Best 115+ Nature Shayari | प्रक्रति की सुन्दरता पर शायरी (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 115+ Nature Shayari नेचर शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली है। दोस्तों अगर आप भी प्रकृति को पसंद करते हैं और जैसा कि आप जानते ही हैं हमारे भारत में बहुत सारी ऐसी जगह भी है जहां से अगर हम अपने देश की प्रकृति को देखें तो हमें बहुत अच्छा महसूस होता है क्योंकि सामने दिखने वाली प्रकृति बहुत ही अच्छी दिखती है तो दोस्तों अगर आप उसे अच्छे दृश्य पर शायरी को पढ़ना चाहते हैं।
तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर पहुंचे हैं जिसमें हमने आपको 115 से भी ज्यादा Nature Shayari नेचर शायरी बताई है। और सभी शायरी बहुत ही बेहतरीन शायरी है तो अगर आप गूगल पर दिल करती है शायरी को ढूंढ रहे हैं तो अब आपकी तलाश खत्म हो चुकी है क्योंकि आज आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर पहुंचे हैं। तो आएये दोस्तों जानते हैं 115 से भी ज्यादा प्रकृति शायरी कौन सी है।
Best 110+ पढ़ाई पर मोटिवेशनल शायरी
हवा के झोंकों के जैसे आजाद रहना सीखो,
तुम एक दरिया हो लहरों की तरह बहना सीखो।
प्रकृति के साथ चलोगे तो इतना पाओगे जितना कभी चाहा भी नहीं था,
प्रकृति की सुंदरता हमारे लिए वह उपहार है।
कुदरत के साथ बताया गया समय कभी व्यर्थ नहीं जाता,
जन्नत आपके पैरों के नीचे भी है और सर के ऊपर भी।
हवा की सरसराहट चिड़िया की चहचहाहट,
समुद्र का शोर जंगलों में नाचते मोर।
इनका कोई नहीं मोल,
क्योंकि प्रकृति है अनमोल।
दुनिया वह नहीं जो दिखाई देती है,
दुनिया तो प्रकृति के साथ रंगों से ही खिलती है।
दुनिया में तुम्हें वही मिलता है जो तुम दूसरों को दे देते हो,
प्रकृति ही एक ऐसी व्यवस्था है जो सिर्फ देती है बदले में कुछ नहीं लेती।
सौंदर्य से प्रकृति भरी पूरी है,
इसकी रक्षा भी उतनी ही जरूरी है।
कुदरत ने क्या खूब रंग दिखाया है,
इंसानों को प्रकृति दोहन का सबक सिखाया है।
घर में कैद होने के बाद समझ आया,
प्रकृति को हमने कितना रुलाया है।
कुदरत का करिश्मा है देखो चारों तरफ हरियाली है,
हम इनको है काटते और यह करती हमारे रखवाली है।
कम से कम अपनी जुल्फे तो बाँध लिया करो,
कमबख्त बेवजह मौसम बदल दिया करते हैं।
सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता है,
उस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है।
सतरंगी अरमानों वाले सपने दिल में पलते हैं,,
आशा और निराशा की धुन में रोज मचलते हैं।
बरस-बरस के सावन सोंचे प्यास मिटाई दुनिया की,
वो क्या जाने दीवाने तो सावन में ही जलते है।
जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो,
तो संग मौसम बाहर का लाते हो।
कोई मुझ से पूछ बैठा बदलना किस को कहते हैं,
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ मौसम की या अपनों की।
सुहाना मौसम भी बिगड़ जाता है आँधियों के चलने से,
धोखेबाज भी बदल जाते है धोखेबाजियों के चलने से।
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,
काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।
विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है।
रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,
गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह।
जो आना चाहो हज़ारों रास्ते न आना चाहो तो हज़ारों बहाने,
मिज़ाज-ऐ-बरहम मुश्किल रास्ता बरसती बारिश और ख़राब मौसम।
अरे इतना भी मत सताओ मौसम सुहाना है,
थोड़े नखरे कम करो दूर क्यूँ हो थोड़ा पास आजाओ।
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी,
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।
प्रकृति की ख़ूबसूरती में बसे हैं हज़ारों ख़ुशियाँ,
पूरे हृदय में बस जाती है यह अद्भुत सुखद संगीता।
मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है।
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना,
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू।
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है,
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।
जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा है,
नज़रों का कहर दिल में दबा रखा है।
अपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा है,
हमारे मौसम को धुंए में जला रखा है।
आज मौसम ने मूड सुहावना बना रखा है,
चलो अंदर चलते है बेफ़िजूली बातों में क्या रखा है।
इश्क़ में सुहाना लगता है हर मौसम,
हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ़ गम।
बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है,
कि इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है।
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे,
मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।
नीचे गिरे पत्ते भी सुख जाया करते है,
सर्दी के मौसम में जोड़े भी रूठ जाया करते है।
ये मौसम कितना प्यार है,
खूबसूरत कितना यह नजारा है।
इश्क़ करने का गुनाह हमारा है,
मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है।
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह।
यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते,
बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते।
जो आने वाले हैं मौसम उनका एहतराम करो,
जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।
Best 110+ Mehnat Shayari in Hindi
बेईमान मौसम से पूछो कुछ हरकत कर रहा है,
बताता नहीं क्या ये मेरे हमसफर से डर रहा है।
सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ।
जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है।
आज है वो बहार का मौसम,
फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए।
इस सर्दी के मौसम ने भी बहुत सताया है,
फिर तेरी यादों ने भी नींदो से हमें जगाया है।
ठन्डे मौसम में भी हमे जोरों से रुलाया है,
अकेलेपन से मुझे मेरे मित्रों ने ही तो बचाया है।
आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम,
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम।
बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में,
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर।
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा।
भूली यादों को याद कर के आज रोया हूँ,
भूले जख्मो को आज फिर से म भिगोया हूँ।
तभी ठंडी के मौसम में भी लंबी चदर को तान सोया हूँ।
टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है,
जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है।
सुहाने से मौसम में रूहानी सी बात कह गई,
उससे प्यार नही करना था मगर प्यार हो गई।
तुम मौसम की तरह बदल रही हो,
मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ।
कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो संगीन है।
दिसंबर में मौसम भी कति प्यारा होता है,
होता ठंडा है मगर फिर भी सबका दुलारा होता है।
इस ठंडे मौसम की बाहर बन कर,
ठंडी में भी गर्मी की फुहार बनकर।
शुर मय जीवन में छनकार बनकर,
तेरी मोहोब्बत में फसा हूँ एक लाचार बनकर।
मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गई,
दीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ।
मौसम की तरह इंसान नही बदलते है,
मौसम बदलने का पता चल जाता है।
मगर इंसान के बदलने का पता बड़ी देर में चलता है।
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है,
काश वो भी कोशिश करके देखे।
तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है,
अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है।
कोई दिल में इस कदर उतर जाता है,
जिसके बाद हर मौसम रंगीन नजर आता है।
उसे ना देखों तो दिल बेचैन हो जाता है,
उसे देख लो तो उस पर प्यार आता है।
मौसम भी है सुहाना बारिश भी हो रही है,
बस एक कमी है तेरा मुझसे गले लग जाना।
मस्त मौसम दिल में बहार लाता है,
बिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है।
किसने कहा इश्क़ बेवफा होता है,
किसने कहा इश्क़ सजा देता है।
किसी के इश्क़ में पूरी तरह डूब कर देखो,
उसकी यादों का मौसम भी मजा देता है।
कुछ तो मौसम-ए-हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी,
दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।
बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम,
चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें।
हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है,
ये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है।
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था।
मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी,
जिस फूल को देखूं वोही पैमाना हुआ है।
इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा है,
वैसे पीता तो नहीं पर फिर भी नशा पूरा चढ़ा रखा है।
मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी,
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं।
सर्दी में दिन सर्द मिला,
हर मौसम बेदर्द मिला।
जो उन मासूम आँखों ने दिए थे,
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ।
तब्दीली जब आती है मौसम की अदाओं में,
किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है।
मौसम की तरह बदलना तुम्ही ने सिखाया है,
तभी तो आज ये चाँद तेरे लिए नही तेरी दोस्त के लिए आया है।
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया,
ख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया।
बारिश की बूंदे गिरी इस तरह से लगा,
जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया।
चांद का इशारा है चाँदनी मौसम,
आपका नहीं बस ये सिर्फ हमारा है।
हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक़्त आता है,
जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है।
मौसम की पहली बारिश में तुम मिले इस तरह,
जैसे धरती मिल गई हो आसमान से जैसे बूँदों ने पहली बार किया हो।
आलिंगन माटी के सीने से और उसी माटी की,
सौंधी खुशबू की तरह फैल रहा है हर तरफ प्यार तेरा।
दिल की बाते कौन जाने,
मेरे हालात को कौन जाने।
बस बारिश का मौसम है,
पर दिल की ख्वाहिश कौन जाने।
कुछ अपना अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ जुर्म दोनो ही संगीन है।
महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है,
महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है।
तेरे तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर,
मिरे लिए सर्दियों का मौसम ज़रा अलग है।
रिमझिम बरस पड़े हो तुम तो फुहार बन के,
आया है अब तो मौसम कैसा खुमार बन के,
मेरे दिल में यूँहीं रहना तुम प्यार प्यार बन के।
इस सुहाने मौसम का थोड़ा एहतराम तो कर ले,
घर तेरे आयें है थोड़ा इंतजाम तो कर ले।
इन झूठी बातों पर थोड़ा लगाम तू कर ले,
सोचेगा क्या इतना अरे इंतजाम तो कर ले।
उस को भला कोई कैसे गुलाब दे,
जिसके आने से बारिश का मौसम और गुलाबी हो जाता है।
जिसे भीगने का डर होता है वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,
जिसे बिछड़ने का डर होता है वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है।
शहर देखकर ही अब हवा चला करती है,
अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं।
मेरे दिल को तोड़कर तू मिलने का बहाना न कर,
दर्द हमने बहुत सहे है इस मौसम को सुहाना न कर।
छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को,
सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है।
तेरे चेहरे को देख दिल में सवाल होता है,
तेरी जुल्फों से भी हाय क्या कमाल होता है।
गलों से भी दिल में बवाल होता है,
पर तेर दिल को देख मुझको मलाल होता है।
दिल खुश हो जाता था जिसके मुस्कुराने से,
ये मौसम बेरंग हो गया है उसके छोड़ जाने से।
दूर जाकर भी मुझे तुम कितना सताते हो,
इस सर्द मौसम में तुम बहुत याद आते हो।
ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद,
चलो फिर मिलते है एक कप चाय के साथ।
मौसमी रंग भी कितना रंगीन होता है,
ठहरता है बस कुछ वक्त के लिए पर फिर भी ये मौसम हसीन होता है।
जब इंसान की फितरत बदल रही हो तो ये जरुरी नहीं की इंसान बदल गया,
हो सकता है बाहर का मौसम बदल रहा हो।
जो मजा आपके इन्तजार में है,
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।
कब तलक दिल में जगह दोगे हवा के ख़ौफ़ को,
बादबाँ खोलो कि मौसम का इशारा हो चुका।
आज मौसम भी बड़ी बेईमानी कर रहा है खुद तो अच्छे से देख रहा है,
उन्हें पर म देखूं तो परेशानी कर रहा है।
सर्द मौसम में आग लगाया ना करों,
बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों।
हमें इस सर्द मौसम में तेरी यादें सताती हैं,
तुम्हें एहसास होने तक दिसंबर बीत जायेगा।
तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे है,
हम तो मर ही गए थे लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है।
मोहब्बत करने का कोई मौसम नही होता है,
इस जमाने में कोई बेवफा हो जाएँ तो गम नही होता है।
जब बेवफाई का मौसम आता है,
बात करने का लहजा बदल जाता है।
जब से तेरे ख़याल का मौसम हुआ है,
दोस्त दुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये।
उदास जिन्दगी लगती है उदास वक़्त लगता है,
उदास ये मौसम लगता है जब उदास तू लगता है।
अरे बारिश का मौसम भी कुछ बता रहा है,
खुले बाल कर उनका यूँ मेरी तरफ चले आना ओह अरे मुझे शता रहा है।
इसमें मौसम का क्या कसूर है,
जब मेरी चाहत ही मुझसे दूर है।
मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी,
तुम्हारी याद आयी और मौसम सुहाना हो गया।
इस मौसम से सब परेशान है नाक में झरना,
और झरने पर रुमाल ये सब इसी मौसम की तो पहचान है।
लोग कहते है कि दिन छोटा होता है तब रातें लम्बी हो जाती है,
मैं कहता हूँ कि जब दिल टूटता है तब रातें लम्बी हो जाती है।
वाह मौसम तेरी वफा पे आज दिल खुश हो गया,
याद-ए-यार मुझे आयी और बरस तू पड़ा।
बरसात के मौसम में खुद को भिगा दें,
दिल बहुत रोया है आखों को भी रूला दें।
प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं,
पर जब तुम सामने आते हो तो हर मौसम मजेदार बन जाता हैं।
मौसम बदलता है तुम भी बदल गये,
ये नये जमाने का इश्क़ है हम भी बदल गये।
मौसम का मजा तो गरीब लेते है अमीरों को गर्मी,
सर्दी और बरसात के मौसम का पता ही कहाँ चलता है।
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की,
गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम।
गर्मी के मौसम का भी एक पल आता है,
जिसमे आधे कपड़े और ठंडे पानी का नल भाता है।
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरबाई भी,
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी।
हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है,
हाय ये गर्मी का मौसम बस जलाना जानता है।
बाहर के मौसम से यूँ भी बेखबर होया न कर,
किसी की यादों में यूँ भी दिन-रात खोया न कर।
कोई मौसम हो दिल-गुलिस्ताँ में,
आरज़ू के गुलाब ताज़ा हैं।
Best 110+ Tareef Shayari in Hindi
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 115+ Nature Shayari नेचर शायरी बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको पसंद भी आई होंगी दोस्तों अगर आप को हमारा आज यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सकें और वह भी हमारी प्रक्रति के बारे में जान सकें और अगर वो भी गूगल पर या फिर और किसी सोशल मीडिया पर Nature Shayari नेचर शायरी को ढूँढ रहे हैं तो अब उनकी तलाश ख़तम हो सके।