Best 101+ Ramzan Mubarak Shayari | रमजान मुबारक शायरी हिंदी में
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101+ Ramzan Mubarak Shayari रमजान मुबारक शायरी बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली हैं। तो दोस्तों अगर आप एक मुसलमान है तो आप रमजान की अहमियत को जानते ही होंगे क्योंकि जब भी रमजान शरीफ का महीना आता है सारे मुसलमान खुशी से झूम उठते हैं और एक महीने तक पूरे महीने रोजाना रोजा रखते हैं।
तो अगर आप भी मुसलमान है और रमजान शरीफ का महीना आने वाला है और आप लोगों को शायरी की सहायता से रमजान शरीफ की मुबारकबाद देना चाहते हैं लेकिन आपको शायरी नहीं मिल पा रही है तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर पहुंचे हैं जिसमें हमने आपको 101 से भी ज्यादा Ramzan Mubarak Shayari रमजान मुबारक शायरी बताई है। तो आएये दोस्तों जानते हैं 101 से भी ज्यादा रमजान मुबारक शायरी कौन सी है।
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चांद की पहली दस्तक पर चांद मुबारक कहते हैं,
सबसे पहले हम आपको रमजान मुबारक कहते हैं।
रमजान का चांद दिखा रोजे की दुआ मांगी,
रौशन सितारा दिखा आपकी खैरियत की दुआ मांगी।
खुदा आप पर अपनी रहमत बरसाए,
और आप सदा यूँ ही मुस्कुराए। रमजान मुबारक….
रमजान आया रहमतों की बरकत का महीना आया है,
लूट लो नेकिया जितना लूट सकते हो पूरे एक साल में यह पाक महीना आया है।
चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा,
इबादत से भर जाए रोजा तुम्हारा।
हर नमाज हो कबूल तुम्हारी,
बस यही दुआ है खुदा से हमारी।
आसमान पर नया चांद आया,
सारा आलम खुशी से जगमगाया।
हो रही है सेहर-ओ-इफ्तार की तैयारी,
सज रही है दुआओं की सवारी।
चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा,
इबादत से भर जाए रोजा तुम्हारा।
हर नमाज हो कुबूल आपकी,
बस यही दुआ है खुदा से हमारी।
पूरे हो आपके दिल के हर अरमान,
मुबारक हो आप सबको प्यारा रमजान।
अल्लाह बेजुबान को जब जवान देता है,
पढ़ने को फिर वह कुरान देता है।
बख्शने पर आए जब उम्मत के गुनाहों को,
तोहफे में गुनहगारों को रमजान देता है।
चांद की पहली दस्तक पर चांद मुबारक कहते हैं,
सबसे पहले हम आपको रमजान मुबारक कहते हैं।
इतनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है,
प्यास लगती नहीं इफरात गुजर जाता है।
हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह,
इबादत होती नहीं और रमजान गुजर जाता है।
फूलों और कलियों को बाहर मुबारक,
परिंदों को ऊंची उड़ान मुबारक।
आशिकों को उनका प्यार मुबारक,
आपको हमारी तरफ से रमजान मुबारक।
ऐ हवा उनको यह पैगाम कहना,
मेरी तरफ से मुबारक हो रमजान कहना।
रहमतों नेकियों इबादत का महीना है,
खुदा के सजदे में सर को झुकाना है।
कर इबादत ए दिल कि रमजान का महीना आया है,
बनके बरकत सारे जहां पर छाया है।
रमजान का पाक महीना जब आता है,
खुद अपना नूर इस धरती पर बरसाता है।
ना रहेगा सदा कुछ ही दिन का यह मेहमान है,
रहमत से भर लो झोलियां गुजर रहा माहे रमजान है।
क्या लिखूं मैं हुजूर की शान में,
सब कुछ तो लिख दिया है खुदा ने कुरान में।
तेज धूप की तपिश तुमको सताएगी,
प्यास की शिद्दत तुमको आजमाएगी।
रोजेदारों तुम हर हाल में सब्र करना,
यही आजमाइश तुम्हें जन्नत में लेकर जाएगी।
फिर से निकले हैं तलाश-ए-जिंदगी में रोजेदार बनकर,
दुआ है इस बार हमें रजा-ए-इलाही मिल जाए।
सर झुकाने की खूबसूरती भी कमाल की होती है,
सजदे जमीन पर करो तो दुआएं आसमान तक जाती हैं।
फरिश्तों फूल बरसाओ माहे रमजान आया है,
लेकर अल्लाह की रहमत माहे रमजान आया है।
वह शहरी की प्यारी सुन्नत और वह इफ्तारी की रहमत,
