Best 101+ Farewell Shayari in Hindi | विदाई शायरी (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101+ विदाई शायरी (Vidai Shayari) बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली है दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं जब भी किसी की विदाई का समय होता है तो उसे समय बहुत ही खामोशी का माहौल होता है और वहां पर कोई भी अपने मन से खुश नहीं होता है क्योंकि जिस व्यक्ति की विदाई होती है फिर वह वहां से जा रहा होता है और शायद ही फिर वापस आता है लेकिन पहले की तरह वापस नहीं आ पाता है।
दोस्तों जैसा कि आप जानते ही हैं जब भी किसी लड़की की शादी होती है तब उसकी विदाई होती है उसे समय उसके घर वाले बहुत ही परेशान और दुखी नजर आते हैं और उनमें से कोई भी खुश नहीं हो पाता है या फिर आपके स्कूल या कॉलेज में या फिर और किसी जगह पर विदाई समारोह होता है तो आप वहां अगर शायरी सुनाना चाहते हैं तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101 से भी ज्यादा विदाई शायरी (Vidai Shayari) बताई है।
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उस गली ने ये सुन के सब्र किया,
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं।
अब तो जाते हैं बुत-कदे से मीर,
फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया।
ना जाने क्यूँ एक ऐसा अहसास है,
दूर होकर भी आप हमारे साथ है।
आपको शायद ना हो लेकिन तुम्हारी कसम,
हमे आपका हर पल अहसास है।
दस्तूर है जमाने का यह पुराना,
लगा रहता है यहां आना और जाना।
रहो जहां अपनी छाप ऐसे छोड़ जाना,
हर कोई गुनगुनाता रहे आपका ही तराना।
हमें छोड़कर जहाँ भी जायेंगे,
यकीन है खुशियाँ ही खुशियाँ पायेंगे।
जी भरकर दिल की बात न हो पाई,
एक मस्त अनोखी मुलाकात न हो पाई।
चाहे हो तेज़ धुप या हो तेज़ आंधियाँ,
हम आपकी याद कभी नहीं खोते।
तुम्हे याद करने से मुस्कुरा देती है ये आँखे,
इसलिए तो हम दूर होकर भी दूर नहीं होते।
जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई,
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई।
साथ रहते रहते हम सब जुदा हो जाएंगे,
झिलमिल नजारों में दुनियां की खो जाएंगे।
आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा,
जाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा।
उस को रुख़्सत तो किया था मुझे मालूम न था,
सारा घर ले गया घर छोड़ के जाने वाला।
आपकी सोच को आवाज हम देंगे,
आपके ख्वाब को आगाज हम देंगे।
आपके जाने पर इतना भरोसा दिलाते हैं,
आपके इरादों को परवाज हम देंगे।
खूबियाँ इतनी तो नही हम में कि तुम्हे कभी याद आएँगे,
पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर आप हमे कभी भूल नही पाएँगे।
आपकी मंजिल आपकी हौसला आजमाएगी,
आपके सपनो को आपकी नजरों से हटाएगी।
कभी पीछे मुड़कर न देखना ए मेरे जिगर के छल्लों,
रास्ते की ठोकर ही तुम्हे चलना सिखाएगी।
मिलते-झुलते रहेंगे आपकी भावनाओँ के साथ,
आज से होगी आपके जीवन की शुभ शुरुवात।
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा,
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा।
बीच राह में बेखबर कभी मिल जाए हम अगर,
आप की ये प्यारी हंसी होंठों पे आये नज़र।
जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है,
जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना।
छोड़ने मैं नहीं जाता उसे दरवाज़े तक,
लौट आता हूँ कि अब कौन उसे जाता देखे।
कांटों की राह को आपने गुलों का बिछौना कर दिया,
