर इक धड़कन के साथ,

मेरे अंदर बसा इश्क़ की रौशनी पर।

चिंगारी आजादी की ‘सुलगती’ मेरे जश्न में है,

इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में है।

मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है,

कुर्बानी का जज्बा ”जिंदा” मेरे कफन में है।

अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान अकल 

लेकिन कभी-कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे।

ज़िंदगी और ज़िंदगी की यादगार,

पर्दा और पर्दे पे कुछ परछाइयाँ।

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम,

वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता।

अब तो इस राह से वो शख़्स गुज़रता भी नहीं,

अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई।

मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा,

बड़ों की देखकर दुनिया बड़ा होने से डरता है।

मेरे बदन को नमी खा गई अश्कों की,

भरी बहार में जैसे मकान ढहता है।

फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का,

न हो निगाह में शोख़ी तो दिलबरी क्या है।

अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी

तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन।

तहज़ीब एक ताक़तवर इन्सान की फ़िक्र है।

दिल से जो बात निकलती है असर रखती है,

पर नहीं ताक़त-ए-परवाज़ मगर रखती है।

shayari urdu in hindi
shayari urdu in hindi

हरम-ए-पाक भी अल्लाह भी क़ुरआन भी एक,

कुछ बड़ी बात थी होते जो मुसलमान भी एक।

मस्जिद तो बना दी शब भर में ईमाँ की हरारत वालों ने

मन अपना पुराना पापी है बरसों में नमाज़ी बन न सका।

हर सूरत में छुपी है एक कहानी,

हर इंसान में बसी है तक़दीर।

सच्चा इश्क़ कीमत नहीं जानता,

ज़िंदगी ख़रीदता है सिर्फ़ नामों की।

ढूंढता रहता हूँ ऐ ‘इक़बाल’ अपने आप को,

आप ही गोया मुसाफिर, आप ही मंज़िल हूँ मैं।

अपने मन में डूबकर  पा जा सुराग जिंदगी 

तू अगर मेरा नहीं बनता ना बन अपना तो बन।

बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे,

कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ।

और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा,

राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा।

101+ Muharram Shayari in Hindi

काँप उठती हूँ मैं ये सोच के तन्हाई में,

मेरे चेहरे पे तिरा नाम न पढ़ ले कोई।

सिर्फ़ होने से कुछ नहीं होता,

अपने होने का हक़ अदा कीजिए।

सर छुपाएँ तो बदन खुलता है,

ज़ीस्त मुफ़लिस की रिदा हो जैसे।

मन की दौलत हाथ आती है तो फिर जाती नहीं,

तन की दौलत छाँव है आता है धन जाता है धन।

अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल

लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे।

अफ़राद और कौमें ख़त्म हो जाती हैं,

मगर उनके बच्चे यानी तसव्वुरात कभी ख़त्म नहीं होते।

ग़ुलामी में न काम आती हैं शमशीरें न तदबीरें,

जो हो ज़ौक़-ए-यक़ीं पैदा तो कट जाती हैं ज़ंजीरें।

ढूँडता फिरता हूँ मैं ‘इक़बाल’ अपने आप को,

आप ही गोया मुसाफ़िर आप ही मंज़िल हूँ मैं।

बाग़-ए-बहिश्त से मुझे

हुक्म-ए-सफ़र दिया था क्यूँ

कार-ए-जहाँ दराज़ है अब मिरा इंतिज़ार कर।

उजालों के पीछे छुपी है अँधेरा,

खोजते रहो अपने रोशनी को।

अस्तित्व के मैदान में उठो तू,

इश्क़ के रंग में रंग जा तू।

क्या हुआ जो तेरे माथे पे है शब्दों के निशान,

कोई ऐसा सजदा भी कर जो जमीं पर यह निसान छोड़ जाए।

फकत निगाह से होता है फैसला दिल का 

ना हो निगाह मैं सोखी  तो दिल बुरी क्या है।

shayari in urdu text
shayari in urdu text

ज़िंदगी ख़्वाब देखती है मगर,

ज़िंदगी ज़िंदगी है ख़्वाब नहीं।

हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन,

दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है।

एक नाम क्या लिखा तेरा साहिल की रेत पर,

फिर उम्र भर हवा से मेरी दुश्मनी रही।

जी बहुत चाहता है सच बोले,

क्या करें हौसला नहीं होता।

तोहमत लगा के माँ पे जो दुश्मन से दाद ले,

ऐसे सुख़नफ़रोश को मर जाना चाहिये।

सौ सौ उमीदें बंधती है एक एक निगाह पर,

मुझ को न ऐसे प्यार से देखा करे कोई।

जिस खेत से दहक़ाँ को मयस्सर नहीं रोज़ी,

उस खेत के हर ख़ोशा-ए-गंदुम को जला दो।

अनोखी वजा हैं, सारे ज़माने से निराले हैं 

ये आशिक़ कौन सी बस्ती के या रब रहने वाला हैं। 

तू नदी का पानी है, मैं ख़राबाती धूल,

हो जाएगा मिलन एक दिन ख़ुदा की दुलारी।

मिलने की इच्छा हमेशा ज़िंदा रख,

इश्क़ की मंज़िल चाहे दूर हो पास हो।

तेरी दुआ से कज़ा तो बदल नहीं सकती,

मगर है इस से यह मुमकिन की तू बदल जाये।

तेरी दुआ है की हो तेरी आरज़ू पूरी,

मेरी दुआ है तेरी आरज़ू बदल जाये।

इश्क कातिल से भी मकबूल से हमदर्दी भी, 

यह बता किससे मोहब्बत की जजा मांगेगा।

मोहब्बत रही चार दिन ज़िंदगी में,

रहा चार दिन का असर ज़िंदगी भर।

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,

न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए।

मैं सच कहूंगी मगर फिर भी हार जाऊंगी,

वो झूट बोलेगा और ला-जवाब कर देगा।

अब हवाएं ख़ुद करेंगी रौशनी का फ़ैसला,

जिस दिये में जान होगी वो दिया रह जाएगा।

ये हवा कैसे उड़ा ले गयी आँचल मेरा,

यूँ सताने की तो आदत मेरे घनश्याम की थी।

shayari in text
shayari in text

Best 101+ Hug Day Shayari in Hindi

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 105+ Pakistani Shayari पाकिस्तानी शायरी बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको पसंद भी आई होंगी। आशा करते हैं दोस्तों आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा तो दोस्तों अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *