Best 101+ Children’s Day Shayari | बाल दिवस पर शायरी (2024)

Children's Day Shayari
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हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी सुविचार इन वेबसाइट पर जहा हम आपके लिए रोजाना नए नए सुविचार आर्टिकल लेकर आते रहते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए Children’s Day Shayari लेकरआये हैं। क्या आप भी चिल्ड्रन डे शायरी के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं। दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं कि 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस मनाया जाता है।

बाल दिवस पर बच्चे औपचारिक रूप से पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्म का जश्न मनाते हैं। बाल दिवस पर स्कूलों, कॉलेजों और अन्य स्थानों पर कविता, भाषण और अन्य शैलियों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं अगर आप भी अपने स्कूल में बाल दिवस पर कोई कविता या सुविचार पढ़ना चाहते हैं तो Children’s Day Shayari आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ें।

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Children day funny shayari
Children day funny shayari

अचकन में फोन लगाते थे हमेशा ही मुस्कुराते थे

बच्चों से प्यार जताते थे चाचा नेहरू बहुत ही प्यारे थे..!

आज का दिन है बच्चों का,

कोमल मन का और कच्ची कलियों का।

हाथ जो खोला तो बच्चा रो पड़ा,

बंद मुट्ठी में कोई सिक्का न था।

हम है इस भारत के बच्चे,

हम नहीं है अक्‍ल के कच्चे।

हम आंसू नहीं बहाते हैं,

क्योंकि हम है सीधे सरल और सच्चे हैं।

एक बचपन का जमाना था जब खुशियों का खजाना था

चाहत होती चांद को पाने की पर दिल तितली का दिवाना था..!

गुरु के बिना ज्ञान नहीं ज्ञान के बिना कोई महान नहीं,

भटक जाता है जब इंसान तब गुरु ही देता है ज्ञान..!

बच्चा मजबूरियों को क्या जाने,

इक खिलौना ख़रीदना था मुझे।

खबर ना होती कुछ सुबह की,

ना कोई शाम का ठिकाना था।

थक हार के आना स्कूल से,

पर खेलने तो जरूर जाना था।

देश के प्रगति के बच्चे है आधार हम सभी मिलकर करेगें

चाचा नेहरु के सपने को सरोकार..!

ईश्वर के बाद अगर कोई है तो वो गुरु है दुनिया से वाकिफ जो करता है वह गुरु है

हमें जो अच्छा इंसान बनाता है वह गुरु है..!

कोई स्कूल की घंटी बजा दे,

ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है।

एक बचपन का जमाना था,

होता जब खुशियों का जमाना था।

चाहत होती चांद को पाने की थी,

पर दिल तो तितली का दीवाना था।

हर बच्चा एक कलाकार है, समस्या यह है

कि एक बार जब हम बड़े हो जाते हैं तो कलाकार बने नहीं रहते..!

उम्र बढ़ी, हम बड़े हुए, पर जीवन से लाचार हुए

अपनी खुशियां भूल गए, जिस दिन से जिम्मेदार हुए..!

हर खेल में साथी थे हर रिश्ता निभाना था,

गम की जुबान होती थी ना ज़ख्मों का पैमाना था।

दुनिया का सबसे सच्चा समय

दुनिया का सबसे अच्छा दिन

दुनिया का सबसे हसीन पल

सिर्फ बचपन में ही मिलता है।

चाचा का है जन्मदिन सभी बच्चे आएंगे

चाचा जी को गुलाब फूल देकर सारा जहां महकएंगे..!

Children day shayari for teachers
Children day shayari for teachers

चाचा जी के हमारे बच्चे प्यारे मां-बाप के राज दुलारे आ गया है

चाचा जी को जन्मदिवस आओ मिलकर मनाएं बाल दिवस..!