बड़ा था पहाड़ मुश्किलों का आपने उसे बौना कर दिया।
हमने मांगा था साथ उनका वो जुदाई का गम दे गए,
हम यादों के सहारे जी लेते वो भूल जाने की कसम दे गए।
आप जा रहे है इधर उदासी छाएगी,
आप की याद खूब आएगी।
कभी नालायक हुआ करते थे आज लायक बन गए,
जिन्दगी में ना जाने कब क्या कर गए।
आप ही बताओ अब कैसे कर दे आपको विदा,
जिनकी शिक्षा और प्यार से हम आज क्या से क्या बन गए।
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा,
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा।
धूप आए तो सरसों पीली न हो,
बारिश आए तो धरती गीली ना हो।
ए दोस्त तूने ये कैसे सोच लिया,
कि तेरी याद आए तो पलकें गीली ना हो।
याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे,
तू ख़ामोश खड़ा था लेकिन बातें करता था।
अजीब होते हैं आदाब-ए-रुख़स्त-ए-महफ़िल,
कि वो भी उठ के गया जिस का घर न था कोई।
भले ही आप जा रहे हैं यहां से, पर शान हम बनाएंगे,
हमेशा ही विजेता रहने की, यही पहचान हम बनाएंगे।
गम न करो कि आपके जाने के बाद यहां क्या होगा,
कंपनी को ऊंचाई तक पहुंचाने की उड़ान हम बनाएंगे।
विदाई की घड़ी है, हर आंख नम पड़ी है,
हर कामना हो पूरी आपकी यही शुभकामना है,
तहे दिल से हमारी।
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है,
तुम्हारे बा’द ये मौसम बहुत सताएगा।
उदास क्या होना बदहवास क्या होना,
फ़ूल का तो मुकद्दर है डाली से जुदा होना।
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तुम सुनो या न सुनो हाथ बढ़ाओ न बढ़ाओ,
डूबते डूबते एक बार पुकारेंगे तुम्हें।
अब तुम कभी न आओगे यानी कभी कभी,
रुख़्सत करो मुझे कोई वादा किए बग़ैर।
तुम सुनो या न सुनो हाथ बढ़ाओ न बढ़ाओ,
डूबते डूबते एक बार पुकारेंगे तुम्हें।
बहुत सीखा आपसे और नए-नए काम मिले,
आपने हमेशा यही चाहा कि हमें नई पहचान मिले।
सच कहूं, तो कुछ नहीं था मैं आपसे मिलने से पहले,
निकले थे सफर पर एक ही और तज़ुर्बे तमाम मिले।
आप का साथ धूप में छांव है,
आप का साथ समंदर में नाव है।
आप का साथ अंधकार में प्रकाश है,
कर रहे है आज आप को विदा पर दिल में आपका ही नाम है।
मिट्टी से सोना बना दिया,
भाग्य में नहीं था वो भी दिला दिया।
विदा तो हो रहे हो आज आप हमारी जिंदगी से,
पर जाते-जाते भी आपने खुशी के आंसू रुला दिया।
उसे जाने की जल्दी थी सो मैं आँखों ही आँखों में,
जहाँ तक छोड़ सकता था वहाँ तक छोड़ आया हूँ।
मिली-जुली खुशी-गम के भावनाओं के साथ शुभकामना है,
आज विदाई के इस मौके में ये कि हो तुम्हारे जीवन की शुभ शुरुआत।
उस से मिले ज़माना हुआ लेकिन,
आज भी दिल से दुआ निकलती है।
रेल देखी है कभी सीने पे चलने वाली,
याद तो होंगे तुझे हाथ हिलाते हुए हम।
ये एक पेड़ है आ इस से मिल के रो लें हम,
यहाँ से तेरे मेंरे रास्ते बदलते हैं।
क्या बताऊं खूबियां आपकी विदाई पर,
महकता था दिन आपके मुस्कुराने पर।
जहां भी रहो कामयाबी की मिशाल बनो,
लेकिन अधूरा लगेगा हमें आपके जाने पर।
वक्त की हो धूप या तेज़ हो आँधियाँ,
कुछ क़दमों के निशाँ कभी नहीँ खोते।
जिन्हें याद करके मुस्कुरा दें ये आँखें,
वो लोग दूर होकर भी दूर नहीं होते।
बेफिक्र था मैं, सर पर जो आपका हाथ था,
लाजबाब था मैं, आपके हाथों में जो हिसाब था।
विदा तो कर दूंगा आज आपको,
लेकिन बहते आंसू ना रोक पाऊंगा।
विदा होकर आज यहाँ से चले जाओगे,
पर आशा है यही की जहाँ भी जाओगे खुशीयाँ ही पाओगे।
कलेजा रह गया उस वक़्त फट कर,
कहा जब अलविदा उस ने पलट कर।
उस से मिलने की ख़ुशी बाद में दुख देती है,