देखो प्यारे मुसलमानो माहे रमजान आया है।
चश्मे बारा हो कि मेहमान आ गया,
दामन में इलाही तोहफा जीशान आ गया।
जिस दिन मंदिर की घंटी से सुर मिल गया आज़ान का,
बदल जायेगा रूप उस दिन अपने हिदुस्तान का।
हटा कर जुल्फें चेहरे से न छत पर शाम को जाना,
कहीं कोई ईद न कर ले अभी रमजान बाकी है।
रमजान का महीना आया है संग ये अपने बरकत लाया है,
हमेशा खुश रहो तुम कुछ ऐसे जैसे तुमने खुदा को पाया है।
हम सब गुनाहगारों की मगफिरत करे अल्लाह,
इबादत होती नहीं रमजान गुजर जाता है।
रहमतों की बारिश का महीना है दोस्तों,
ए मेरे मुल्क तुझको हो रमजान मुबारक।
नसीब वाले ही पातें हैं मौत अल्लाह के घर में,
वरना हादसे तो लाख होते हैं दुनिया में।
दुआओं में सब की खुशियां मांग लिया करो,
जो दुआ नहीं पढ़ते हैं उनकी भी तकदीर सवार दिया करो।
हर किसी के लिए दुआ किया करो,
क्या पता किसी के नसीब में आपकी दुआ इंतजार कर रही हो।
तुम अल्लाह को याद रखो,
अल्लाह तुम्हें याद रखेगा।
खुदा के सजदे में जब मैं सर को झुकाता हूं,
मैं अपने सारे दुःख-दर्दों का हल पाता हूं।
हमारी तो दुआ है यह कोई गिला नहीं,
वह फूल जो आज तक यहां खिला नहीं।
खुदा करे आपको वह सब कुछ मिले,
जो आज तक किसी को कभी मिला नहीं।
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काश उनको भी याद आऊं मैं रमजान के रोजे में,
जो अक्सर मुझसे कहते हैं दुआओं में याद रखना।
दीपक में अगर नूर ना होता,
तन्हा दिल यह मजबूर ना होतो।
मैं आपको रमजान मुबारक कहने जरूर आता,
अगर आपका घर इतना दूर ना होता।
ऐ चांद उनको मेरा यह पैगाम कहना,
खुशी का दिन और हंसी के शाम कहना।
जब देखे बाहर आकर वह तुझे,
मेरी तरफ से उनको रमजान मुबारक कहना।
चुपके से चांद की रोशनी छू जाए आपको,
धीरे से यह हवा कुछ कह जाए आपको।
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से,
हम दुआ करते हैं वह मिल जाए आपको।
रमजान लेकर आता है ढेर सारी खुशियां,
रमजान मिटा देता है इंसान में दूरियां।
रमजान है खुदा का एक नायाब तबारक,
और हम भी कहते हैं आपको रमजान मुबारक।
दिए जलते और जगमगाते रहें,
हम आपको इसी तरह याद आते रहे।
जब तक जिंदगी है यह दुआ है हमारी,
आप ईद के चांद की तरह जगमगाते रहे।
रमजान का त्योहार आया है,
खुशियां अपने साथ लाया है।
खुदा ने दुनिया को महकाया है,
देखो फिर से रमजान चला आया है।
समुद्र को उसका किनारा मुबारक,
चांद को सितारा मुबारक।
फूलों को उसकी खुशबू मुबारक,
और हमारी तरफ से आपको रमजान मुबारक।
सुबह की अजान सुनकर पैगाम भेजा है,
पैगाम में सम्मान और प्यार भेजा है।
रमजान के इस पाक पर्व में हमने आपको,
प्यार भरा मुबारकबाद भेजा है।
रमजान का महीना आया है,
संग ये अपने बरकत लाया है।
हमेशा खुश रहो तुम कुछ ऐसे,
जैसे तुमने खुदा को पाया है।
चांद का जब दीदार हो,
सभी अपने तुम्हारे साथ हों।
हम हमेशा मांगते हैं दुआ आपके लिए,
इस बार हमारी दुआ स्वीकार हो।
चांद निकल आया है,
प्रकाश आसमान पर छाया है।
खुशियां धरती पर बिखरी हैं,
ऐसा रमजान का महीना आया है।
हमेशा जल्दी ही अरमान गुजर जाता है,
प्यास नहीं लगती और इफ्तार गुजर जाता है।
अल्लाह की इबादत से मन नहीं भरता है,
और देखते-ही-देखते रमजान गुजर जाता है।
चांद की रोशनी बिखर गई है आसमान में,
खुशियों का माहौल है सारे जहान में।
हर कोई अल्लाह की इबादत कर रहा है,
ऐसी बरकत छाई है रमजान में।
इस रमजान हो आपकी मुराद पूरी,
कभी न रहे कोई ख्वाहिश अधूरी।
परिवार में सभी के बीच प्यार बढ़े,
न आए कभी एक-दूसरे के बीच दूरी।
रमजान के दिनों में फरियाद खाली नहीं जाती,
नमाज पढ़कर वक्त की बर्बादी नहीं होती।
यही तो समय होता है खुशियां बांटने का,
