101+ Akelapan Shayari | अकेलापन और तन्हाई वाली शायरी (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101+ Akelapan Shayari बताई है। दोस्तों जब भी हम अकेले होते हैं या फिर हमारा कोई खास इंसान जिस पर हमें बहुत भरोसा होता है वह हमें धोखा देता है या फिर छोड़ जाता है तब हम बहुत ही अकेले हो जाते हैं इस दौरान हमारा मन ऐसी शायरी को पढ़ने का करता है जिन शायरियों में अकेलापन हो। तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको ऐसी ही 101 से भी ज्यादा शायरी बताई है जिन में काफी ज्यादा अकेलापन होता है।
दोस्तों जब हमारा कोई खास इंसान हमें छोड़ जाता है तब हमें कुछ भी अच्छा नहीं लगता है और हम बिल्कुल तन्हा हो जाते हैं हमें किसी से मतलब नहीं रहता है क्योंकि जिस पर सबसे ज्यादा भरोसा होता है वह भी इंसान हमें छोड़ चुका होता है। इसलिए हम बिल्कुल अकेले पड़ जाते हैं ऐसे समय में हम अकेलापन शायरी को पढ़ना पसंद करते हैं। आईये दोस्तों जानते हैं 101 से भी ज्यादा अकेलापन शायरी कौन सी है।
इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो गई है,
अकेले रहने की हमें आदत हो गई है।
ना करेंगे हम कभी शिकायत तुझसे,
क्योंकि तन्हाइयों से अब हमें मोहब्बत हो गई है।
अजीब है मेरा अकेलापन न खुश हूँ न उदास हूँ,
बस खाली हूँ और खामोश हूँ।
वक्त ने मुझे चुप रहना सिखा दिया,
और हालातो ने सब कुछ सहना सिखा दिया।
अब किसी की आस नहीं जिंदगी में,
इन तन्हाइयों ने मुझे अकेला रहना सिखा दिया।
बहुत कुछ सिखा रहा है मुझे मेरा अकेलापन,
इतना तो मुझे मेरी किताबें भी ना सिखा सकीं।
बहुत शौक था मुझे सबको खुश रखने का,
खोज तब आया जब खुद को जरूरत के वक्त अकेला पाया।
बड़े अजीब से मोड पर आ गई है जिंदगी,
अपना तो कोई अजनबी रहा है और ना ही कोई अपना।
जो दिल के सच्चे होते हैं,
अक्सर वही अकेले होते हैं।
मुझे किसी के बदले जाने का गम नहीं,
बस कोई था जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा था।
ना साथ है किसी का न सहारा है कोई,
ना हम है किसी के ना हमारा है कोई।
कुछ गम कुछ ठोकरें कुछ चीखें उधार देती है,
कभी-कभी जिंदगी मौत आने से पहले ही मार देती है।
शायद अब लौट ना पाऊंगा कभी खुशियों के बाजार में,
गम ने ऊंची बोली लगा कर खरीद लिया है मुझे।
उसके दर पर दम तोड़ गई तमाम ख्वाहिशें मेरी,
मगर वह पूछ रहा है तेरे रोने की वजह मैं तो नहीं।
जवाब लेने चले थे सवाल ही भूल गए,
अजीब है यह इश्क भी अपना हाल भी भूल गए।
मोहब्बत की आज तक बस तू ही बातें अधूरी रही,
एक मैं तुझे बात नहीं पाया और दूसरी तुम समझ नहीं पाए।
मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हे याद रखता हूं,
मैं बातें भूल भी जाऊं पर लहजे याद रखता हूं।
जरा सा हटके चलता हूं जमाने की रिवायत से,
जो सहारा देते हैं वह कंधे हमेशा याद रखता हूं।
एक तेरा नाम लेते ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है,
में कितनी ही मुश्किल में क्यों ना हो मेरी जान में जान आ जाती है।
मोहब्बत की आज तक बस तो ही बातें अधूरी रही,
एक मैं तुझे बात नहीं पाया और दूसरी तुम समझ नहीं पाए।
कितनी आसानी से कह दिया तुमने कि बस अब तुम मुझे भूल जाओ,
साफ साफ लफ्जों में कह दिया होता कि बहुत जी लिए अब तुम मर जाओ।
कुछ लोग कहते हैं कि बदल गया हूं मैं,
उनको यह नहीं पता कि संभल गया हूं मैं।
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है,
पर अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूं मैं।
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिंदगी अधूरी नहीं होती,
लेकिन लाखों के मिल जाने से उसे एक की कमी पूरी नहीं होती।
