Best 105+ 26 जनवरी पर शायरी | Shayari On Republic Day (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 105+ 26 जनवरी पर शायरी (26 January Par Shayari) बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली है। दोस्तों अगर आप भी 26 जनवरी के लिए शायरी को ढूंढ रहे है लेकिन आपको 26 जनवरी के लिए बेहतरीन शायरी नहीं मिल पा रही है तो अब आपको चिंता करने के कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर पहुंचे हैं।
जिसमें हमने आपको 105 से भी ज्यादा ऐसी शायरी बताई है जो कि देशभक्ति शायरी है और 26 जनवरी के शुभ अवसर पर आप इनको किसी को सुना भी सकते हैं और किसी भी व्यक्ति के पास भेज सकते हैं जिससे कि उसके मन में भी देश प्रेम और देशभक्ति की जागरूकता उत्पन्न होगी और वह भी अपने देश के प्रति प्रेम को जागृत कर सकेगा। तो आएये दोस्तों जानते हैं 105 से भी ज्यादा गणतंत्र दिवस शायरी कौन सी है।
भारतीय होने पर करो गर्व,
मिलकर मनाओ लोकतंत्र का पर्व।
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा,
हम बुलबुले है इसके ये गुलसिता हमारा।
वतन हमारा ऐसा कोई न छोड़ पाये,
रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये।
दिल एक है एक है जान हमारी,
हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है।
मेरे तिरंगे की जो यह शान है,
मेरे लिए यह सबसे बड़ा अभिमान है।
ए मेरे देश इस कदर बढ़ता जा कि मैं तुझे नमन करता चलूँ,
तेरे नाम से मेरा दिल धड़कता है तेरी पनाह में दिल से खेलूं।
देश के दुश्मनों को मिलकर हराओ,
हर घर में तिरंगा लहराओ।
ना पूछो जमाने से कि क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो बस इतनी है कि हम सब हिंदुस्तानी हैं।
मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं,
है आजाद हम पर गुलाम किये जाते हैं।
उन सिपाहियों को शत शत नमन करो,
मौत के साए में जो जिए जाते हैं।
एकता अखंडता संप्रभुता को निखारना है,
एक धरा पर सर्वधर्म राष्ट्र बनाना है।
देश भक्तो की बलिदान से स्वतंत्रा हुए है हम,
कोई पूछे कोन हो तो गर्व से कहेंगे भारतीय है हम।
आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुरबानी बदनाम होने नहीं देंगे।
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आंचल नीलाम नहीं होने देंगे।
देश में मेरी कैसी कहानी है, जिंदगी अपने देश पर लुटानी है,
लहू फौज का गिरने लगा है देश पर अपनी जान लुटानी है।
ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता।
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता।
बलिदानों का सपना जब सच हुआ,
देश तभी आजाद हुआ।
आज सलाम करे उन वीरों को,
जिनकी शहादत से ये भारत गणतंत्र हुआ।
राष्ट्र के लिए मान-सम्मान रहे,
हर एक दिल में हिन्दुस्तान रहे।
देश के लिए एक-दो तारीख नही,
भारत माँ के लिए ही हर सांस रहे।
एकता अखंडता संप्रभुता को निखारना है,
एक धरा पर सर्वधर्म राष्ट्र बनाना है।
न भूलेगा देश कभी वह नजारा,
जब शहीदों के दिल में जल रही थी ज्वाला।
उनकी लहू धारा में बहकर किनारे पर पहुंची आजादी,
चलो आज उन वीर सपूतों को मिलकर करें हम नमन।
वतन की सर-ज़मीं से इश्क़ ओ उल्फ़त हम भी रखते हैं,
खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम भी रखते हैं।
ना सरकार मेरी है ना रौब मेरा है,
ना बड़ा सा नाम मेरा है।
मुझे बस एक छोटी सी बात का अभिमान है,
मैं हिंदुस्तान का हूँ और हिंदुस्तान मेरा है।
आओ झुक कर सलाम करे उनको जिनके हिस्से में यह मुकाम आता है,
खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है।
अलग है भाषा, धर्म जात और प्रांत, भेष, परिवेश,
