Best 110+ Nafrat Shayari in Hindi | नफरत शायरी हिंदी में (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Nafrat Shayari नफरत शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली है दोस्तों अगर आप भी किसी व्यक्ति से नफरत करते हैं या फिर कोई व्यक्ति आपसे नफरत करता है तो आप उस व्यक्ति को हमारे आज के इस आर्टिकल में लिखी हुई शायरी को सुना सकते हैं क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110 से भी ज्यादा नफरत शायरी बताई है।
दोस्तों अगर आप भी नफरत शायरी को पढ़ना चाहते हैं तो हमारा आज का यह आर्टिकल बिल्कुल आपके लिए ही है अगर आप गूगल पर नफरत शायरी को ढूंढ रहे हैं लेकिन आपको नफरत वाली बेहतरीन शायरी नहीं मिल पा रही है तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर पहुंचे हैं जिसमें हमने आपको 110 से भी ज्यादा नफरत शायरी बताई है। तो आएये दोस्तों जानते हैं 110 से भी ज्यादा Nafrat Shayari नफरत शायरी कौन सी है।
Best 110+ King Shayari in Hindi
क़त्ल तो लाजिम है इस बेवफा शहर में,
जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता है।
जब चाहा उसने अपना बनाया मुझे,
मन भरने पर उसने ठुकराया मुझे।
गुस्सा आता था सिर्फ उसके झूठे प्यार पर,
अब नफरत करना उसने सिखाया मुझे।
उसे प्यार का एहसास दिलाने के लिए मेरा सब कुछ खो गया,
पर नफरत तो सिर्फ दिखाई थी न जाने ब्रेकअप कैसे हो गया।
नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,
अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।
इस टूटे दिल में अब कभी कोई और नहीं होगा,
तुमसे नफ़रत के बाद अब कोई दिलदार नहीं होगा।
नफरत का वार मुझ पर ज़ोर से मारना,
क्योंकि नफरत मुझसे टकराकर प्यार में बदल जाती है।
लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है।
कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके।
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था।
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है।
बैठकर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर।
खुदा सलामत रखना उन्हें जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।
कुछ लोग तो मुझसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं,
क्योंकि बहुत सारे लोग मुझसे प्यार करते हैं।
वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,
लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी।
हाँ मुझे रस्म ए मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।
तुम्हे पता था कि मुझे तोड़ना इतना आसान नहीं,
इसलिए तुमने प्यार का फ़रेबी खेल खेला मेरे साथ।
तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,
मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता।
इश्क़ या खुदा को दिल में बसा लो,
दिल से नफरत हमेशा के लिए खत्म हो जायेगी।
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं,
मुझसे जब भी मिलते हैं कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।
किसी ने मुझसे पूछा तुम्हारा शौक क्या है,
मैने हंस कर कहा नफरत करने वालों से मोहब्बत करना।
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की की थी।
मुझसे नफरत करने वाले भी कमाल का हुनर रखते हैं,
मुझे देखना तक नहीं चाहते लेकिन नजर मुझपर ही रखते हैं।
उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ।
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।
वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करूँ।
चाह कर भी मुँह फेर नहीं पा रहे हो,
नफरत करते हो या इश्क निभा रहे हो।
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था।
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली दोस्तो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते हैं।
न मोहब्बत संभाली गई न नफरतें पाली गईं,
अफसोस है उस जिंदगी का जो तेरे पीछे खाली गई।
तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,
मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा।
ज्यादा कुछ नहीं बदला उनके और मेरे बीच में,
पहले नफरत नहीं थी अब मोहब्बत नहीं हैं।
जो आदमी लिमिट में रहता हैं,
वो ज़िन्दगी भर लिमिट में ही रह जाता हैं।
देखना मेरी तुम्हारी नफरतों में खाख ना हो जाए सबकुछ,
हम दोनो को भी आखिर में रहना तो है इसी बस्ती में।
कैसे उन्हें भुलाऊँ मोहब्बत जिन्हों ने की,
मुझ को तो वो भी याद हैं नफ़रत जिन्हों ने की।
अजीब सी आदत और गजब की फितरत है मेरी,
मोहब्बत हो कि नफरत हो बहुत शिद्दत से करता हूं।
Best 110+ Attitude Don Shayari in Hindi