मां की कहानी थी परीयों का फसाना था,

बारिश में कागज की नाव थी बचपन का वो हर मौसम सुहाना था।

बालपन है खुशियों का खजाना 

जो कभी फिर लौट के न आना 

बड़ा कठिन है यादों से भुलाना 

बचपन का वो हर मौसम सुहाना।

जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है आपके हाथ में जो है

वह नीति है जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है..!

जिंदगी गिरवी रख कर भी ना चुका पाएंगे जिस का दर्जा

मान गए भगवान के बराबर है गुरु का दर्जा..!

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो

चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे।

सबके मन को भाते चाचा नेहरू,

बच्चों को हंसाते चाचा नेहरू,

दिल के भरा अनोखा प्यार,

करते वो बच्चों को प्यार बेशुमार।

सबके मन को भाते चाचा नेहरू बच्चों को हंसाते चाचा नेहरू

दिल में भरा अनोखा प्यार करते वह बच्चों को चाचा नेहरू..!

बालपन है खुशियों का खजाना जो कभी फिर लौट के न आना बड़ा कठिन है

यादों से भुलाना वो खेल कूद खाना पीना खूब मस्ती यारों के संग पुरे दिन बलखाना..!

एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर

नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर।

बचपन है ऐसा खजाना,

आता है न जो दोबारा।

मुश्किल है इसको भुलाना,

वो खेलना, कूदना और खाना।

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चाचा नेहरू आप को सलाम अमन शांति का दे पैगाम जंग तूने बचाया

किया अपना जन्म दिन बच्चों के नाम चाचा नेहरू आप को सलाम..!

बच्चें किसी अहम काज में बाधा नहीं डालते

परन्तु वे स्वयं अहम कार्य होते हैं..!

किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं

टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है।

हम है इस भारत के बच्चे

हम नहीं है अक्‍ल के कच्चे

हम आंसू नहीं बहाते हैं

क्योंकि हम है सीधे सरल और सच्चे।

बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है

जो दूसरों के अनुभव से कुछ सीखता है..!

रोने की वज़ह ना थी ना कोई हसने का बहाना था

आखिर क्यों हो गयें हम इतने बड़े इससे अच्छा तो वो हमारा बचपन का ज़माना था..!

Children day shayari for students
Children day shayari for students

फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता

जहाँ बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता।

हर खेल में साथी थे, हर रिश्ता निभाना था,

गम की जुबान ना होती थी, ना ज़ख्मों का पैमाना था।

सच में यार, वो बचपन बहुत प्यारा था।

बाल दिवस की बधाई…

वह व्यक्ति जो अधिकतर अपने गुणों को परवाना करता है

उसके अंदर बहुत ही कम गुणवान होते हैं..!

या तो अब बतला दे हमको खुश रहने का कोई तौर

या फिर लौटा दे वो खुशियां और मेरे बचपन का दौर..!

जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया

बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया।

आओ मिलकर बाल दिवस मनायें,

देश की आने वाली पीढी को उनका समझायें।

मैडम आज ना डांटना हमको आज हम खेलेंगे गाएँगे

साल भर हमने किया इंतजार आज हम बाल दिवस मनाएंगे..!

बच्चें कच्ची मिट्टी के घड़े की तरह होते है

जिन्हें जिस आकार में ढालना चाहे ढाल सकते हैं..!

मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है

उम्र का बेहतरीन हिस्सा है।

एक सुकून की तालाश में ना जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं,

और लोग कहते हैं, हम बड़े हो गये और हमने ज़िन्दगी संभाल ली।

बच्चों को सिखाया जाना चाहिए कि

सोचने के लिए नहीं बल्कि कैसे सोचें..!

हरी बत्ती कहती चलो लाल कहती थोड़ा रुक जाओ

पीली कहे रहना त्यार यही है सभी नियमों का सार..!

ये ज़िंदगी कुछ भी हो मगर अपने लिए तो

कुछ भी नहीं बच्चों की शरारत के अलावा।

याद आता है वो बीता बचपन

जब खुशियाँ छोटी होती थी

बाग़ में तितली को पकड़ खुश होना

तारे तोड़ने जितनी ख़ुशी देता था।

बचपन में सबसे अधिक पूछा गया एक सवाल बड़े होकर क्या बनना है

अब जाकर जवाब मिला कि फिर से बच्चा बनना है..!