पर हम सब का एक ही गौरव है राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेठ।
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त,
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी।
वो शमा जो काम आए अंजुमन के लिए,
बो जज्बा जो कुर्बान हो जाए वतन के लिए।
रखते है हम बो हौसला भी,
जो मर मिटे हिंदुस्तान के लिए।
ना सर झुका है कभी और ना झुकायेंगे कभी,
जो अपने दम पे जियें सच में ज़िन्दगी है वही।
नफरत बुरी है ना पालो इसे,
दिलों में खलिश है निकालो इसे।
न तेरा, न मेरा, न इसका न उसका,
ये सबका वतन है संभालो इसे।
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना।
धर्म-पंथ, जाति राष्ट्र एकता के हित में हो,
सर्व भाषाओं में एक गान राष्ट्रीयता के हित में हो।
जब संस्कार, संस्कृति और शान मिले,
ऐसे हिंदू, मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले।
रहे हम सब ऐसे मिल-जुल कर,
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में भगवान मिलें।
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा,
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा।
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गंवाए,
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये।
बचपन का वो भी एक दौर था,
गणतंत्र में भी खुशी का शोर था।
गज जमीन नहीं मिलेगी दफन के लिए,
मरना है तो मरो अपने वतन के लिए,
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी कफ़न के लिए।
ना जाने क्यू में इतना बड़ा हो गया,
इंसानियत में मजहबी बैर हो गया।
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम यह बलिदान तुम्हारा है,
हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है।
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।
Best 105+ भारतीय सेना पर शायरी
दिल हमारा एक है, एक है हमारी जान,
हिन्दुस्तान हमारा है और हम है इसकी शान।
राष्ट्र के लिए मान-सम्मान रहे,
हर एक दिल में हिन्दुस्तान रहे।
देश के लिए एक-दो तारीख नही,
भारत माँ के लिए ही हर सांस रहे।
आन देश की शान देश की देश की हम संतान है,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहेचान है।
चढ़ गये जो हंसकर सूली,
खाई जिन्होंने सीने पर गोली।
हम उनको प्रणाम करते हैं जो मिट गए देश के लिए,
हम उनको सलाम करते हैं।
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के।
प्रदेश से मेरा देश अच्छा,
सर्व भू में राष्ट्रीय पर्व अच्छा।
न हिंदू हैं, न मुस्लिम,
हम तो हैं भारतवासी।
बरसों पहले छोड़ दी हमने अंग्रेजों की गुलामी,
अब है भ्रष्टाचार को देश से खदेड़ने की बारी।
नहीं सिर्फ जश्न मनाना, नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर, यादों को नहीं भुलाना।
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना।
मैं इसका हनुमान हूं ये देश मेरा राम है,
छाती चीर के देख लो अंदर बैठा हिंदुस्तान है।
ना जियो धर्म के नाम पर,
ना मरो धर्म के नाम पर।
इंसानियत ही है धर्म वतन का,
बस जियों वतन के नाम पर।
उगते सूरज और चांद में जब तक है अरुणाई,
हिन्द महासागर की लहरों में जबतक तरुणाई।
वृद्ध हिमालय जब तक सर पर श्वेत जटाएं बांधे,
भारत की गणतंत्र पताका रहे गगन पर छाई।
आज शहीदों ने है तुमको, अहले वतन ललकारा,
तोड़ो गुलामी की जंजीरें, बरसाओ अंगारा।
हिन्दू-मुस्लिम-सिख हमारा, भाई-भाई प्यारा,
यह है आजादी का झंडा, इसे सलाम हमारा।
आजादी का जोश कभी कम न होने देंगे,
जब भी जरुरत पड़ेगी देश के लिए जान लूटा देंगे।
क्योंकि भारत हमारा देश है,
अब दोबारा इस पर कोई आंच न आने देंगे।
तिरंगा लहरायेंगे,
भक्ति गीत गुनगुनाएंगे।
वादा करो इस देश को,
