Best 110+ Yadav Shayari in Hindi | यादव जी की शायरी (2024)

Yadav Shayari
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आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Yadav Shayari यादव शायरी बताई है जो की बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं यकीनन आपको शायरी पसंद आने वाली है। दोस्तों अगर आप एक यादव हैं तो आज के इस आर्टिकल में हमने आपके लिए 110 से भी ज्यादा यादव शायरी बताई है जो कि आपको बहुत ही ज्यादा पसंद आने वाली है। दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं कि यादव जाति के लोग शुरू से ही अपने नाम को रौशन करते आए हैं और आज भी कर रहे हैं।

दोस्तों अगर आप यादव जाति से बिलॉन्ग करते हैं या फिर अगर आपका कोई दोस्त यादव है तो उसको हमारे आज के इस आर्टिकल में बताई गई शायरी जरूर भेजें यकीन वह इन शायरियों को पढ़कर खुश हो जाएगा क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको यादव जाति आपके लिए ही 110 से भी ज्यादा Yadav Shayari यादव शायरी बताई है। आईये दोस्तों जानते हैं 110 से भी ज्यादा यादव शायरी कौन सी है।

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पगले गोलियों से उन्हें डराना जिन्होंने कभी गोली देखी ही ना हो,

हम तो यादव हैं राह पर चलते हुए खुद बारूद बन जाते हैं।

पत्थर को पीस कर कभी मैदा नही हुआ,

यादव को झुका दे ऐसा कोई माई का लाल पैदा नही हुआ।

हमसे मज़ाक नहीं क्योंकि हम यादव वो हैं,

जो पहले गोली मारते हैं और उसके बाद मुर्दे से नाम पूछते हैं।

यादव आफत नहीं जो टल जायेंगे,

आदत हैं जो दिलों दिमाग मे बस जायेंगे।

यादव हूँ मैं गलत काम करता नहीं,

और किसी के बाप से डरता नहीं।

गुलामी तो हम सिर्फ अपने मां बाप की करते हैं,

दुनिया के लिए तो यादव कल भी बादशाह थे और आज भी हैं।

सोने के जेवर और यादवों के तेवर,

लोगों को अक्सर बहुत महंगे पड़ते हैं।

बेटा सबसे पँगा लेना परहम यादवों से पँगा मत लेना,

नही तो जानता हैं ना बस इतना ही काफ़ी हैं।

यादव के लिए इतिहास बनाना कोई बड़ी बात नही है क्योकि,

यादव वंश मे जन्म लेना किसी इतिहास से कम नही।

यादव होने का गुरुर उन्हें क्या मालूम,

जो छत पे बैठ के यादव की बारात देखते हैं।

यादव जब दोस्ती करते है तो अफ़साने लिखे जाते है,

और जब दुश्मनी करते है तो तारीखें लिखी जाती है।

ना किसी पर मरता हूं ना किसी से डरता हूं,

यादव का लड़का हूं जो भी करता हूं अपनी मर्जी से करता हूं।

अपनी बात पै बहस ना करी तो के फ़ायदा,

यादव कौम मै पैदा होकर ऐश ना करी तो के फायदा।

डराने के लिए तो यादव की आंखें ही काफी है,

हथियार तो धर्म की रक्षा करने के लिए उठाने पड़ते हैं।

सर कभी नहीं झुकेगा यह पूर्वजों का सम्मान है,

क्या करें यार यादव के खून में ही अभिमान है।

यादव की संतान हैं हम इतना रुतबा रखते हैं,

इतिहास क्या चीज है हम तो भूगोल बदलने का दम रखते हैं।

डरते तो ये यादव किसी के बाप से भी नहीं,

बस साली ये रिस्पेक्ट नाम की चीज बीच में आ जाती है।

खाली कहने से कोई बिंदास नहीं होता क्योंकि,

बिंदास होने के लिए यादव की तरह इरादे भी हाईक्लास होने चाहिए।

चौड़ी छाती वीरों की,

असली जाति अहीरों की।

हम सल्तनत देख कर दोस्ती नहीं करते,

और परिणाम सोचकर दुश्मनी नहीं करते।

वैसे दुश्मनी तो हम चींटी से भी नहीं करते,

लेकिन बीच में आए तो शेर को भी नहीं छोड़ते।

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मैं झुक नहीं सकता मैं शौर्य का अखंड भाग हूँ,