हमें चिंता है कि एक बच्चा कल क्या होगा

लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि वह आज भी कोई है..!

children day shayari in hindi
children day shayari in hindi

फ़रिश्ते आ कर उन के जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं

वो बच्चे रेल के डिब्बों में जो झाड़ू लगाते हैं।

ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो

भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी

मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन

वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी।

दुआएं याद करो दी गई थी बचपन में

जो जख्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम..!

जब थे दिन बचपन के वो थे बहुत सुहाने पल

उदासी से ना था नाता गुस्सा तो कभी न था आता..!

चुप-चाप बैठे रहते हैं कुछ बोलते नहीं

बच्चे बिगड़ गए हैं बहुत देख-भाल से।

सभी बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते है,

उन्हें कैसा भी आकार दो वह उसी तरह बन जाते है।

ना सुबह की कोई फिकर थी ना शाम का ठिकाना था

स्कूल जाएं या नहीं, पर खेलने तो जरुर जाना था..!

संगीत की मधुर तान है बेटियां घर का गौरव और सम्मान है बेटियां

पिता और परिवार की शान है बेटियां इसलिए तो सबसे महान है बेटियां..!

जिस के लिए बच्चा रोया था और पोंछे थे आँसू बाबा ने

वो बच्चा अब भी ज़िंदा है वो महँगा खिलौना टूट गया।

बच्चे दुनिया के सबसे मूल्यवान संसाधन होते है

और ये आने वाले कल के लिए एक सर्वश्रेष्ठ आशा होती है।

हम हैं भारत के प्यारे बच्चे नहीं हैं अक्ल के कच्चे

बड़ो का करते हैं सम्मान क्योंकि दिल से होते हैं सच्चे..!

समय सालों के बिताने से नहीं मापा जाता बल्कि किसी ने क्या किया क्या महसूस किया

और क्या हासिल किया इससे मापा जाता है..!

अपने बच्चों को मैं बातों में लगा लेता हूँ

जब भी आवाज़ लगाता है खिलौने वाला।

बच्चों को हमेशा प्यार की जरूरत होती है

खासकर जब वह कोई गलती करें।

आओ मिलकर बाल दिवस मनायें

देश की आने वाली पीढी को उनका समझयें..!

जोधपुर समय सोचने के लिए विवश करता है

वह हमारे लिए सबसे अधिक सहायक है..!

खिलौनों की दुकानो रास्ता दो

मिरे बच्चे गुज़रना चाहते हैं।

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देश की प्रगति के हम है आधार,

हम करेंगे चाचा नेहरू के सपने साकार।

बाल दिवस पर शायरी 2024
बाल दिवस पर शायरी 2024

नेहरू जी थे सबके प्यारे, बच्चे चाचा कह कर पुकारे

बाल दिवस ही जन्म है उनका, थे पहले प्रधानमंत्री हमारे..!

शांति के बिना अन्य सभी सपने गायब हो जाते हैं

और रात में मिल जाते हैं..!

मोहल्ले वाले मेरे कार-ए-बे-मसरफ़ पे हँसते हैं

मैं बच्चों के लिए गलियों में ग़ुब्बारे बनाता हूँ।

बचपन का वो हर मौसम सुहाना था,

बारिश में कागज की नाव थी,

मां की कहानी थी और परियों का फसाना था।

बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

माँ की कहानी थी, परियों का फ़साना था

बारिश में कागज़ की नाव थी, हर मौसम सुहाना था..!

बचपन के दिन भुला न देना आज हंसी कल रुला ना देना

कितना प्यारा था बचपन मस्ताना..!

