Best 110+ Mehnat Shayari in Hindi | मेहनत शायरी हिंदी में (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Mehnat Shayari मेहनत शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली है। दोस्तों अगर आप भी अपने लक्ष्य के प्रति सीरियस है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं उसके लिए आप चाहें कितनी भी मेहनत करनी क्यों ना पड़े और आप अपने लक्ष्य के लिए मेहनत कर रहे हैं और आप अपनी मेहनत के लिए शायरी को पढ़ना चाहते हैं या फिर किसी को सुनाना चाहते हैं तो हम आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110 से भी ज्यादा मेहनत शायरी बताई है तो अगर आप गूगल पर मेहनत शायरी को ढूंढ रहे हैं लेकिन आपको अच्छी और बेहतरीन शायरी नहीं मिल पा रही है तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आपकी तलाश खत्म होने वाली है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको एक 110 से भी ज्यादा ऐसी शायरी बताई है जो आपको पसंद आने वाले हैं तो आएये दोस्तों जानते हैं 110 से भी ज्यादा Mehnat Shayari मेहनत शायरी कौन सी है।
Best 110+ Tareef Shayari in Hindi
तू रख यकीन बस अपनी मेहनत पर,
तेरी हार तेरे हौसलों से तो बड़ी नहीं होगी।
बेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाए नदी दो समंदर की तलाश करो।
टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से,
तोड़ दे पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।
कई रातें जागनी पड़ती हैं सफलता पाने के लिए,
मेहनत का फल इतनी आसानी से नहीं मिलता।
यूं ही नहीं होती हाथ की लकीरों के आगे उंगलियां,
रब ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है।
कुछ नहीं मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर,
मेरा अपना साया भी धूप में आने से मिला।
मेहनत प्रतिभा को पीछे छोड़ देती है,
इसलिए निरंतर मेहनत करते रहो।
टूटने लगे हौसले तो यह याद रखना,
बिना मेहनत के तख्तो ताज नहीं मिलते।
ढूंढ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होते।
मेहनत की आग जब सीने में होती है,
तो हर मुश्किल काम को आसान बनने में ज्यादा देर नहीं लगती है।
मेहनत का जुनून जिसके सर चढ़ जाए,
सारी मुश्किलें उसके सामने घुटने टेक देती है।
उसे अपनी मेहनत पर इतना भरोसा था की,
उसकी क़िस्मत को भी खुद से ज्यादा उस पर भरोसा था।
यदि कड़ी मेहनत आपका हथियार है,
तो सफलता आपकी ग़ुलाम हो जाएगी।
सफलता को गुलाम बनाने के लिए,
मेहनत का गुलाम बनना पड़ता हैI
मेहनत भी किसी हकीम से कम नहीं होती,
हर तकलीफ़ में ताकत की दवा देते हैं।
फासला नजरों का धोखा भी तो हो सकता है,
कोई मिले या ना मिले हाथ बढ़ा कर देखो।
वो लड़ेंगे क्या कि जो खुद पर फ़िदा हैं,
हम लड़ेंगे हम ख़ुदाओं से लड़े हैं।
सबब तलाश करो अपने हार जाने का,
किसी की जीत पर रोने से कुछ नहीं होगा।
मुस्कुराने के बहाने जल्दी खोजो वरना,
ज़िंदगी रुलाने के मौके तलाश लेगी।
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत,
यह एक चिराग कई आँधियों पे भारी है।
उठो तो ऐसे उठो कि फक्र हो बुलंदी को,
झुको तो ऐसे झुको बंदगी भी नाज़ करे।
आये हो निभाने को जब किरदार ज़मीं पर,
कुछ ऐसा कर चलो कि ज़माना मिसाल दे।
उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में,
पर बेवजह खुश रहने का मजा ही और है।
चरागों तक को जहाँ मय्यसर नहीं रौशनी,
लौ उम्मीद की हमने वहाँ भी जलाये रखी।
ज़िन्दगी की खरोचों से ना घबराइये जनाब,
तराश रही है खुद जिंदगी निखर जाने को।
मुश्किलों से कह दो उलझा ना करे हम से,
