Best 11+ 26 जनवरी पर स्कूल में बोलने के लिए कविता हिंदी में (2024)

26 जनवरी पर स्कूल में बोलने के लिए कविता
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आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 26 जनवरी पर स्कूल में बोलने के लिए कविता बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब पोएम हैं और यकीनन आपको काफी ज्यादा पसंद भी आई होंगी। दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं कि हर वर्ष 26 जनवरी को हम सभी लोग बहुत ही ख़ुशी के साथ मनाते हैं क्योंकि इस दिन हमारे देश में कानून लागू किया गया था जिसकी वजह से आज हम अपने देश में पूरी सुरक्षा के साथ रह पाते हैं और यदि कोई व्यक्ति कोई अपराध करता है तो फिर उसे उसके अपराध के मुताबिक सजा भी मिलती है जिसको उस व्यक्ति को भुगतना होता है।

दोस्तों अगर आप एक छात्र हैं और आप 26 जनवरी को अपने स्कूल में पोएम बोलना चाहते हैं जिससे कि सभी लोग आपकी प्रशंशा करें और सभी लोगों का अपने देश के प्रति प्रेम बढ़ सके तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज आप बिलकुल सही आर्टिकल पर पहुचे हैं जिसमें हमने आपको 26 जनवरी पर स्कूल में बोलने के लिए कविता बताई हैं तो आएये दोस्तों जानते हैं स्कूल में बोली जाने वाली कविताएं कौन सी हैं।

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26 जनवरी के लिए कविता
26 जनवरी के लिए कविता

कविता – 1 (आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये)

आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये;

अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाये।

अपना 75वाँ गणतंत्र दिवस खुशी से मनायेगे;

देश पर कुर्बान हुये शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायेंगे।

26 जनवरी 1950 को अपना गणतंत्र लागू हुआ था,

भारत के पहले राष्ट्रपति, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने झंड़ा फहराया था,

मुख्य अतिथि के रुप में सुकारनो को बुलाया था,

थे जो इंडोनेशियन राष्ट्रपति, भारत के भी थे हितैषी,

था वो ऐतिहासिक पल हमारा, जिससे गौरवान्वित था भारत सारा।

विश्व के सबसे बड़े संविधान का खिताब हमने पाया है,

पूरे विश्व में लोकतंत्र का डंका हमने बजाया है।

इसमें बताये नियमों को अपने जीवन में अपनाये,

थाम एक दूसरे का हाथ आगे-आगे कदम बढ़ाये,

आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये,

अपना गणतंत्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, खुशी मनाये।

गणतंत्र दिवस पर छोटी सी कविता
गणतंत्र दिवस पर छोटी सी कविता

कविता – 2 (हम आजादी के मतवाले झूमे सीना ताने)

हम आजादी के मतवाले झूमे सीना ताने,

हर साल मनाते उत्सव गणतंत्र का महजब़ जाने।

संविधान की भाषा बोले, रग-रग में कर्तव्य घोले।

गुलामी की बेड़ियों को, जब रावी-तट पर तोड़ा था।

उसी अवसर पर तो, हमनें संविधान से नाता जोड़ा था।

हर साल हम उसी अवसर पर, गणतंत्र उत्सव मनाते हैं।।

पूरा भारत झूमता रहता है, और हम नाचते-गाते हैं।

26 जनवरी पर भाषण
26 जनवरी पर भाषण

कविता – 3 (सौगातो की सौगात है, गणतंत्र हमारा महान है।)

सौगातो की सौगात है,

गणतंत्र हमारा महान है।

आकार में विशाल है,

हर सवाल का जवाब है।

संविधान इसका संचालक है,

हम सब का वो पालक है।

लोकतंत्र जिसकी पहचान है,

हम सबकी ये शान है।

गणतंत्र हमारा महान है,

गणतंत्र हमारा महान है।

26 जनवरी की कहानी
26 जनवरी की कहानी

कविता – 4 (मुझको मेरा देश पसंद है, इसका हर संदेश पसंद है)

मुझको मेरा देश पसंद है,

इसका हर संदेश पसंद है,

इसकी मिट्टी में मुझको,

आती सोंधी सी सुगंध है,

इसकी हर एक बात निराली,

इसकी हर सौगात निराली,

इसके वीरों की गाथा सुन,

आती एक नई उमंग हैं,

कितनी भाषा कितने लोग,

हर एक की एक नई है सोच,

संस्कृति सभ्यता भले ही हो भिन्न,

मिलते एकता के चिन्ह,

जो गर देश पर आ जाये आंच,

एक होकर सब आते साथ,

मेरा देश है बड़ा महान,

ये है एक गुणों की खान,

देखली हमने सारी दुनिया,

पर देखा ना भारत जैसा,

इस मिट्टी में जन्म लिया है,

इसकी हवाओं की ठंठक से,

साँसे पाती नया जन्म है,

मुझको मेरा देश पसंद हैं।

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स्वतंत्रता दिवस पर कविताएं
स्वतंत्रता दिवस पर कविताएं