जला दे जो दुश्मन की रूह तक मैं वही यादव की औलाद हूँ।

हमारी औकात का अंदाजा हमारे ज़ोर से नहीं,

दुश्मन के शोर से पता चलता है।

यादव अपना स्टेटस खुद बनाते है,

क्योंकि शेर का झूठा शिकार तो कुत्ते भी चाटते हैं।

यादव का प्यार और यादव जैसा यार,

हर किसी को नही मिलता।

यादव हू कुछ तो ख़ास करूँगा,

फ़ालतू बात में के धरा सीधा ब्लास्ट करूँगा।

थोडी‎ स्टाइल क्या मारी इतने में रोता है क्या,

अभी ‎तो यादव ने ‬सिर्फ एंट्री मारी है आगे आगे देख ‬होता है क्या।

हमारा कोई क्या बुरा करेगा जनाब,

घर से हम माँ की दुआ और बापू की पिस्तौल साथ लेकर निकलते हैं।

दशहत बनाओ तो शेर जैसी वरना खाली डराना तो कुत्ते भी जानते है,

यादव हो तो खूंखार होना चाहिये वरना खूबसूरत तो लड़िकयां भी होती है।

जब तक हमारे सर पर ऊपर वाले की रहमत रहेगी,

भगवान कसम हर बन्दे में यादव नाम की दहशत रहेगी।

यादव का छोरा हूं ये जान ले बस,

ज्यादा जानने की तेरी ओकात भी नही है।

यू हर किसी के हाथों बिकने को तैयार नही,

ये यादव का जिगर है तेरे शहर का अखबार नही।

ना 16 का डोला ना 46 की छाती,

घर मे घुस के मारेंगे बेटा क्योकी यादव है हमारी जाति।

अहिरो की महफिल मे बैठा कीजिए साहेब,

बादशाई का रुतबा खुद ब खुद आ जाएगा।

यादव का बेटा हू दिल मे जिगर रखता हूँ,

इरादो मे तेज धार रखता हूँ,

इसलिए ही तो यादव होने पर गर्व करता हूँ।

लोग कहते है तुम एटीट्यूड बड़ा दिखाते हो,

देख बेटा भगवान की देन है उपर से यादव है छिपायेगे थोडी।

अकड़ तो छोटे मोटे दिखाया करे,

यादव के बालक तो सीधा गदर मचाया करे।

कहानिया तो छोटे मोटे राजा लोगो की लिखी जाती है,

हम तो यादव है हमारा तो इतिहास लिखा हुआ है।

नजर झुका कर बात किया कर ए पगले,

जित्नी तेरी औकात है उससे ज्यादा यादवो का नाम है।

हथियार ती सिर्फ शौक के लिए रखा करते हे,

खौफ के लिए तो बस यादव नाम ही काफी है।

तुम खुश किस्मत हो जो हम तुमको चाहते हैं,

वरना हम तो वो हैं जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है।

यादव को झुका दे ऐसा इंसान पैदा नही हुआ हम तो उसके वंश हैं,

जो गोबर्धन पर्वत को अपने एक उगली पर उठा लिया था।

यादव हैँ हम बुरे वक्त मेँ घबराते नहीँ,

बल्कि उसको अच्छा बनाने का दम ओर होँसला दोनो रखते हैँ।

यादव शायरी love 2 line
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यादव कन्हैया के दीवाने है तान के सीना चलते है,

ये द्वारकाधीश का जंगल है यहाँ शेर मुरलीधर के पलते है।

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शेर को जगाना और हमें सुलाना किसी के बस बात नहीं,