जश्न के बाद का सन्नाटा बहुत खलता है।
गूँजते रहते हैं अल्फ़ाज़ मेंरे कानों में,
तू तो आराम से कह देता है अल्लाह-हाफ़िज़।
सिर्फ एक सफ़ाह पलट कर उसने बीती बातों की दुहाई दी है,
फिर वहीं लौट के आ जाना यार ने कैसी रिहाई दी है।
मैं जानता हूँ मिरे बाद ख़ूब रोएगा,
रवाना कर तो रहा है वो हँसते हँसते मुझे।
तेरे पैमाने में गर्दिश नहीं बाक़ी साक़ी,
और तिरी बज़्म से अब कोई उठा चाहता है।
हर फ़ूल बाग़ में लगाए नहीं जाते,
हर लोग महफ़िल में बुलाए नहीं जाते।
कोई तो पास होकर भी याद नहीं आता,
कुछ दूर होकर भी भुलाये नहीं जाते।
उस से मिले ज़माना हुआ लेकिन आज भी,
दिल से दुआ निकलती है ख़ुश हो जहाँ भी हो।
तुम इसी मोड़ पर हमें मिलना,
लौट कर हम ज़रूर आएँगे।
हर कदम हर पल साथ हैं,
दूर होकर भी हम आपके पास हैं।
आपका हो न हो पर हमें आपकी कसम,
आपकी कमी का हर पल अहसास है।
वो अलविदा का मंज़र वो भीगती पलकें,
पस-ए-ग़ुबार भी क्या क्या दिखाई देता है।
विदाई का है दिन माहौल है गमगिन है,
ये आशा पूरी हो तुम्हारी हर एक अभिलाषा।
अब के जाते हुए इस तरह किया उस ने सलाम,
डूबने वाला कोई हाथ उठाए जैसे।
दुख के सफ़र पे दिल को रवाना तो कर दिया,
अब सारी उम्र हाथ हिलाते रहेंगे हम।
तुमसे दूरी का एहसास सताने लगा है,
तेरे साथ गुजरा हर लम्हा याद आने लगा है।
जब भी भूलने की कोशिश की ऐ दोस्त,
तू दिल के और भी करीब नज़र आने लगा है।
विदाई की घडी आयी है,
सबके आँखों में आँसू लाई है।
आपके पूरे हो हर खाब,
दुआ ये सबके जुबान पर आई है।
मेरे दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता,
तू दूर रह कर भी यूं मेरे पास नहीं होता।
इस दिल में तेरी चाहत ऐसे बसा ली है,
एक लम्हा भी तुझ बिन ख़ास नहीं होता।
वो जो हमारे लिए कुछ ख़ास होते हैं,
जिनके लिए दिल में एहसास होते हैं।
चाहे वक़्त कितना भी दूर कर दे उन्हें,
दूर रह के भी वो दिल के पास होते हैं।
दूर रह कर करीब रहने की आदत है,
याद बन के आँखों से बहने की आदत है।
करीब न होते हुए भी करीब पाओगे,
मुझे एहसास बनकर रहने कि आदत है।
दूरिओं से रिश्तों में फर्क नहीं पड़ता,
बात तो दिल की नजदीकियों की होती है।
पास रहने से भी रिश्ते नहीं बन पाते,
वरना मुलाकात तो रोज कितनों से होती है।
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ये दूरियाँ तो मिटा दूँ मैं एक पल में मगर,
कभी कदम नहीं चलते कभी रास्ते नहीं मिलते।
तुझसे दूर रहकर कुछ यूँ वक़्त गुजारा मैंने,
ना होंठ हिले फिर भी तुझे पल-पल पुकारा मैंने।
वो हैं खफा हमसे या हम हैं खफा उनसे,
बस इसी कशमकश में दूरियाँ बढ़ती रहीं।
तेरे वज़ूद की खुशबू बसी है मेरी साँसों में,
ये और बात है कि नजर से दूर रहते हो तुम।
उसने मुझसे ना जाने क्यों ये दूरी कर ली,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी।
मेरे मुकद्दर में दर्द आया तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
गलतियों से जुदा तू भी नहीं और मैं भी नहीं,
दोनों इंसान हैं ख़ुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं।
गलतफहमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरियां,
वरना फितरत का बुरा तू भी नहीं मैं भी नहीं।
तुम कितने दूर हो मुझसे मैं कितना पास हूँ तुमसे,
तुम्हें पाना भी नामुमकिन तुम्हें खोना भी नामुमकिन।
दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीब,
तेरा ख़याल आ कर न जाये तो क्या करें।
मुझको तेरे सलाम से शिकवा नहीं मगर,
बेरुखी के साथ हो बस दूर का न हो।
मुझसे मिलने को करता था बहाने कितने,