पूरी दुनिया नफरतों की आग में जल रही है,
फिर भी ना जाने क्यों लोगों को ठंड लग रही है।
ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में,
ज़िन्दों को गिराने मुर्दों को उठाने में।
प्यार करता हूँ इसलिए फ़िक्र करता हूँ,
जो नफ़रत करता तो तेरा जिक्र तक न करता।
मुझे ऑनलाइन देखते ही तेरा ऑफलाइन हो जाना,
उफ़ यह तेरी डिजिटल नफरत।
जो मुझसे नफरत करते हैं शौक से करें,
हर शख्स को मैं अपनी मोहब्बत के काबिल नहीं समझता।
नफरतों को जलाओ मोहब्बत की रौशनी होगी,
वरना इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए है।
हमसे नफरत तभी करना जब आप,
हमारे बारे मैं जानते हो तब नहीं जब किसी से सुना हो।
हमें नफ़रत पसंद है लेकिन,
दिखावे का प्यार नहीं।
नफरत हमने सीखी नही कभी दिल से,
हम तो बस मौहब्बत ही रखते है हर किसी से।
ना जाने क्यों कोसते है लोग बदसुरती को,
बरबाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते है।
हाथ में खंजर ही नहीं आंखो मे पानी भी चाहिए,
ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए।
नाराजगी डर नफरत या फिर प्यार,
कुछ तो जरुर है जो तुम मुझसे दूर दूर रहते हो।
उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से,
अब नयी दुनिया लाये कहाँ से।
इसीलिए तो बच्चों पे नूर सा बरसता है,
शरारतें करते हैं साजिशें तो नहीं करते।
है खबर अच्छी के आजा मुँह तेरा मीठा करें,
नफरतें तेरी हुई हैं बा खुशी दिल को कबूल।
अगर हमारी उल्फतों से तंग आ जाओ तो बता देना,
हमें नफरत तो गवारा है मगर दिखावे की मोहब्बत नहीं।
हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है ऐ सनम,
किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी।
नफरत मत करना मुझसे मुझे अच्छा ना लगेगा,
बस प्यार से कह देना तेरी अब जरुरत नहीं है।
हमें बर्बाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बर्बाद हो जाओगे।
हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें,
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भीन लें।
ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए,
कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है।
एक नफरत ही है जिसे दुनिया चंद लम्हों मैं जान लेती है,
वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो ज़िन्दगी बीत जाती है।
हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां,
जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनियां।
जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी,
जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनियां।
नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मैं,
मोहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूँ में।
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,
ज़रा से भी चुके तो मोहब्बत हो जाएगी।
जिसके अहंकार पुरखो की कमाई पर पले है,
आज वो हमसे नफरत की लड़ाई जीतने चले है।
होते हैं शायद नफरत में ही पाकींजा रिश्तें वरना,
अब तो तन से लिबास उतारने को लोग मोहब्बत कहते हैं।
कदर करनी है तो जीते जी करो,
अरथी उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है।
छोटी सी इस कहानी को एक और फ़साना मिल गया,
उनको हमसे नफ़रत का एक और बहाना मिल गया।
तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने,
सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते।
मेरे दिल को यु कैद ना कर ए पगली,
दिल के नवाब हैं तेरे पिंजरे के पंछी नही।
उसकी नफरतों को धार किसने दी,
महबूब के हाथों तलवार किसने दी।
वो लोग अपने आप में कितने अज़ीम थे,
जो अपने दुश्मनों से भी नफ़रत न कर सके।
जिस क़दर नफ़रत बढ़ाई उतनी ही क़ुर्बत बढ़ी,
अब जो महफ़िल में नहीं है वो तुम्हारे दिल में है।
मेरी वफ़ाए कुछ काम नहीं आ रही है,
देखो ना वो मुझे , कैसे भूलती जा रही है।
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है,
खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है।
हम तो जल गए उसकी मोहब्बत में मोम की तरह,
फिर भी कोई हमें बेवफा कहे तो उसकी वफ़ा को सलाम।
तेरे वादों के बारे में तू ही जाने मैं तो बस अपनी वफ़ा को जानता हूँ,
जिस दिन ये धड़कन दिल की रूठेगी उस दिन ही मेरी वफ़ा टूटेगी।
काश कैद कर ले वो पागल मुझे अपनी डायरी में,
जिसका नाम छिपा होता है मेरी हर शायरी में।
ज़िंदगी रही तो हर दिन तुम्हे याद करते रहेंगे,
भूल गया तो समझ लेना भगवान ने हमें याद कर लिया।
उन्हों ने अपने लबों से लगाया और छोड़ दिया,
वे बोले इतना ज़हर काफी है तेरी कतरा कतरा मौत के लिए।
नादान हो जो खोकर भी पाने की कोशिश करते हो,
