Best 110+ Chand Shayari in Hindi | चाँद पर बेहतरीन शायरी हिदी में (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Chand Shayari चांद शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली है। तो दोस्तों बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो चांद को देखकर शायरी को पढ़ना चाहते हैं यह अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड या फिर किसी भी व्यक्ति को चांद के लिए शायरी सुनना चाहते हैं लेकिन उनको शायरी नहीं मिल पाती है क्योंकि दोस्तों चांद पर शायरी बहुत कम मिलती है।
अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110 से भी ज्यादा चांद पर शायरी बताई है। अगर आप भी चांद पर शायरी को पढ़ने या किसी को सुनना चाहते हैं तो अब आपको चिंता की कोई भी आवश्यकता नहीं है आपको किसी प्रकार की कोई भी समस्या नहीं होगी और आप बिना किसी समस्या के चांद पर शायरी को पढ़ सकेंगे। तो लिए दोस्तों जानते हैं 110 से भी ज्यादा Chand Shayari चांद शायरी कौन सी है।
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पूरे की ख्वाहिश में यह इंसान बहुत कुछ खोता है,
भूल जाता है कि आधा चांद भी खूबसूरत होता है।
कभी तो आसमान से चांद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाए।
उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमान पर चांद पूरा था मगर आधा लगा।
मेरा और उसे चांद का मुकद्दर एक जैसा है,
वह तारों में तनहा है और में हजारों में तन्हा।
ना चांद चाहिए ना फलक चाहिए,
मुझे बस तेरी एक झलक चाहिए।
बेचैन इस कदर था कि सोया ना रात भर,
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चांद पर।
रात में एक टूटा तारा देखा बिल्कुल मेरे जैसा था,
चांद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिल्कुल तेरे जैसा था।
मोहब्बत भी चाँद की तरह दिखता है,
जब पूरा होता है तो फिर घटने लगता है।
एक रात हंसी है ऐसी भी हो जब फूल बिछे राहों में हो,
एक चांद फलक पर निकला हो एक चांद मेरी बाहों में हो।
ऐ चाँद तू भूल जाएगा अपने आप को जब सुनेगा दास्तान मेरे प्यार की,
क्यों करता है तू गुरूर अपने आप पर इतना तू तो सिर्फ परछाई है मेरे यार की।
रोज तारों की नुमाइश में खलल पढता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पढता है।
चाँद भी हैरान दरिया भू परेशानी में है,
अक्स किसका है कि इतनी रौशनी पानी में है।
तूने देखा है कभी चाँद पे बहता पानी,
मैंने देखा है ये मंजर उसके रुखसार पे अक्सर।
चाँद का बादलो में छुप जाना,
हुस्न वालो की अदा ठहरी।
आज साकी शराब रहने दो,
तिश्नगी के अजाब रहने दो।
चाँद बादल में अच्छा लगता है,
आधे रुख पे नकाब रहने दो।
रातों में टूटी छतों पे टपकता है चाँद,
बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद।
डूब चूका जब नील गगन की झील में तेरा हर वादा,
चमक रहा था मेरा दिल में फिर भी तेरे गम का चाँद।
बंद रखते हैं जुबान लव नहीं खोला करते,
चाँद के सामने तारे नहीं बोला करते।
जिसके हिस्से में रात आई है,
यकीन जानिए उसके हिस्से में चाँद भी होगा।
मोहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नही,
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
रुसवाई का डर है या अंधेरों से मोहब्बत खुदा जाने,
अब मैं चाँद को अपने आँगन में उतरने नहीं देता।
तुम सूबह का चाँद बं जाओ मैं शाम का सूरज हो जाऊं,
मिले हम तुम यूँ भी कभी तुम मैं हो जाऊं मैं तुम हो जाऊं।
ना जाने किस रैन बसेरों का तलाश है इस चाँद को,
रात भर बिना कम्बल के भटकता रह गया इस सर्द रातों में।
तुम आ गये हो तो फिर चांदनी सी बातें हो,
जमीन पे चाँद कहा रोज रोज उतरता है।
हम जिसे चाँद कहते थे ग़ालिब,
तारे दिखा दिए उसने।
जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले,
वो क्या समझेगा एक सितारे की कमी।
चाँद को जब करीब से देखा,
दूर से देखने की शय निकली।
अगर मैं शायर होता तो तेरा सेहरा करता,
चाँद को चाँद न कहता तेरा चेहरा कहता।
बदली मेरे नसीब के तारों की चाल जब,
करने लगा वो चाँद भी गर्दिश मेरे खिलाफ।
रुके तो चाँद चले तो हवाओं जैसा है,
वो शख्स धूप में देखो तो छाओं जैसा है।
कल चौदवी की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा,
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर,
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर।
कभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाये,
तुम्हारे नाम की एक खुबसूरत शाम हो जाये।
देखा हलाल ईद तो आया तेरा ख्याल,