इस समय दिल में नफरत रखी नहीं जाती।
रमजान की मुबारकबाद,
तुम रहो हमेशा आबाद।
कभी गम न आए तुम्हारे जीवन में,
ऐसी करता हूं खुदा से मैं फरियाद।
रमजान की बेला है नमाज पढ़ते रहिए,
खुदा को हर लम्हा याद करते रहिए।
होगी हर मुराद पूरी इस समय,
बस दूसरों के लिए भी फरियाद करते रहिए।
अपनी सांसों में अल्लाह का नाम बसा लो,
उसकी इबादत को अपना काम बना लो।
दिल में सबके लिए प्यार जगा लो,
बुराई से चार कदम दूरी बना लो।
फरियादों की झोली कभी खाली नहीं जाएगी,
अल्लाह का नाम लेने से हर मुराद पूरी हो जाएगी।
पढ़ते रहिए नमाज हर दिन,
हर सांस में खुशियां थम जाएगी।
किसी दिन लबी खुले तेरे तो मेरी किसी बात से खुले,
किस्सा खुलना हो अपना तो फिर किसी रात से खुले।
और एक ऐसा भी रमजान चाहता हूँ मैं जिसमें,
हर रोजा खुले तो बस तेरे हाथ से खुले।
ईद का चांद मुबारक हो,
रमजान मुबारक हो।
कभी आपकी आंखें न रोए,
जीवन में इतनी खुशियां हो।
फिर से रमजान का दिन आ गया है,
खुशियां मनाओ रमजान की मुबारकबाद दो,
क्योंकि खुदा आपके घर आ गया है।
रमजान का पवित्र पर्व है,
हमें आप पर बहुत गर्व है।
ए-चांद उनको मेरा पैगाम देना,
उनके हिस्से का गम मेरे नाम कर देना।
उन्हें सुख समृद्धि से तोल देना,
मेरी तरफ से रमजान मुबारक कह देना।
सुबह-शाम चेहरे पर हो मुस्कान,
हर कोई करे आपका सम्मान।
खुदा की भी बन जाएं आप जान,
हो इतनी बरकत इस रमजान।
घर से बाहर आकर देख हर तरफ खुशियां छाईं हैं,
इस साल फिर से रमजान की बेला आई है।
सुबह की अजान सुनकर खुदा तेरा नाम लेता हूं,
तू ही मेरी दुनिया-जहान है सबसे कहता हूं।
चांद को चांदनी मुबारक हो,
फूलों को खुशबू मुबारक हो।
परिंदों को आसमान मुबारक हो,
आपको रमजान का महीना मुबारक हो।
कभी इफ्तार का इंतजार नहीं रहता है,
हर दम मन अल्लाह-अल्लाह कहता है।
रमजान एक ऐसा पावन महीना है,
खुदा हर किसी की दुआ कबूलता है।
सितारों ने चांद को सलाम भेजा है,
हमने बुजुर्गों को सम्मान भेजा है।
किसी को भूले नहीं इस अवसर पर,
आपको भी रमजान मुबारक संदेश भेजा है।
तुम्हें जीते जी जन्नत नसीब हो,
हमेशा तुम अपनों के करीब रहो।
तुम्हारे सभी सपने पूरा हों,
इतनी ताकत मेरी दुआओं में हो।
अल्लाह तुम पर मेहरबान हो,
तुम्हारा हर काम आसान हो।
जीवन में हरदम रोशनी आए तुम्हारी,
ऐसा ही तुम्हारा पूरा साल और रमजान हो।
तेरा घर ही मक्का-मदीना बन जाए,
तू खुदा का सबसे पाक इंसान कहलाए।
कुछ इस तरह का चमत्कार इस साल रमजान दिखाए।
तेरा कर्म बदल जाएगा जब तू अल्लाह के घर आएगा,
मन शांत हो जाएगा जब तू इफ्तार खाएगा।
आ गया वो दिन जिसका सबको था इंतजार,
पहन लो नए कपड़े और हो जाओ तैयार,
रमजान की बहुत-बहुत मुबारकबाद यार।
खुदा गूंगे को जुबान देता है पढ़ने को कुरान देता है,
गुनाहों की माफी के लिए रमजान का महीना देता है।
उसके साये में बहुत शांति मिलती है,
मुरझाई कलियां भी फिर से खिलती है।
वो खुदा भी तुझे अपना बना ले,
ऐसी मेरी जुबां से दुआ निकलती है।
हर वक्त उनके धुन में रहता हूं,
अल्लाह-अल्लाह कहता रहता हूं।
तुम और तुम्हारा परिवार खुश रहे,
ये मैं अपने हर नमाज में कहता हूं।
तोहफे में तुम्हें खुशियां मिले,
तुम्हारे आंगन में फूल खिले।
अच्छी हो हर फसल तेरी,
खुदा से ऐसी बरकत मिले।
जितना काजी को कुरान से होता है,
शिक्षक को अपने ज्ञान से होता है।
उतना ही लगाव हमें आपसे है,
आपके बिना पूरा हमारा रमजान नहीं होता है।
उसके नाम से अधूरे काम पूरे हो जाएंगे,
पुकार कर तो देखो अल्लाह खुद आएंगे।
उनकी निगाहें भक्तों पर रहती है हमेशा,
आकर वो आपके घर खाना भी खाएंगे।
जब आसमान पर चांद आया तब सारा जग खुशियों से जगमगाया,
वह दिन बाद में रमजान कहलाया। रमजान मुबारक हो!