कविता – 5 (कोशिश कर हल निकलेगा, आज नही तो कल निकलेगा)

कोशिश कर हल निकलेगा,

आज नही तो कल निकलेगा,

अर्जुन सा लक्ष्य रख निशाना लगा,

मरुस्थल से भी फिर जल निकलेगा,

मेहनत कर पौधों को पानी दे,

बंजर में भी फिर फल निकलेगा,

ताक़त जुटा, हिम्मत को आग दे,

फौलाद का भी बल निकलेगा,

सीने में उम्मीदों को ज़िंदा रख,

समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा,

कोशिशें जारी रख कुछ कर ग़ुज़रने की,

जो कुछ थमा-थमा है चल निकलेगा,

कोशिश कर हल निकलेगा,

आज नहीं तो कल निकलगा।

गणतंत्र दिवस पर कविता 2023
गणतंत्र दिवस पर कविता 2023

कविता – 6 (एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।)

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

इन जंजीरों की चर्चा में कितनों ने निज हाथ बंधाए,

कितनों ने इनको छूने के कारण कारागार बसाए,

इन्हें पकड़ने में कितनों ने लाठी खाई, कोड़े ओड़े,

और इन्हें झटके देने में कितनों ने निज प्राण गंवाए!

किंतु शहीदों की आहों से शापित लोहा, कच्चा धागा।

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

जय बोलो उस धीर व्रती की जिसने सोता देश जगाया,

जिसने मिट्टी के पुतलों को वीरों का बाना पहनाया,

जिसने आजादी लेने की एक निराली राह निकाली,

और स्वयं उसपर चलने में जिसने अपना शीश चढ़ाया,

घृणा मिटाने को दुनियाँ से लिखा लहू से जिसने अपने,

‘जो कि तुम्हारे हित विष घोले, तुम उसके हित अमृत घोलो।’

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

कठिन नहीं होता है बाहर की बाधा को दूर भगाना,

कठिन नहीं होता है बाहर के बंधन को काट हटाना,

गैरों से कहना क्या मुश्किल अपने घर की राह सिधारें,

किंतु नहीं पहचाना जाता अपनों में बैठा बेगाना,

बाहर जब बेड़ी पड़ती है भीतर भी गांठें लग जातीं,

बाहर के सब बंधन टूटे, भीतर के अब बंधन खोलो।

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

कटीं बेड़ियां औ’ हथकड़ियां, हर्ष मनाओ, मंगल गाओ,

किंतु यहां पर लक्ष्य नहीं है, आगे पथ पर पांव बढ़ाओ,

आजादी वह मूर्ति नहीं है जो बैठी रहती मंदिर में,

उसकी पूजा करनी है तो नक्षत्रों से होड़ लगाओ।

हल्का फूल नहीं आजादी, वह है भारी जिम्मेदारी,

उसे उठाने को कंधों के, भुजदंडों के, बल को तोलो।

एक और जंजीर तड़कती है, भारत मां की जय बोलो।

देशभक्ति कविता
देशभक्ति कविता

कविता – 7 (चिश्ती ने जिस जमीं पे पैगामे हक सुनाया)

चिश्ती ने जिस जमीं पे पैगामे हक सुनाया

नानक ने जिस चमन में बदहत का गीत गाया

तातारियों ने जिसको अपना वतन बनाया

जिसने हेजाजियों से दश्ते अरब छुड़ाया

मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है।

सारे जहां को जिसने इल्मो-हुनर दिया था,

यूनानियों को जिसने हैरान कर दिया था

मिट्टी को जिसकी हक ने जर का असर दिया था

तुर्कों का जिसने दामन हीरों से भर दिया था

मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है

टूटे थे जो सितारे फारस के आसमां से

फिर ताब दे के जिसने चमकाए कहकशां से

बदहत की लय सुनी थी दुनिया ने जिस मकां से

मीरे-अरब को आई ठण्डी हवा जहां से

मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है।

26 जनवरी पर शायरी
26 जनवरी पर शायरी

कविता – 8 (कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे)

कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे,

आजाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा देंगे

हटने के नहीं पीछे, डरकर कभी जुल्मों से

तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा देंगे

बेशस्त्र नहीं हैं हम, बल है हमें चरखे का,

चरखे से जमीं को हम, ता चर्ख गुंजा देंगे

परवाह नहीं कुछ दम की, गम की नहीं, मातम की,

परवाह नहीं कुछ दम की, गम की नहीं, मातम की,

है जान हथेली पर, एक दम में गंवा देंगे

उफ तक भी जुबां से हम हरगिज न निकालेंगे

तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका देंगे

सीखा है नया हमने लड़ने का यह तरीका

चलवाओ गन मशीनें, हम सीना अड़ा देंगे

दिलवाओ हमें फांसी, ऐलान से कहते हैं

खूं से ही हम शहीदों के, फौज बना देंगे

मुसाफिर जो अंडमान के, तूने बनाए, जालिम

आजाद ही होने पर, हम उनको बुला लेंगे।

Happy Republic Day 2024

कविता हिंदी में (2024)
कविता हिंदी में (2024)

कविता – 9 (देखो 26 जनवरी है आयी, गणतंत्र की सौगात है लायी)

देखो 26 जनवरी है आयी, गणतंत्र की सौगात है लायी।

अधिकार दिये हैं इसने अनमोल, जीवन में बढ़ सके बिन अवरोध।

हर साल 26 जनवरी को होता है वार्षिक आयोजन,

लाला किले पर होता है जब प्रधानमंत्री का भाषन।

नयी उम्मीद और नये पैगाम से, करते है देश का अभिभादन,

अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर अर्पित करते श्रद्धा सुमन,

2 मिनट के मौन धारण से होता शहीदों को शत-शत नमन।

सौगातो की सौगात है, गणतंत्र हमारा महान है,

आकार में विशाल है, हर सवाल का जवाब है,

संविधान इसका संचालक है, हम सब का वो पालक है,

लोकतंत्र जिसकी पहचान है, हम सबकी ये शान है,

गणतंत्र हमारा महान है, गणतंत्र हमारा महान है।

स्कूल में बोलने के लिए कविता
स्कूल में बोलने के लिए कविता

कविता – 10 (देश हमारा सबसे प्यारा, बच्चों इसे प्रणाम करो)

देश हमारा सबसे प्यारा,

बच्चों इसे प्रणाम करो,

हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,

साथ यहाँ सब रहते हैं,

सुख-दुःख जो भी इनको मिलते,

सारे मिल कर सहते हैं,

सबने मिलकर ठान लिया हैं,

भारत का यशमान मान करो,

बच्चों इसे प्रणाम करो।

होली, दिवाली, क्रिसमस सब त्यौहार हम मनाते हैं,

और ईद के अवसर पर हम सबको गले लगाते हैं,

यह भारत की परंपरा है,

इसका तुम सम्मान करो,

बच्चों इसे प्रणाम करो,

मानवता की रक्षा करते,

मानव धर्म निभाते हैं,

ठुकराया हो जिसको जग ने,

हम उसको अपनाते हैं,

ऐसा भारत अपना भारत,

इसका तुम गुणगान करो,

बच्चों इसे प्रणाम करो,

देश हमारा सबसे प्यारा,

बच्चों इसे प्रणाम करो।

गणतंत्र दिवस पर कविता
गणतंत्र दिवस पर कविता

कविता – 11 (देखो फिर से गणतंत्र दिवस आ गया)

देखो फिर से गणतंत्र दिवस आ गया,

जो आते ही हमारे दिलो-दिमाग पर छा गया।

यह है हमारे देश का राष्ट्रीय त्यौहार,

इसलिए तो सब करते हैं इससे प्यार।

इस अवसर का हमें रहता विशेष इंतजार,

क्योंकि इस दिन मिला हमें गणतंत्र का उपहार।

आओ लोगों तक गणतंत्र दिवस का संदेश पहुचाएं,

लोगों को गणतंत्र का महत्व समझाएं।

गणतंत्र द्वारा भारत में हुआ नया सवेरा,

इसके पहले तक था देश में तानाशाही का अंधेरा।

क्योंकि बिना गणतंत्र देश में आ जाती है तानाशाही,

नहीं मिलता कोई अधिकार वादे होते हैं हवा-हवाई।

तो आओ अब इसका और ना करें इंतजार,

साथ मिलकर मनाये गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय त्यौहार।

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 26 जनवरी पर स्कूल में बोलने के लिए कविता बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब कवितायेँ हैं और यकीनन आपको काफी ज्यादा पसंद भी आई होंगी। आशा करते हैं दोस्तों आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा दोस्तों अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल ओ पढ़ सकें।

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