हर हालात में जीने का हुनर आता है हमें।
हौसला देती रहीं मुझको मेरी बैसाखियाँ,
सर उन्ही के दम पे सारी मंजिलें होती रहीं।
ज़िंदगी जब जख्म पर दे जख्म तो हँसकर हमें,
आजमाइश की हदों को आजमाना चाहिए।
लकीरें अपने हाथों की बनाना हमको आता है,
वो कोई और होंगे अपनी किस्मत पे जो रोते हैं।
चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये,
अब मजा देने लगी है जिन्दगी की मुश्किलें।
सोचने से कहाँ मिलते हैं तमन्नाओं के शहर,
चलना भी जरुरी है मंजिल को पाने के लिए।
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है।
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।
इंतजार किस पल का किये जाते हो यारों,
प्यासों के पास समंदर नही आने वाला।
लगी है प्यास तो चलो रेत निचोड़ी जाए,
अपने हिस्से में समंदर नहीं आने वाला।
जो न पूरा हो उसे अरमान कहते हैं,
जो न बदले उसे ईमान कहते हैं।
जिंदगी मुश्किलों में भले ही बीत जाये,
पर जो न झुके उसे इंसान कहते हैं।
तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो,
हम वहाँ अपने लिये नये आसमान ढूंढते हैं।
तुम बनाते जाते हो पिंजड़े पे पिंजड़ा,
हम अपने पंखों में नयी उड़ान ढूंढते हैं।
जिन के होंटों पे हँसी पाँव में छाले होंगे,
वही लोग अपनी मंजिल को पाने वाले होंगे।
मेरे हाथों की लकीरों के इज़ाफ़े हैं गवाह,
मैने पत्थर की तरह खुद को तराशा है बहुत।
सफ़र में मुश्किलें आयें तो जुर्रत और बढ़ती है,
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है।
हजारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब,
इसी का नाम है ज़िन्दगी चलते रहिये जनाब।
हौसलों पर अपने जो ऐतबार करते हैं उन्हें,
मंज़िलें खुद पते बताती हैं रास्ते इंतज़ार करते हैं।
ज़िंदगी ने सबकुछ लेकर एक यही बात सिखाई है,
खाली जेबों में अक्सर हौसले खनकते हैं।
उसी को हम जहाँ में रहरवे-कामिल समझते हैं,
जो हस्ती को सफर और कब्र को मंजिल समझते हैं।
जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा,
जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा।
बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता,
जो जलेगा उसी दिये में तो उजाला होगा।
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है।
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है।
संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है।
डर मुझे भी लगा फासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर।
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर।
जब-जब जग किसी पर हँसा है,
तब-तब उसी ने इतिहास रचा है।
ग़म न कर जिंदगी बहुत बड़ी है,
यह महफ़िल तेरे लिए ही सजी है।
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तकदीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है।
नहीं चल पायेगा वो एक पग भी,
भले बैसाखियाँ सोने की दे दो।
सहारे की जिसे आदत पड़ी हो,
उसे हिम्मत खड़े होने की दे दो।
जो फकीरी मिजाज रखते हैं,
वो ठोकरों में ताज रखते हैं।
जिनको कल की फ़िक्र नहीं,
वो मुठ्ठी में आज रखते हैं।
कल यही ख्वाब हकीकत में बदल जायेंगे,
आज जो ख्वाब फकत ख्वाब नजर आते हैं।
कहने को लफ्ज दो हैं उम्मीद और हरसत,
लेकिन मेहनत इसी दुनिया की दास्तां है।
एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा,
आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा।
बढ़ के तूफ़ान को आग़ोश में ले ले अपनी,
डूबने वाले तेरे हाथ से साहिल तो गया।
खुदा गवाह है दोनों है दुश्मने-परवाज,
गमे-कफस हो या राहत हो आशियाने की।
खुदा तौफीक देता है उन्हें जो यह समझते हैं,