क्यूंकि यादव वहां खड़े होते है जहाँ मैटर बड़े होते हैं।

यादव होने का वो नशा चढ़ा है मुझ पर जो ना उतरेगा,

शख़्सियत भले ही मिट जाए पर ये बन्दा किसी के आगे नहीं झुकेगा।

हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें,

खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।

सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये,

कभी पैरों से रौंदी थी यहीं परछाइयां हमने।

हम तो आँखों में संवरते हैं वहीं संवरेंगे,

हम नहीं जानते आईने कहाँ रखें हैं।

मुझको मेरे वजूद की हद तक न जानिए,

बेहद हूँ बेहिसाब हूँ बेइन्तहा हूँ मैं।

कि मोहब्बत तो सियासत का चलन छोड़ दिया,

हम अगर प्यार न करते तो हुकूमत करते।

हम भी बरगद के दरख़्तों की तरह हैं,

जहाँ दिल लग जाए वहाँ ताउम्र खड़े रहते हैं।

अपनी ज़िद को अंजाम पर पहुँचा दूँ तो क्या,

तू तो मिल जायेगी पर तेरी मोहब्बत का क्या।

खुद्दारियों में हद से गुजर जाना चाहिए,

इज्जत से जी न पाये तो मर जाना चाहिए।

क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क ने जाना है,

हम खाक-नशीनों की ठोंकर में ज़माना है।

ज़र्रों मे रहगुजर के चमक छोड़ जाऊँगा,

पहचान अपनी दूर तलक छोड़ जाऊँगा।

खामोशियों की मौत गंवारा नहीं मुझे,

शीशा हूँ टूटकर भी खनक छोड़ जाऊँगा।

मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद,

वक़्त-बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं।

मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर,

रुबरू होने पर सलाम किया करते हैं।

हालात के कदमों पर समंदर नहीं झुकते,

टूटे हुए तारे कभी ज़मीन पर नहीं गिरते।

बड़े शौक से गिरती हैं लहरें समंदर में,

पर समंदर कभी लहरों में नहीं गिरते।

मिज़ाज में थोड़ी सख्ती लाज़िमी है हुज़ूर,

लोग पी जाते समंदर अगर खारा न होता।

मेरी सादगी ही गुमनाम में रखती है मुझे,

जरा सा बिगड़ जाऊं तो मशहूर हो जाऊं।

जुबां पर मोहर लगाना कोई बड़ी बात नहीं,

बदल सको तो बदल दो मेरे खयालों को।

यादव शायरी बेवफा
यादव शायरी बेवफा

उगते हुए सूरज से मिलाते हैं निगाहें,

हम गुजरी हुई रात का मातम नहीं करते।

सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी,

हम अकेले पूरी महफ़िल के बराबर हैं।

थोड़ी खुद्दारी भी लाजिमी थी दोस्तो,

उसने हाथ छुड़ाया तो हमने छोड़ दिया।

तू वाकिफ़ नहीं मेरी दीवानगी से,

ज़िद पर आऊँ तो ख़ुदा भी ढूंढ़ लूँ।

शाम का सूरज हूँ पूछता कोई नहीं,

जब सुबह होगी मैं ही खुदा हो जाउंगा।

हम को खरीदने की कोशिश मत करना हम उन पुरखो के वारिस है,

जिन्होने ‪मुजरे‬ में हवेलिया दान कर दी थी।

जब मन हुआ इस कातिल दुनिया पे राज करने का तो ना गोली चलेगी ना तलवार,

हमारी जूत्ती के निशान देखकर लोग कहेंगे ये यदुवंशीयो का साम्राज्य हैं।

यादव को झुका दे ऐसा इंसान पैदा नही हुआ,

हम तो उसके वंश हैं जो गोबर्धन पर्वत को अपने एक उगली पर उठा लिया था।

धमकियाँ तो डरपोक लोग देते है हम तो यादव है,

सीधा धमाका करके दहशत फैलाते हैं।

यादव कन्हैया के दीवाने है तान के सीना चलते है,

ये द्वारकाधीश का जंगल है यहाँ शेर मुरलीधर के पलते है।

चीर के बहा दो लहू दुश्मनों के सीने का,

यही तो अंदाज है यादव होकर जीने का।

यादव हैँ हम बुरे वक्त मेँ घबराते नहीँ,

बल्कि उसको अच्छा बनाने का दम ओर होँसला दोनो रखते हैँ।

अन्दाज़ से न नापिये किसी इंसान की हस्ती को,

ठहरे हुए दरिया अक्सर गहरे हुआ करते हैं।

ये फौलादी सीना अहिरो का हिमालय की अकड़ रखते है,

पसंद नहीं हमें जंग हारना, हम जीत पर पकड़ रखते है।

फूल वही चुन पाता है जो काटों से टकराता है,

जो कांटो से टकराता है वह यादव कहलाता है।

हम को खरीदने की कोशिश मत करना,

हम उन पुरखो के वारिस है,

जिन्होने ‪मुजरे‬ में हवेलिया दान कर दी थी।

ऐसा कोई शहर नहीं जहां अपना कहर नहीं,

ऐसी कोई गली नहीं जहां हम यादव की चली नहीं।

ये फौलादी सीना अहिरो का हिमालय की अकड़ रखते है,

पसंद नहीं हमें जंग हारना हम जीत पर पकड़ रखते है।

जब तक माथे पर लाल रंग नहीं लगता,

यादव किसी को तंग नहीं करता,

सर चढ़ जाती है ये दुनिया भूल जाती है,

कि यादव की तलवार को कभी जंग नहीं लगता।

यादव यादव चिल्लाने का शोक नही है हमें,

हमारा अंदाज देखकर ही लोग कह देते है ये भाई यादव है।

यादव शायरी हिंदी में download
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यादव यादव ना बोला कर छोरी रे,

