स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता | Independence Day Poem (2024)
स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर. आज के लेख में हम आपको “स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता” सुनाएंगे. अगर आप स्वतंत्रता दिवस पर जोश से भरी कविताएं पढ़ना चाहते हैं, तो आप सही जगह आए हैं, क्योंकि आज के लेख में हम आपको दिलचस्प स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता के बारे में बताएंगे. आप हमारे लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें ताकि आप भी इस आजादी के अवसर पर बेहतरीन आनंददायक कविताओं का आनंद ले सके.
दोस्तों आप सब अच्छे से जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ. और इस दिन हमें अंग्रेजों से आजादी मिली हमें अपने देश में रहने का पूरा हक मिला. देश को आजाद करने में हमारे कई वीरो ने अपनी जान गवायीं. कई महान क्रांतिकारियों ने शहीद होकर देश को अपने लहू से सींचा है, तब जाकर आज हम इस आजाद भारत में अपनी जिंदगी आजादी से गुजार रहे हैं.
हम आपको स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता के रूप में उन क्रांतिकारियों के बारे में बताएंगे जिनका योगदान हमारे देश की आजादी में है. आप सुकून से दिल खोलकर स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता पढ़िए, और अपने उन हीरो को याद करिए जिन्होंने इस देश को आजाद करने में अपनी गर्दने कटाई. चलिए दोस्तों अब आपको स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता के बारे में बताते हैं.
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1. स्वतंत्रता दिवस पर शानदार कविता
जब भारत आजाद हुआ था आजादी का राज हुआ था,
वीरों ने कुर्बानी दी थी जब भारत आजाद हुआ था..।
भगत सिंह ने फांसी ली थी इंदिरा का जनाजा उठा था,
इस मिट्टी की खुशबू ऐसी थी तब खून की आंधी बहती थी..।
फिरंगीयों ने यह बतन छोड़ा था इस देश के रिश्तों को तोड़ा था,
फिर भारत दो भागों में बांटा था एक हिस्सा हिंदुस्तान था..।
हम सब ने साथ रहकर एक ऐसा समय भी काटा था,
वीरों ने कुर्बानी दी थी जब भारत आजाद हुआ था..।
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2. 15 अगस्त पर जोश भरी कविता
ना जाने कितने वीरों ने अपनी जान गवाई थी,
तब जाकर मेरे भारत ने सही स्वतंत्रता पाई थी..।
यह धरती भी हमारी थी, आकाश हमारा था,
पर ब्रिटिश के शासन में कुछ भी ना हमारा था..।
हमीद भगत आजाद सबने लड़ी लड़ाई थी,
तब जाकर मेरे भारत ने सही स्वतंत्रता पाई थी..।
एक समय था जब यह भारत सोने की चिड़िया कहलाता था,
यही देखकर इसे विदेशी हर बार हथियाना चाहता था..।
अंग्रेजों के छक्के छुड़ा कर लक्ष्मीबाई ने जान गवाई थी,
तब जाकर मेरे भारत ने सही स्वतंत्रता पाई थी..।
अंग्रेज यहां गर आए थे उसमें भी कहीं तो कमी हमारी थी,
कुछ अपनो के मन में ही बस गई बड़ी गद्दारी थी..।
3. सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा,
हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा..।
गुरबत में हो अगर हम रहता है दिल वतन में,
समझो हमें वही भी दिल हो जहां हमारा..।
पर्वत में सबसे ऊंचा हमसाया आसमां का,
वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा..।
गोदी में खेलती हैं इसकी हजारों नदियां,
गुलशन है जिनके दम से रश्क ए जिनां हमारा..।
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,
हिंदी है हम वतन है हिंदुस्ता हमारा..।
यूनान मिस्र रोमा सब मिट गए जहां से,
अब तक मगर है बाकी नामो निशाँ हमारा..।
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहां हमारा..।
इकबाल कोई महरम अपना नहीं जहां में,
मालूम क्या किसी को दर्दे नेहा हमारा..।
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4. भारत की आजादी पर वीर कविता
कांटों में भी फूल खिलाएं इस धरती को स्वर्ग बनाएं,
आओ सबको गले लगाएं हम स्वतंत्रता का पर्व मनाए..।
आन देश की शान देश की देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी यह पहचान है..।
देश पर जो फिदा होगा अमर वो इंसान होगा,
रहेगा जब तक यह जहान देश पर उसका एहसान रहेगा..।
गंगा यमुना यहां नर्मदा मंदिर मस्जिद के संग गिरजा,
शांति प्रेम की देता शिक्षा मेरा भारत सदा सर्वदा..।
आजाद भारत के लाल हैं हम आज शहीदों को सलाम करते हैं,
युवा देश की शान है हम अखंड भारत का संकल्प करते हैं..।
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5. स्वतंत्रता दिवस कविता
आजादी का दिन आया लाल किले पर ध्वज फहराया,
शोभा देख किले की आज हर चेहरे पर मुस्कान है छाया..।
राष्ट्रगान से झूमा देश जब तिरंगा किले पर लहराया,
तोपों की देकर सलामी जन गण का गान सबने गाया..।
फूलों की वर्षा किले पर ढोल नगाड़ों के संग बरसाया,
वीर शहीदों की कुर्बानी आजादी का सुख बनकर बरसाया..।
जाति धर्म का भेद ना दिखता अखंड भारत का पाठ पढ़ाता,
हर युवा एक नारा कहता हिंदुस्तान सबसे अच्छा..।
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6. 15 अगस्त पर दिल को छू जाने वाली कविता
मरने के बाद भी जिसके नाम में ही जान है,
ऐसे जांबाज सैनिक हमारे भारत की शान है..।
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं..।
यह दिन है अभिमान का है माता के मान का,
नहीं जाएगा रक्त व्यर्थ वीरों के बलिदान का..।
जश्न आजादी का मुबारक हो देश वालों को,
फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालों को..।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह यह तिरंगा नशा यह हिंदुस्तान की शान का है..।
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निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता प्रस्तुत की, और हमने आपको आपके दिल को छू जाने वाली लोकप्रिय दिलचस्प कविताएं उपरोक्त में दी है, जिनको आप स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पढ़कर अपने दिल के अंदर देश के प्रति प्रेम जागरूक कर सकते हैं. स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं.
आप हमारी इन कविताओं को 15 अगस्त के मौके पर देश आजादी के प्रोग्राम में पढ़ सकते हैं. और दूसरों के मन में देश के प्रति प्रेम प्रसन्न कर सकते हैं. उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको हमारे द्वारा लिखी गई स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता बेहद पसंद आई होगी, अगर आपको अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें, और जुड़े रहे हमारे साथ. धन्यवाद!