हर घर हो रही है इफ्तार की तैयारी,
रास्ते पर निकली है खुशियों की सवारी।
बैर मिटा दो इस रमजान सबसे,
बना लो उन्हें भी अपनी खुशियों की सवारी।
अपनों को खुश रखना किसी को दुख न देना,
खुद को खुदा में खो देना,
घर वालों को मेरी तरफ से,
रमजान की बधाई देना।
रमजान का पवित्र पर्व आया है,
जीवन में फिर खुशियां लाया है।
हमने इस रमजान की शायरी से,
आपको अपने घर बुलाया है।
तुम्हारा रोजा खाली न जाए हर दुआ कबूल हो जाए,
जो भी चाहो तुम वो तुम्हारे पास आ जाए।
चांद रोशन करे रमजान तुम्हारा,
खुशियों से जगमगाए जीवन तुम्हारा।
यही है खुदा से फरियाद हमारी,
पूरी हो हर आरजू तुम्हारी। रमजान मुबारक हो!
तुम्हारी हर नमाज कबूल हो कोई भी बातें फिजूल न हो,
जो भी मांगो तुम खुदा से वो सब कबूल हो।
खुदा से यही दुआ है हमारी,
पूरी हो हर ख्वाहिश तुम्हारी।
कभी अधूरा न हो कोई काम,
हर काम में हो खुदा की भागीदारी।
सदा चेहरे पर हो मुस्कान अपनों को हो तुम पर अभिमान,
हो इतनी तरक्की तुम्हारी कि सबको हो तुम्हारी पहचान।
अल्लाह आपके परिवार पर रहमत बरसाए,
आपका पूरा परिवार हमेशा मुस्कुराए। रमजान मुबारक हो!
खुशियों का गीत गाओ रमजान आया त्योहार मनाओ,
अपनों को खाने पर बुलाओ आप भी हमारे घर आओ।
मुबारक हो रमजान खुशियां मना रहा जहान,
अब न बनो हमसे अनजान एक गलती माफ कर दो भाईजान।
चांद आसमान में आ गया है हर तरफ प्रकाश छा गया है,
त्योहार की तैयारी कर लो रमजान का महीना आ गया है।
खुदा दस्तक दे तुम्हारे घर में,
अल्लाह की रहमत हो तुम्हारे घर में।
जिसे पूरी दुनिया ढूंढती है,
उस खुदा का निवास हो तुम्हारे घर में।
हमेशा सलामत रहे तुम्हारा परिवार ऐसी दुआ है हमारी,
कभी मुसीबत न आए ऐसी जिंदगानी हो तुम्हारी। रमजान मुबारक हो!
खुदा से दिल लगा लो कभी टूटेगा नहीं,
कभी भी खुदा तुमसे रूठेगा नहीं।
हर लम्हा खुदा तेरी फिक्र करता है,
क्योंकि तू अपनी हर बात में उसका जिक्र करता है।
तुझ जैसे खुदा को मानने वाले के लिए ही,
हर साल रमजान का महीना आता है।
तेरा जीवन कामिल हो जाएगा जब तू खुदा को अपनाएगा,
हर रोड तेरे पास आने से पहले राह पर ही थम जाएगा।
ए-खुदा मेरी दुआ कबूल कर ले इस रमजान यार की झोली भर दे,
उसके राह में जितने भी कांटे हों उन सबको फूल बना दे।
Best 110+ Chand Shayari in Hindi
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको भी 101+ Ramzan Mubarak Shayari रमजान मुबारक शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आई होगी। तो अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में शेयर करना ना भूले क्योंकि वह भी शायरी की सहायता से किसी भी व्यक्ति को रमजान की मुबारकबाद देना चाहते होंगे लेकिन उनको शायरी नहीं मिल पाती होगी तो आप उनकी यह समस्या खत्म हो जाएगी।