Best 50+ Morari Bapu Suvichar in Hindi – मुरारी बापू के सर्वश्रेष्ठ सुविचार
हेलो दोस्तों स्वागत आपका ” सुविचार इन” वेबसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको Morari Bapu Suvichar के बारे में विस्तार के साथ बताने वाले हैं। Morari Bapu Suvichar बहुत ही प्रशिद्ध माने जाते हैं।
आज हम आपको Morari Bapu Suvichar के बारे में बताते हैं। जो जीवन के रास्ते पर चलने में सहायक सिद्ध होंगे। आप इन सुविचारो को पढ़ कर इससे प्रेरणा ले सकते हैं। तो आइए जानते हैं मुरारी बापू के सुविचारों के बारे में।
Best 60+ Sad Suvichar in Hindi
परिवार के समस्त सदस्य आपके अनुकूल हो जाए यह आपके अधिकार की बात नहीं है,
लेकिन आप सबके अनुकूल हो जाओ या आपके अधिकार की बात है।
मुझे छोड़कर वह खुश है तो निकाल कैसी,
अब मैं उसे खुश भी ना देख सकूं तो मोहब्बत कैसी।
झुका के नजरें उन्हें सिर्फ मुस्कुराना है।
रामचरित मानस अलमारी में नहीं ह्रदय में रखने का शास्त्र है।
मैं छोड़ ना सका अंधेरे का अकेला पैगाम तो बहुत आए थे सूरज के घर से।
जगत को प्रभावित करना आसान है,
जगत को प्रकाशित करना बहुत मुश्किल है।
गाड़ी ठीक से सीखा नहीं मगर इतना मालूम है,
कि खुशियां बांटने से बढ़ती हैं।
सर झुकाने से नमाज ज्यादा नहीं होती,
झुकाना पड़ता है बाद के लिए।
यदि आप सत्ता हासिल करना चाहते हैं,
तो स्वामित्व छोड़ दें और आत्मसमर्पण कर दें।
अगर आपका लक्ष्य बड़ा हो और उस पर कोई हंसने वाला ना हो
तो समझ लेना कि अभी आपके जीवन का लक्ष्य बहुत छोटा है।
एक बात हमेशा जिंदगी भर याद रखना कि किसी को धोखा मत देना धोखे में बड़ी जान होती है,
यह कभी नहीं मरता घूम कर वापसी एक दिन आपके पास पहुंच जाता है।
हर सुखी होने के लिए दुखी हो रहे हैं यह मंगल है,
हम दूसरों को सुखी करने के लिए दुखी हो तो मंगल है।
तुम झूठ बोलो तो विकास तो होगा पर विश्राम नहीं होगा
किसी का छीना हुआ अमृत तुम्हें अमर तो बना देगा पागल निर्भय नहीं बना सकता।
जिसे कुछ भी नहीं चाहिए उसे मिलने में कुछ बाकी नहीं रहता यह नियम है।
किसी के यहां मेहमान मन देखकर हुआ जाता है मकान देखकर नहीं।
प्रत्येक व्यक्ति अगर पांचवा व्यक्ति की मदद करेंगे तो यह बहुत बड़ा काम हो
जाएगा पर हम इतनी परतों से देखते हैं कि हमें मदद के लिए कोई नहीं दिखता।
या तो कबूल कर मुझे मेरी कमजोरी के साथ,
या छोड़ दे मुझे तन्हाई के साथ।
छलक जाती है यह आंखें बिना किसी बात के जब भी समझता हूं
मुझे शायद कभी तो याद कर रहा है।
इश्क की यह भी एक मंजिल थी,
हर कदम पर फरेब खाए गए।
फुर्सत मिले तो उनका हाल भी पूछ लिया करो,
जिनके सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हो।
छलक जाती है आवाज तेज अभी,
समझ जाता हूं शायद तुझे याद कर रही है।
मकान दीवारों से बनता है,
और घर दिल से बनता है।
मजाक जिंदगी में हो तो कोई बात नहीं,
मजाक किसी की जिंदगी का हो यह बिल्कुल ना पसंद है।
इतने बदनाम हुए हैं इस जमाने में,
लगेगी सदिया आपको हमें भुलाने।
तेरे चाहने वाले कम ना होंगे,
लेकिन तेरी महफिल में हम ना होंगे।
तुम्हारी हस्ती उसकी मर्जी तुम्हारी उसमें कमाल क्या है,
सवाल यह है कि सवाल क्या है।
संसार छुड़ा दे वह गुरु नहीं,
संसार का सार समझा दे वो गुरु है।
स्मरण के बिना मरण महोत्सव नहीं बन सकता।
सत्य जहां से मिले स्वीकार करो,
अपनी खिड़कियां खुली रखो।
मोक्ष के लिए मरने की जरूरत नहीं,
बहुत साबधानी से जीने की जरूरत है।
वाणी अश्व है उस पर विवेक की लगाम चाहिए।
शाश्त्र और सद्गुरु संकेत करते हैं।
बुद्धि सदैव परीक्षा में मानती है और भक्ति सदैव प्रतीक्षा में मानती है।
भाग जाना बहुत आसान है,
जाग जाना बहुत मुश्किल है।
परमतत्व और गुरुतत्व जाना नहीं जाता माना जाता है।
साधना वाणी से नहीं दिखायी जाती,
व्यक्ति के वर्तन से साधना दिखायी जाती है।
विश्वास के पेट से पैदा होने वाले बच्चे का नाम संकल्प शिवसंकल्प।
प्रसाद में मिली सभी वास्तु गंगाजल ही बन जाती है।
प्रत्येक लाभ को शुभ मत समझना,
लेकिन सबको सदैव लाभ ही समझना।
लाभ और शुभ विवेक से समझो।
प्रभावित करे वह संत नहीं,
प्रकाशित करें वह संत।
अस्तित्व की परम करुणा से कथा सुनने मिलती है।
किसी के व्यक्तित्व और व्यवहार को बिना समझे निर्णय मत करो।
विषाद से मुक्ति, विद्या की प्राप्ति, विवेक का वर्धन
और विश्वास का दृष्टि करण गुरु के घर होता है।
कोई अस्पताल जाने से भरोसा नहीं बढ़ता,
बढ़ता है तो किसी जागृत महापुरुष के चरणों से।
मांगने से मिले वो आश्वासन और बिना मांगे मिले वह आशीर्वाद है।
देवस्थान मांगने के लिए नहीं है समर्पित होने के लिए है।
सद्गुरु की आंख आश्रित की पांख बन जाती है।
गुरुजनों की एक महक होती है,
साधना की सौगंध जोती है।
गुरु हमें संस्कार और विकार की बेड़ियों से मुक्त कर देता है।
जिस देश में शिक्षण और आरोग्य व्यापार बन जाए,
वह देश विकास कर सकता है पर विश्राम नहीं ले सकता।
अत्यंत सुख से विपत्ति का जन्म होता है।
हाथ में से जो छूटे वह त्याग और हृदय में से छूटे वह बैराग।
मेरी व्यासपीठ मेरे समाज की लोरी है।
जीवन ही साधना है साधना को जीवन से अलग मत करो।
Best 110+ Swami Vivekananda Suvichar
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Morari Bapu Suvichar के बारे में विस्तार के साथ बताया है जो काफी पसंदीदा माने जाते हैं। इसी तरह के नए नए सुविचार की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। अन्य नए सुविचार पाने के लिए जुड़े रहिए ” सुविचार इन” वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।