जिस शख्स को हमारी जरूरत नहीं थी हम उस शख्स को अपनी आरजू बना कर रोए,
जिसने हमें अपने कदमों में भी जगह नहीं दी हम उसे अपनी पलकों पर बिठाकर रोए।
ना आना उसे लेकर मेरे जनाजे में मेरी मोहब्बत की तोहीन होगी,
मैं चार लोगों के कंधे पर रहूंगा और मेरी जान जमीन पर होगी।
इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दीवाने निकले।
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहां,
उसके होठों से वक्त न होने के बहाने निकले।
उदासी तबीयत पर छा जाएगी,
तुम्हें जब मेरी याद आएगी।
मेरे बाद ढूंढोगे मेरी वफ़ा को,
मेरी वफा तो मेरे साथ जाएगी।
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दूसरे ही पर ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम।
जानते हो कि लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार-बार तन्हा छोड़ जाते हो तुम।
हम तो तेरे दिल की महफिल सजाने आए थे,
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे।
इस बात की सजा दी तूने मुझको,
हम तो तेरा दर्द अपना बनाने आए थे।
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी।
कभी पलटोगे जिंदगी के पन्ने तो,
आपकी आंखें भी नम होगी।
मुझको अब तेरे से भी मोहब्बत नहीं रही,
है जिंदगी तेरी भी मुझे जरूरत नहीं रही।
बुझ गए अब उसके इंतजार के वह जलते दीये,
कहीं भी आसपास उसकी आहट नहीं रही।
ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
ना आंसू बहाने को जी चाहता है।
लिखो तो क्या लिखूं तेरी याद में,
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है।
यह न पूछ कितनी शिकायत है तुझसे ऐ जिंदगी,
सिर्फ इतना बता कि तेरा कोई और सितम बाकी तो नहीं।
हर धड़कन में एक राज होता है,
बात को बताने का भी एक अंदाज होता है।
जब तक ना लगे ठोकर बेवफाई की,
हर किसी को अपने प्यार पर नाज होता है।
अफसोस होता है उस पल जब अपनी पसंद कोई और चुरा लेता है,
ख्वाब हम देखते रहते हैं और हकीकत कोई और बना लेता है।
जिंदगी की हकीकत सिर्फ इतनी होती है,
जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है।
इंसान जिस पर अपना हक खुद से ज्यादा समझता है,
वह अमानत अक्सर किसी और की होती है।
मुस्कुरा कर देखो तो सारा जहां रंगीन है,
वरना भीगी पलकों से तो आईना भी धुंधला नजर आता है।
आंसुओं तले मेरे सारे अरमान बह गए,
जिनसे उम्मीद लगाए थे वही बेवफा हो गए।
हमें जिन चिरागों से उजाले की चाह थी,
वह चिराग ना जाने किन अंधेरों में खो गए।
अभी तक मौजूद है इस दिल पर तेरे कदमों के निशान,
हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया।
बातें तो हम भी उनसे बहुत करना चाहते हैं,
पर न जाने क्यों वह हमसे मुंह छुपाए बैठे हैं।
दर्द देकर इश्क ने हमें रुला दिया,
जिस पर मरते थे उसने ही हमें भुला दिया।
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे,
मगर उन्होंने तो यादों में ही जहर मिला दिया।
जो मेरा था वह मेरा हो नहीं पाया,
आंखों में आंसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया।
रसमो रिवाज की जो परवाह करते हैं प्यार में बो लोग गुनाह करते हैं,
इश्क वो जुनून है जिसमें दीवाने अपनी खुशी से खुद को तबाह करते हैं।
आदत नहीं हमें पीठ पीछे वार करने की,
दो शब्द कम बोलते हैं पर सामने बोलते हैं।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरूरी नहीं कि वह बेवफा होता है।
देकर वह आपकी आंखों में आंसू,
अकेले में आपसे ज्यादा रोता है।
हमदर्द बन कर आया था और दर्द देकर चला गया,
मेरे दिल को जख्म नया वह खुदगर्ज से देकर चला गया।
अरमान जगा कर सब मेरे फिर तन्हा छोड़ गया मुझको,