कि खुद अपने ही हाथों से बना करती हैं तकदीरें।
इन्हीं गम की घटाओं से खुशी का चांद निकलेगा,
अंधेरी रात के पर्दों में दिन की रौशनी भी है।
इन्हीं जर्रों से कल होंगे नए कुछ कारवां पैदा,
जो जर्रे आज उड़ते हैं गुबार-ए-कारवां होकर।
जरा दरिया की तह तक तू पहुंच जाने की हिम्मत कर,
तो फिर ऐ डूबने वाले किनारा ही किनारा है।
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तों,
दाग अपने पास रखें और रोशनी बाँट दे।
हर मील के पत्थर पर लिख दो यह इबारत,
मंजिल नहीं मिलती नाकाम इरादों से।
रूकती नहीं किसी के लिये मौजे-जिन्दगी,
धारे से जो हटे वो किनारे पर आ गये।
जिन्दगी है मगर गर्मिए-रफ्तार का नाम,
मंजिलें साथ लिये राह पे चलते रहना।
हजार बर्क गिरे लाख आँधियाँ उठे,
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं।
न हमसफ़र न किसी हमनशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा हम ही से निकलेगा।
मंजिल मिले न मिले ये तो मुकद्दर की बात है,
हम कोशिश ही न करे ये तो गलत बात है।
खुद को यूँ खोकर जिन्दगी को मायूस न कर,
मंजिलें चारो तरफ हैं रास्तों की तलाश कर।
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना,
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू।
पंखों को खोल कि ज़माना सिर्फ उड़ान देखता है,
यूँ जमीन पर बैठकर आसमान क्या देखता है।
जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना,
बिना मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते।
ढूढ़ लेना अंधेरे में ही मंजिल अपनी दोस्तों,
क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते।
फिकर मत कर बन्दे कलम कुदरत के हाथ है,
लिखने वाले ने लिख दिया तकदीर तेरे साथ है।
फिकर करता है क्यूँ फिकर से होता है क्या,
रख खुद पे भरोसा देख फिर होता है क्या।
अभी मुठ्ठी नहीं खोली है मैंने आसमां सुन ले,
तेरा बस वक़्त आया है मेरा तो दौर आएगा।
कहती है ये दुनिया बस अब हार मान जा,
उम्मीद पुकारती है बस एक बार और सही।
उठो तो ऐसे उठो फक्र हो बुलंदी को भी,
झुको तो ऐसे झुको बंदगी भी नाज़ करे।
मंजिल तो मिल ही जाएगी भटक के ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।
रख हौसला वो मंजर भी आयेगा,
प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा।
थक कर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर,
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा।
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
मंजिल के कई इम्तिहान अभी बाकी है।
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है।
काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये,
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाये।
यहाँ ज़िन्दगी तो हर कोई काट लेता है,
ज़िन्दगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाये।
अगर पाना है मंजिल तो अपना रहनुमा खुद बनो,
वो अक्सर भटक जाते हैं जिन्हें सहारा मिल जाता है।
तकदीरें बदल जाती हैं जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो,
वरना ज़िन्दगी कट ही जाती है तकदीर को इल्ज़ाम देते देते।
छू ले आसमान ज़मीं की तलाश न कर,
जी ले जिंदगी ख़ुशी की तलाश न कर।
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश न कर।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू जिंदगी का इम्तेहान होता है।
डरने वालों को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में,
लड़ने वाले के कदमों में जहान होता है।
सुख दुःख की धूप-छाँव से आगे निकल के देख,