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में

फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।

बाल दिवस है जन्मदिन चाचा का ये है हमको सबसे प्यारा,

काश आज भी चाचा होते पास हमारे इनका प्यार है सबसे न्यारा।

हर अपने से भाईचारा, छोटी चीजों में बटवारा

टिफिन खोल मित्रों के खाना, झट से छूमंतर हो जाना..!

दिन भर मिट्टी में सने रहना पेड़ की डाली से लटकना बस यही तो किया करते थे

अभी तो जीना सिर्फ जीना है जिंदगी तो बचपन में जिया करते थे..!

दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में

सो ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम।

इतनी चाहत तो लाखो रुपये पाने की भी नही है,

अब जितनी बचपन की तस्वीर को देखकर बचपन में जाने की होती है।

बचपन के दिन आते हैं याद बहुत, वो माँ का आंचल और पापा का हाथ

दोस्तों की मचलती टोली और उनका साथ, आ जाओ बीते दिन करते हैं फिर याद..!

मुझे नहीं चाहिए किसी से जबरदस्ती वाला साथ

अगर हाथ में पकड़े तो पकड़ उसकी भी होनी चाहिए..!

मेरा बचपन भी साथ ले आया

गाँव से जब भी आ गया कोई।

बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,

तब ये दिल नहीं सिर्फ खिलौने ही टूटा करते थे।

कहां गए वह सकल नजारे हरियाली खुशियाली से

छलक गए सब मानो जैसे जीवन की इस प्याली से..!

जो आज पा लिया है आपने

वो भी तो कभी नामुमकिन ना होगा मेरे दोस्त..!


Children's Day Shayari
Children’s Day Shayari

असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब कर के मुझे

कहाँ गया मेरा बचपन ख़राब कर के मुझे।

देश के प्रगति के हम है आधार,

हम करेंगे चाचा नेहरू के सपने साकार।

ख़ुदा अबकी बार जो मेरी कहानी लिखना

बचपन में ही मर जाऊ ऐसी जिंदगानी लिखना..!

जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते

तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते..!

अब तक हमारी उम्र का बचपन नहीं गया

घर से चले थे जेब के पैसे गिरा दिए।

बच्चों दुनिया के सबसे मूल्यवान संसाधन होते है,

और ये आने वाले कल के लिए एक सर्वश्रेष्ठ आशा होती है।

हम है इस भारत के बच्चे हम नहीं है अकाल के कच्चे,

हम आसू नहीं बहाते है क्योकि हम है सीधे सरल और सच्चे..!

जो सबसे ज्यादा जानता है

वह बर्बाद समस्या के लिए सबसे ज्यादा दुखी होता है..!

कौन कहे मासूम हमारा बचपन था

खेल में भी तो आधा आधा आँगन था।

आज का दिन है बच्चों का,

कोमल मन का और कच्ची कलियों का।

मन के सच्चे ये प्यारे बच्चे,

चाचा नेहरु को हैं प्यारे बच्चे।

बच्चे भविष्य के लिए जीवित संदेश हैं

जो हम एक ऐसे समय में भेजते हैं शायद जिसे हम नहीं देख पाएंगें..!

जाने कहां गुम बचपन का प्यार हो गया,

उम्र बढ़ती गई और आदमी लाचार हो गया।

कल तक जिसे न फिक्र थी अपनी उसे देखो,

वो उम्र के लहज़े से जिम्मेदार हो गया..!

मुझ को यक़ीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थीं,

जब मेरे बचपन के दिन थे चाँद में परियाँ रहती थीं।


Children's Day Shayari
Children’s Day Shayari

मन के सच्चे ये प्यारे बच्चे,

चाचा नेहरु को हैं प्यारे बच्चे..!

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101+ Children’s Day Shayari बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको काफी ज्यादा पसंद भी आई होंगी। दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं कि हर वर्ष 14 नवम्बर को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर बाल दिवस भी मनाया जाता है क्योंकि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत अधिक प्रेम करते थे इसलिए इनके जन्मदिन के अवसर पर बाल दिवस मनाया जाता है।

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