क्या कभी गुजरे वक्त को वापस आते देखा है।
इतना भी ना चाहो किसी को वो चला जाए,
और ज़िन्दगी बेरंग बोझिल और गुमनाम हो जाए
अर्ज़ किया जब ग़ज़लों मे उनकी बेवफ़ाई को तो,
औरों ने तो ठीक उन्होंने भी वाह वाह किया।
जिस किसी को भी चाहों वो बेवफा हो जाता है,
सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है।
जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो,
काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता है।
मैने तुझे मोहब्बत में ख़ुदा बना दिया,
तूने मुझे उस ख़ुदा का काफ़िर बना दिया।
उन्होंने हमें आजमाकर देख लिया,
एक धोख़ा हमने भी खा कर देख लिया।
क्या हुआ हम हुए जो उदास,
उन्होंने तो अपना दिल बहला के देख लिया।
ख्वाहिश थी कि हमेशा तेरे बन कर रहे,
तुमसे मिले तो ना तेरे हुए ना ही खुद के रहे।
उदास हूँ पर नाराज नहीं,
तेरे दिल में हूँ पर तेरे पास नहीं।
सब कुछ है मेरे पास,
बस तेरे जैसा कोई ख़ास नहीं।
कोई भी इंसान बुरा तब ही बनता है जब,
वो अच्छा बन कर टूट चूका होता है।
मुझसे मेरी वफ़ा का सबूत मांग रहा है,
खुद बेवफ़ा हो के मुझसे वफ़ा मांग रहा है।
ना कर तू इतनी कोशिशें मेरे दर्द को समझने की,
तू पहले इश्क़ कर फिर चोट खा फिर लिख दवा मेरे दर्द की।
ये मत सोचो की तुम छोड़ दोगे तो हम मर जायेंगे,
वो भी जी रहे हैं जिनको तेरी खातिर हमने छोड़ा था।
हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया,
पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया।
जिनसे थे मेरे नैन मिले बन गए थे ज़िन्दगी के सिलसिले,
इतना प्यार करने के बाद भी सनम मेरे बेवफा निकले।
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे,
एक शहर अब इनका भी होना चाहिए।
कोई मिला ही नही जिसको वफ़ा देते,
हर एक ने दिल तोडा किस किस को सज़ा देते।
दिल टूटा तो एक आवाज आई,
चीर के देखा तो कुछ चीज निकल आई।
सोचा क्या होगा इस खाली दिल में,
लहू से धो कर देखा तो तेरी तस्वीर निकल आई।
उम्मीद ना थी कि तुम बेवफा निकलोगे,
मेरे दिल के साथ इस तरह खेलोगे।
इतना प्यार दिया था तुम्हे मेरी जान,
फिर भी अपने दिल की तुम ना सुनोगे।
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हें दावा था वफ़ा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा।
तुम्हारी बेवफाई की सजा तुम्हे मिलेगी,
अभी नहीं तो ,कभी तो मेरी कमी खलेगी।
तो जब याद करोगे इस आशिक़ को,
तब तक यार बहुत देर हो चुकी होगी।
छोड़ कर जाने वाले हमेशा बेवफा नहीं होते,
मजबूरी में मुँह मोड़कर वो खुद भी बहुत रोते।
अपने प्यार करने वाले की नींदे उड़ाकर,
रात भर वो खुद भी चैन से ना सोते।
तेरी बेवफाई ने क्या कर दिया,
हाल मेरा बेहाल कर दिया।
जिन नैनो में कभी सपने भरे थे,
उन नैनो को अश्कों से भर दिया।
जब चाहा उसने अपना बनाया मुझे,
मन भरने पर उसने ठुकराया मुझे।
गुस्सा आता था बस उसके झूटे प्यार पर,
अब नफरत करना उसने सिखाया मुझे।
गलत कहते हैं लोग कि संगत का असर होता है,
वह बरसों मेरे साथ ही रही मगर फिर भी बेवफा निकली।
गुजर गया वक्त जब हम तुम्हारे तलबगार थे,
अब जिंदगी बन जाओ तो भी हम कबूल नहीं करेंगे।
उसे याद आएगी जिस दिन मेरी मोहब्बत,
वह रोएगा बहुत फिर से मेरा होने के लिए।
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं किसी का दिल,
बड़ी सादगी से कहते हैं मजबूर थे हम।
तेरी यादें हर रोज आती है मेरे पास,
लगता है तुमने बेवफाई नहीं सिखाई इसको।
भुला देंगे तुझे जरा सब्र तो कीजिए,
आपकी तरह मतलबी होने में थोड़ा वक्त लगेगा।
जिनकी फितरत में हो धोखा देना,
वह लोग चाह कर भी बदल नहीं सकते।
तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,
मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा।
तेरे इश्क का सुरूर था जो खुद को बर्बाद किया,
वरना दुनिया मेरी भी दीवानी थी।
पलट कर भी नहीं देखी तेरी बेरुखी हमने,
भुला देंगे तुझे ऐसे कि तू भी याद रखेगी।
तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,
अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।
Best 110+ Chand Shayari in Hindi
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Nafrat Shayari नफरत शायरी बताई है जो कि इतनी ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है कि आपको पसंद आई होगी। आशा करते हैं आपको हमारा आज का यह आर्टिकल भी पसंद आया होगा अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो ऐसे अपने दोस्तों में शेयर करना बिल्कुल भी ना क्योंकि जब आप हमारे आज के इस आर्टिकल को अपने दोस्तों में शेयर करेंगे तो आपके दोस्त भी Nafrat Shayari नफरत शायरी को पढ़ सकेंगे।