इन ख्वाहिशों के गाँव से आगे निकल के देख।
तूफान क्या डुबायेगा तेरी कश्ती को,
आँधियों की हवाओं से आगे निकल दे देख।
मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं,
मंज़िल से जरा कह दो अभी पहुंचा नहीं हूँ मैं।
कदमो को बाँध न पाएगी मुसीबत की जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो अभी भटका नहीं हूँ मैं।
दिल में छुपा के रखी है लड़कपन की चाहतें,
दोस्तों से जरा कह दो अभी बदला नहीं हूँ मैं।
साथ चलता है मेरे दुआओं का काफिला,
किस्मत से जरा कह दो अभी तनहा नहीं हूँ।
हुकूमत बाजुओं के ज़ोर पर तो कोई भी कर ले,
जो सबके दिल पे छा जाए उसे इंसान कहते हैं।
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे रास्ता हो जाएगा।
रस्ते कहाँ खत्म होते हैं जिंदगी के सफर में,
मंजिल तो वही है जहां ख्वाहिशें थम जाएँ।
मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती,
हौंसले भी टूट जाते हैं अक्सर उदास रहने से।
हवाओं को पता था मैं ज़रा मजबूत टहनी हूँ,
यही सच आंधियों ने अब हवाओं को बताया है।
इत्र से कपड़ों को महकाना कोई बड़ी बात नहीं है,
मज़ा तो तब है जब आपके किरदार से खुशबू आये।
कर्मभूमि पर फल के लिए मेहनत सबको करना पड़ता है,
रब सिर्फ लकीरें देता है रंग हमको भरना पड़ता है।
जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का,
फिर देखना फिजूल है कद आसमान का।
अपने हौसलों के बल पर हम अपनी प्रतिभा दिखा देंगे,
भले कोई मंच ना दे हमको हम मंच अपना बना लेंगे।
जब कदम थक जाते हैं तो हौसला साथ देता है,
जब सब मुंह फेर लेते हैं तो खुदा साथ देता है।
पानी को वर्फ में बदलने में वक्त लगता है,
ढले हुए सूरज को निकलने में वक्त लगता है।
नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते हैं,
सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते हैं।
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादों को,
उनके मुकद्दर के सफेद पन्ने कभी कोरे नहीं होते।
ना पूछो कि मेरी मंजिल कहां है,
अभी तो सफर का इरादा किया है।
ना हारूंगा हौसला उम्र भर,
यह मैंने किसी से नहीं खुद से वादा किया है।
सफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो।
कुछ किए बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
जीवन में अगर जीत को पाना है,
तो अब से और अभी से ही खुद को मेहनत में लगाना है।
आज मेहनत कमाई से ज्यादा करो,
कल कमाई मेहनत से ज्यादा होगी।
जीतेंगे हम यह खुद से वादा करो,
कोशिश हमेशा ज्यादा करो।
किस्मत भी रूठे पर हिम्मत न टूटे,
मजबूत इतना अपना इरादा करो।
हर नामुमकिन भी मुमकिन हो जाएगा,
जब तू आलस को छोड़ मेहनत करना सीख जाएगा।
चार दिन मेहनत कर रुक मत जाना,
वक्त लगता है बीज को फसल बनने में।
सपने ऐसे ही पूरे नहीं हो जाते मेरे दोस्त,
दिन रात मेहनत करनी पड़ती है उनको साकार करने के लिए।
कर्मभूमि पर फल के लिए श्रम सबको करना पड़ता है,
रब सिर्फ लकीरें देता है रंग हमको भरना पड़ता है।
हर बिगड़ी तकदीर का इलाज है मेहनत,
इसलिए लंबी सफलता का राज है मेहनत।
Best 101+ Ramzan Mubarak Shayari
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Mehnat Shayari मेहनत शायरी बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको पसंद भी आई होंगी। आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना बिलकुल भी न भूले और अपने सभी दोस्तों को हमारा आज यह आर्टिकल शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सकें।
Hey i read this mehnat shayari post and i found really really amazing shayari on hard working.
Good Job Bro✨❤