वो आसमान का चाँद है तू मेरा चाँद है।
चाँद से तुझको जो दे निस्बत सूबे इंसाफ है,
चाँद के मुंह पर हैं छाईयाँ तेरा मुखड़ा साफ़ है।
ऐ काश हमारी किस्मत में ऐसी कोई शाम आ जाये,
एक चाँद फलक पर निकला हो एक चाँद सरे बाम आ जाये।
बिछ्डके मुझसे तूने कभी ये भी सोचा है,
अधुरा चाँद भी कितना उदास लगता है।
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परेशान किस लिए है चाँद पर रुखसार से गैसु,
हटा लीजिये कि धुंधली चांदनी अच्छी नहीं लगती।
आकाश की जगमग रातों में जब चाँद सितारे मिलते हैं,
दिल दे दे सनम को तू भी ये कुदरत के इशारे मिलते हैं।
वो मेरे साथ नहीं है लेकिन फिर भी मेरे साथ है,
चाँद साथ नहीं चलता लेकिन फिर भी मेरे साथ है।
कितना खुबसूरत चेहरा है तुम्हारा,
हर दिल तो सुर भी दीवाना है तुम्हारा।
और लोग कहते हैं तुम टुकड़ा हो चाँद का,
पर मैं तो कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा।
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली,
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली।
उनसे क्या कहे वो तो सच्चे थे शायद,
हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली।
चांदनी रात बड़ी देर के बाद आई,
ये मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आई।
आज आये है वो मिलने को बड़ी देर के बाद,
आज की रात बड़ी देर के बाद आई।
चाँद भी सूरज से ही चमकता है,
फूल खिलने के बाद ही महकता है।
सनम प्यार करने वाले कहते नहीं,
उनकी आँखों से सिर्फ प्यार छलकता है।
उतरा है मेरे दिल में कोई चाँद नगर से,
अब खौफ ना कोई अंधेरों के सफ़र से।
वो बात है तुझमें कोई तुझसा नहीं,
कि काश कोई देखे तुझे मेरी नज़र से।
ऐ चाँद आज जरा सोच समझकर निकलना,
यार मेरे सनम को भूखा रहने की आदत नहीं है।
सुन्दरता का मुकाबला अपने पुरे शवाब पर होगा,
आज एक चाँद दुसरे चाँद के इन्तजार में होगा।
क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की जरा आँख लगे,
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके।
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे,
चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया।
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैं,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती।
तनहा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है,
क्यूँ मेरे साथ सारी रात जगा करता है।
मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में,
क्या तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है।
ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को,
मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से।
आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का,
माँगती रह गई धरती कई रातों से।
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है,
उसपे शबाब का रंग गहरा है।
खुदा को यकीन न था वफ़ा पे,
तभी चाँद पे तारों का पहरा है।
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा।
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा।
इक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की।
चेहरा आपका चाँद सा और एक हसरत हमारी,
उस चाँद को पाने की।
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए,
एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
आसमान और ज़मीं का है फासला हर-चंद,
ऐ सनम दूर ही से चाँद सा मुखड़ा दिखला।
चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है,
अक्स किस का है ये इतनी रौशनी पानी में है।
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है,
उसपे शबाब का रंग गहरा है।
खुदा को यकीन न था वफ़ा पे,
तभी चाँद पे तारों का पहरा है।
बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद,
कोई साजिश छुपा रहा है चाँद।
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,
तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं।
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की।
चेहरा आपका चाँद सा और एक,
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।
उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पर चाँद पूरा था मगर आधा लगा।
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा।
चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको,
आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया।
दिन में चैन नहीं ना होश है रात में,