इस यादव की फैन ये दुनिया हो री रे।

यादव की ताकत से पूरा ब्रह्ममाड डोलता हैं,

ये हम नहीं हमारा इतिहास बोलता हैं।

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माना की तेरी एक आवाज से भीड हो जाती हे,

लेकिन हम भी यादव हे हमारी एक ललकार से पूरी भीड़ बिखर जाती हे।

उस ‪पगली‬ के पापा बोले बेटी ये स्क्रीन पर लिपस्टिक के दाग कैसे,

वो बोली सॉरी पापा फेसबुक पर एक कमीने यादव की फोटो देखी तो कंट्रोल नहीं हुआ।

हुकूमत दूसरों के दम पर तो कोई भी कर ले,

जो अपने दम पर छा जाए वो यादव हम हैं।

जहाँ भोले धुआ उड़ाता है,

वही यादव आग लगाता है।

जिस उम्र में तन्ने घास काटी है,

उस उम्र में यादव ने जेल काटी है।

ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीनी चाहिए,

औरो के कहने पर तो शेर भी सरकस में नाचते हैं।

नफरत भी हम हैसियत देख कर करते हैं,

प्यार तो बहुत दूर की बात है।

कुत्ते भोंकते है ज़िंदा होने का एहसास दिलाने के लिए,

जंगल का सनाटा शेर की मौजूदगी बया करता है।

दिल से करते है मोहब्बत हो या नफरत,

तभी तो यारो के यार है और दुश्मनो के दुश्मन।

जवाब देना तो हमें भी आता है,

लेकिन आप इस काबिल नहीं।

खौफ ओर खून हमेशा आँखों मे रखो क्योंकि,

हथियारो से सिर्फ दुश्मन की हड्डिया टूटती हैं होसले नहीं।

अभी मुकम्मल नहीं हुआ अभी एक हिस्सा बाकी है,

जब यादवों का दिल अपनी पर आएगा वह वाला हिस्सा बाकी है।

नजरिया बहुत छोटी सी चीज है,

लेकिन इससे फर्क बहुत बड़ा पड़ता है।

जिस दिन याद करेगा मेरी मोहब्बत को,

बोहुत रोयेगी खुद को बेवफा समझ कर।

पीने पिलाने की क्या बात करते हो कभी हम भी पिया करते थे,

जितनी तुम जाम में लिए बैठे हो उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे।

बस दीवानगी की खातिर तेरी गली मे आते हैं,

वरना आवारगी के लिए तो सारा शहर पड़ा है।

सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं हमारी,

हम अकेले पूरी महफ़िल के बराबर हैं।

यादव पर शायरी
यादव पर शायरी

करने दो जो यादवों की बुराइयां करते हैं,

ऐसी छोटी-छोटी हरकतें छोटे लोग ही करते हैं।

डर हमेशा आपको एक कैदी बना कर रखेगा,

जबकि खुले विचार आपको एक बादशाह बना कर रखेंगे।

पीठ पीछे कौन क्या बोलता है फर्क नहीं पड़ता,

सामने किसी का मुंह नहीं खुलता इतना काफी है।

मत करो मेरी पीठ के पीछे बात जाकर कोने में,

वरना पूरी जिंदिगी गुज़र जाएगी रोने में।

आँख उठाकर भी न देखूँ जिससे मेरा दिल न मिले,

जबरन सबसे हाथ मिलाना यादव के बस की बात नहीं।

खुद से जीतने की जिद है मेरी मुझे खुद को ही हराना है,

मैं यादव हूं भीड़ नहीं हूँ दुनिया की मेरे अन्दर ही ज़माना है।

आदते बुरी नहीं शौक ऊँचे हैं,

वरना किसी ख्वाब की इतनी औकात नही,

कि यादव देखे और पूरा ना हो।

इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर,

शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो यादव की हार के हैं।

तोड़ेंगे गुरुर इश्क का और इस कदर सुधर जायेंगे,

खड़ी रहेगी मोहब्बत और लेकिन हम भी यादव हैं अपनी धुन में गुजर जाएंगे।

यादव शायरी बेवफा
यादव शायरी बेवफा

वो खुद पे इतना गुरूर करते हैं तो इसमें हैरत की बात नहीं,

जिसे यादव ने चाहा हो वो आम हो ही नहीं सकते।

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Yadav Shayari यादव शायरी बताई है उसके बहुत ही ज्यादा अच्छी शायरी है और बहुत ही लोगों ने इन शायरियों को पसंद किया है। आशा करते हैं कि आपको भी इस आर्टिकल में लिखी हुई 110 से भी ज्यादा शायरी पसंद आई होगी। अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करें ताकि वह भी 110 से भी ज्यादा Yadav Shayari यादव शायरी को पढ़ सके।

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