दुनिया का सबसे प्यारा देश बनायेंगे।
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमां पर,
भारत का नाम होगा सब की जुबान पर।
राष्ट्रीय पर्व एकता सर्वधर्म सम्मान सिखाता है,
26 जनवरी बुझी मशाल जलाना सिखाता है।
भारत के उन वीरो को सलाम,
जिन्होंने देश के लिए दिया प्राणों का बलिदान।
अमर शहीदों से देश के हर बेटे का है वादा,
लहू बहाकर भी हम करेंगे देश की हिफाजत।
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के।
धर्म-पंथ, जाति राष्ट्र एकता के हित में हो,
सर्व भाषाओं में एक गान राष्ट्रीयता के हित में हो।
प्रदेश से मेरा देश अच्छा,
सर्व भू में राष्ट्रीय पर्व अच्छा।
चलो फिर से खुद को जगाते हैं,
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं।
याद करें उन शूरवीरों को क़ुरबानी,
जिनके कारण हम इस लोकतंत्र का आनंद उठाते हैं।
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान,
अंधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिंदुस्तान।
वो शमा जो काम आये अंजुमन के लिए,
वो जज्बा जो कुर्बान हो जाये वतन के लिए।
रखते है हम वो हौसले भी,
जो मर मिटे हिंदुस्तान के लिए।
ये बात हवाओ को बताये रखना,
रोशनी होगी चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की,
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।
भारत के गणतंत्र का सारे जग में मान है,
दशकों से खिल रही उसकी अदभुत शान हैं।
ले लेंगे उसकी जान या दे देंगे अपनी जान,
कोई जो उठाएगा आँख हमारे हिंदुस्तान पर।
ना हो कोई दुखी भारतीय यहां पर,
ऐसा दुख निवारक हिंदुस्तान बनाते हैं,
गणतंत्र दिवस हो शौर्य से भरा,
ऐसा सुख संपन्न भारत बनाते हैं।
हर एक दिल में हिंदुस्तान है,
राष्ट्र के लिए मान-सम्मान है।
भारत मां के बेटे हैं हम,
इस मिट्टी पर हम सब को अभिमान है।
महान देशभक्तों के बलिदान से आजाद हुए हैं हम,
इसलिए उनके सम्मान में आज इकट्ठा हुए हैं हम।
राष्ट्रीय पर्व एकता सर्वधर्म सम्मान सिखाता है,
26 जनवरी बुझी मशाल जलाना सिखाता है।
आज शहीदों ने है तुमको, अहले वतन ललकारा,
तोड़ो गुलामी की जंजीरें, बरसाओ अंगारा।
हिन्दू-मुस्लिम-सिख हमारा, भाई-भाई प्यारा,
यह है आजादी का झंडा, इसे सलाम हमारा।
वतन के जां-निसार हैं वतन के काम आएंगे,
हम इस ज़मीं को एक रोज आसमां बनाएंगे।
गाँधी स्वप्ना जब सत्य बना,
देश तभी जब गणतंत्र बना।
आज फिर से याद करे वह मेहनत,
जो थी की वीरो ने और भारत गणतंत्र बना।
वो फिर आया है नये सवेरे के साथ,
मिल ज़ुल कर रहेंगे हम एक दूजे के साथ।
तैरना है समुद्र में तेरो नदी नालों में क्या रखा हैं,
प्यार करना है तो वतन से करों इन बेवफा लोगों में क्या रखा हैं।
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।
करते हैं गर्व देश के किसान जवान पर हम,
इतराते हैं बड़े शान से सर्व धर्म एक राष्ट्र है हम।
Best 105+ Gym Shayari in Hindi
विश्व में गूंज रही भारत के गौरव की कहानी,
गर्व है हमें हमारी पहचान पर कि हम सब हैं हिंदुस्तानी।
दुश्मन की गोलियों का हम करेंगे सामना,
जो बुरी नजर रखे भारत पर, नामोनिशान है उसका मिटाना।
राष्ट्रीय पर्व मनाते हैं,
26 जनवरी को हर्षोल्लास भरा ऐसा एक राष्ट्र बनाते हैं।
भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान,
दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान।
सब धर्मो को देकर मान रचा गया इतिहास का,
इसलिए हर देशवासी को इसमें है विश्वास।
क्यूं जाए ‘नज्म’ ऐसी फ़ज़ा छोड़ कर कहीं,
रहने को जिस के गुलशन-ए-हिन्दोस्तां मिले।
मेरे हर कतरे-कतरे में हिंदुस्तान लिख देना,
और जब मौत हो, तन पे तीरंगे का कफन देना।