खो गया है चाँद भी देखो बादल के आगोश में।
क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।
मेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला।
101+ छोड़कर जाने वाली दर्द भरी शायरी
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे,
चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया।
एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की।
चेहरा आपका चाँद सा और एक हसरत,
हमारी उस चाँद को पाने की।
पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती।
तनहा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की जरा आँख लगे,
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके।
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।
ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है,
क्यूँ मेरे साथ सारी रात जगा करता है।
मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में,
क्या तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है।
क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।
कल चौदहवी की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा,
कुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को,
मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से।
आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का,
माँगती रह गई धरती कई रातों से।
न चाहते हुए भी मेरे लब पर ये फरियाद आ जाती है,
ऐ चाँद सामने न आ सनम की याद आ जाती है।
मुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँ,
सो अब के दरिया में एक दाएरा बनाना है।
पूछो इस चाँद से कैसे सिसकते थे हम,
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपटकर रोते थे हम।
तूने तो देखा नही छोड़ने के बाद,
दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम।
सुबह हुई कि छेड़ने लगता है सूरज मुझको,
कहता है बड़ा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का देखना दोस्तो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
इश्क तेरी इन्तेहाँ इश्क मेरी इन्तेहाँ,
तू भी अभी न-तमाम मैं भी अभी न-तमाम।
रात को रोज़ डूब जाता है,
चाँद को तैरना सिखाना है मुझे।
सारी रात गुजारी हमने इसी इन्तजार में कि,
अब तो चाँद निकलेगा आधी रात में।
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात,
उन आँखों में आंसू का इक कतरा होगा चाँद।
ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए,
मुझे बस तेरी की एक झलक चाहिए।
चाँद को तो चाहने वाले है सभी,
पर देखना ये है की चाँद किस पर फ़िदा होता है।
चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है,
उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है।
चाँद हो या न हो चांदनी रात है,
मैं तेरे साथ तू मेरे साथ है।
ऐ चाँद चला जा क्यों आया है तू मेरी चौखट पर,
छोड़ गया वो शख्स जिसके धोखे में तुझे देखते थे।
बुझ गये ग़म की हवा से प्यार के जलते चराग,
बेवफ़ाई चाँद ने की पड़ गया इसमें भी दाग।
इजाजत हो तो मैं भी तुम्हारे पास आ जाऊँ,
देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है।
है चाँद सितारों में चमक तेरे प्यार की,
हर फूल से आती है महक तेरे प्यार की।
चाँद मत मांग मेरे चाँद जमीं पर रहकर,
खुद को पहचान मेरी जान खुदी में रहकर।
हमने क़सम खायी है चाँद को चाँद रहने देंगे,
चाँद में अब तुम को ना ढूँढा करेंगे।
चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका,
जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका।
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर,
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर।
तेरे चेहरे से ऐसे नूर झलकता है,
जैसे दूर आसमान में चाँद चमकता है।
वो पलकें झुकाकर अक्सर यूं शर्माते हैं,
जब हम उन्हें प्यार से चांद कहकर बुलाते हैं।
बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद,
कोई तो साजिश छुपा रहा है चाँद।
Top 101+ Self Respect Shayari in Hindi
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Chand Shayari चांद शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आई होगी। आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल और उसमें लिखी हुई शायरी बहुत ही ज्यादा पसंद आई होगी। अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में भी शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सके और चांद पर बेहतरीन शायरी को पढ़ सके।