अब मेरे बिना गुजारेगा वो जमाने कितने।
ज़रा क़रीब आओ तो शायद हमें समझ पाओ,
यह दूरियां तो सिर्फ गलत-फहमियां बढ़ाती हैं।
कितना अजीब है ये फलसफा जिंदगी का,
दूरियाँ बताती हैं नजदीकियों की कीमत।
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको बताई न गयी,
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी।
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर,
दूरी इतनी थी कि मिटाई न गयी।
एक उम्र भर की जुदाई मेरा नसीब करके,
वो तो चला गया है बातें अजीब करके।
तर्ज़-ए-वफ़ा को उसकी क्या नाम दूँ मैं अब,
खुद दूर हो गया है मुझको करीब करके।
दूरियों की ना परवाह कीजिये,
दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये।
कहीं दूर नहीं हैं हम आपसे,
बस अपनी पलकों को आँखों से मिला लीजिये।
हमारे दरमियाँ ये दूरियां ना होती,
और कुछ मेरी मजबूरियाँ ना होती।
रहते ना यूं मेरे हाथ खाली,
गर रस्मों की ये बेड़ियाँ ना होती।
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं, बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है,
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है, वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है।
सजा न दे मुझे बेक़सूर हूँ मैं,
थाम ले मुझको ग़मों से चूर हूँ मैं।
तेरी दूरी ने कर दिया है पागल मुझे,
और लोग कहते हैं कि मगरूर हूँ मैं।
दूर रहना आपका हमसे सहा नहीं जाता,
जुदा होके आपसे हमसे रहा नहीं जाता।
अब तो वापस लौट आइये हमारे पास,
दिल का हाल अब किसी से कहा नहीं जाता।
ये दूरी हमसे अब और सही नहीं जाती,
बस तेरे पास आने को मेरा जी चाहता है।
तोड़ कर सारी दुनिया कि रस्मो-रिवाजों को,
तुझे अपना बनाने को जी चाहता है।
मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो,
फिर पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं।
दूरियाँ जब भी बढ़ी तो गलतफहमियां भी बढ़ गयी,
फिर तुमने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नही।
इतनी दूरियाँ ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो,
कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए।
कौन कहता है कि दूरियाँ, मिलों में नापी जाती हैं,
कभी खुद से मिलने में भी उम्र गुज़र जाती है।
कैसे बनाऊँ तेरी यादों से दूरियाँ,
दो कदम जाकर सौ कदम लौट आती हूँ।
कभी कभी मिटते नही चंद लम्हों के फांसले,
एहसास अगर जिन्दा हो, मिट जाती हैं दूरियाँ।
दूरियाँ जब भी बढ़ी तो गलतफहमियां भी बढ़ गयी,
फिर तुमने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नही।
तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर,
मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा।
मन की दूरियां कुछ बढ़ सी गयी हैं लेकिन,
तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है।
तेरा मेरा दिल का रिश्ता भी अजीब है,
मीलों की दूरियां है और धड़कन करीब है।
खुद के लिए इक सजा मुकर्र कर ली मैंने,
तेरी खुशियों की खातिर तुझसे दूरियां चुन ली मैंने।
मोहब्बत में फासले भी जरूरी है साहब,
जितनी दूरी उतना ही गहरा रंग चढ़ता है।
Best 101+ Happy Teddy Day Shayari
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101+ विदाई शायरी (Vidai Shayari) बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको पसंद भी आई होंगी दोस्तों अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सकें और अगर वो भी किसी की विदाई करने वाले हैं तो उसको अच्छी तरह से विदा कर सकें।