यही ख्वाहिश खुदा हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देना,
अगर देना तो दिल में देशभक्ति का चलन देना।
भारत माता तेरी गाथा, सबसे उँची तेरी शान,
तेरे आगे शीश झुकाए दे तुझको हम सब सम्मान।
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में,
भारत माँ का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में।
वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है,
मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में।
दाग गुलामी का धोया है जान लुटा कर,
दीप जलाये है कितने दीप भुझा कर।
मिली है जब यह आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को,
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचाकर।
कांटो में भी फूल खिलाए,
इस धरती को स्वर्ग बनाएं।
आओ सबको गले लगाएं,
हम गणतंत्र का पर्व मनाए।
आज़ादी का जोश कभी कम ना होने देंगे,
जब भी ज़रूरत पड़ेगी देश के लिए जान लुटा देंगे।
क्योंकि भारत हमारा देश है,
अब दोबारा इस पर कोई आंच ना आने देंगे।
वतन की सर-ज़मीं से इश्क़ ओ उल्फ़त हम भी रखते हैं,
खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम भी रखते हैं।
ना मरो सनम बेवफ़ा के लिए,
2 गज जमीन नही मिलेगी दफन के लिए।
मरना है तो मरो अपने वतन के लिए,
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी कफ़न के लिए।
मैं मुस्लिम हूँ, तू हिंदू है, हैं दोनो इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले क़ुरान।
अपने तो दिल में है दोस्त बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान।
वतन हमारा मिसाल मोहब्बत की,
तोड़ता है दीवार नफरत की।
उसे यह फिक्र है हरदम नया तर्जे जफा क्या है,
हमें यह शौक हैं देखें सितम की इंतहा क्या है ।
दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे,
आजाद ही रहे हैं आजाद ही रहेंगे।
शहीदों की मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।
दिल की बर्बादी का क्या मज्कूर है,
यह नगर सौ मरतबा लूटा गया है।
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में,
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में।
नक़्शा ले कर हाथ में बच्चा है हैरान,
कैसे दीमक खा गई उस का हिन्दोस्तान।
कहाँ हैं आज वो शम-ए-वतन के परवाने,
बने हैं आज हक़ीक़त उन्हीं के अफ़्साने।
दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे,
दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे,
आजाद ही रहे हैं आजाद ही रहेंगे।
देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है,
भगत-आजाद जैसे आजादी के दीवानों की जरूरत है,
भारत को फिर देशभक्त परवानों की जरूरत है।
न लड़ो धर्म के नाम पर,
न झगड़ो जाति के नाम पर।
इंसानियत ही है धर्म वतन का,
बस जियो वतन के नाम पर।
है नमन उनको जो यशकाय को अमरत्व देकर,
इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं।
है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय,
जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं।
चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर ले।
जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे,
देशभक्तो के खून की वो धारा याद कर ले।
काले गोरे का भेद नहीं इस दिल से हमारा नाता है,
कुछ और न आता हो हमको हमें प्यार निभाना आता है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 105+ गणतंत्र दिवस पर शायरी बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको काफी ज्यादा पसंद भी आई होंगी। दोस्तों अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सकें और वह भी गणतंत्र दिवस की शायरी को पढ़ सकें।