अपनी यादें देकर मिलने का ख्वाब दिखा कर चला गया।
समझ ना सके हम क्योंकि हम प्यार के नशे में चूर थे,
अब समझ में आया जिस पर हम जान लुटाते थे वह दिल तोड़ने के लिए मशहूर थे।
खुद हमारी तरह है आपको तन्हाई ना दे,
हम जी लेंगे तन्हा मगर आपको जुदाई ना दे।
हमारी निगाहों में बसी रहे आपकी सूरत,
आपको भले हम दिखाई ना दे।
यह मोहब्बत के हाथ से अक्सर दिलों को तोड़ देते हैं,
तुम मंजिल की बात करते हो लोग राहों में ही छोड़ देते हैं।
जैसे निकलती है हवा सूखे पत्तों वैसे ही आंखों से ख्वाब होकर निकलते गए,
बिना मांगे ही दुख मिला है बहुत बस एक प्यार ही ना मिला जो हम मांगते रहे।
सर झुकाने की आदत नहीं है,
आंसू बहाने की आदत नहीं है।
हम खो गए तो पछताओगे बहुत,
क्योंकि हमारी लौट आने की आदत नहीं है।
जिनकी याद में हम दीवाने हो गए,
वह हमसे ही बेगानी हो गए।
शायद उन्हें तलाश है अपने प्यार की,
क्योंकि उनकी नजर में हम पुरानी हो गए।
मुझे खामोश देखकर इतना हैरान क्यों होते हो,
कुछ नहीं हुआ है बस भरोसा करके धोखा खाया है।
जिंदगी हसीन है पर जीना नहीं आता,
हर चीज में नशा है पर पीना नहीं आता।
सब मेरे बगैर जी सकते हैं बस,
मुझे ही किसी के बिना जीना नहीं आता।
किसी की याद को दिल में बसा कर रोए,
किसी की तस्वीर को सीने से लगा कर रोए।
जो वादा किया था हमने किसी से,
हम उसे वादे को निभा कर रोए।
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने,
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने।
हमें मालूम है क्या चीज है मोहब्बत यारों,
घर अपना जलाकर किए हैं उजाले हमने।
जिसने हक दिया मुझे मुस्कुराने का उसे शौक था मुझे रुलाने का,
जो लहरों से लड़ कर लाया था किनारो पर उसे इंतजार है अब मेरे डूब जाने का।
उसने कहा प्यार एक दर्द है हमने कहा दर्द कुबूल है,
उसने कहा दर्द के साथ जी ना पाओगे हमने कहा तेरे प्यार में मरना कुबूल है।
उड़ जाएंगे तस्वीरों से रंगों की तरह हम,
वक्त की टहनी पर हैं परिंदों की तरह हम।
तुम नहीं तो जिंदगी में और क्या रह जाएगा,
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा।
आंखें ताजा मंजर में खो तो जाएंगी मगर,
दिल पुराने मौसमों को ढूंढता रह जाएगा।
यूं ही किसी की याद में रोना फिजूल है,
इतनी अनमोल आंसू खोना फिजूल है।
है तो उनके लिए जो हम पर निसार है,
उनके लिए क्या रोना जिनके आशिक हजार है।
अब भी हसीन सपने आंखों में पल रहे हैं,
पलकें हैं बंद फिर भी आंसू निकल रहे हैं।
नींद कहां से आए बिस्तर पर करवटें ही,
वहां तुम बदल रहे हो यहां हम बदल रहे हैं।
फिर कहीं दूर से एक बार सजा दो मुझको,
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझको।
तुम तो चांद हो तुम ही मेरी जरूरत क्या है,
मैं दिया हूं किसी चौखट पर जला दो मुझको।
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया।
मैं हूं बेवफा सबको बताया उसने,
यूं ही सही लबों पर उसके मेरा नाम तो आया।
तेरा नजरिया मेरी नजरिया से अलग था,
शायद तुझे वक्त गुजारना था और मुझे जिंदगी।
वक्त के मोड पर यह कैसा वक्त आया है,
जख्म दिल का जुबान पर आया है।
ना रोते थे कभी काटों की चुभन से,
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है।
एक अजब सी जंग छिड़ी है इस तन्हाई के आलम में,
आंखें कहती है कि सोने दे और दिल कहता है कि रोने दे।
खामोशी को इख्तियार कर लेना,
अपने दिल को बेकरार कर लेना।
हो जिंदगी का असली दर्द तो,
किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।
मुझे ऐसा दर्द मिला जिसकी कोई दवा नहीं,
फिर भी खुश हूं मुझे उससे कोई गिला नहीं।
और कितने आंसू बहाऊं उसके लिए,
जिसे खुदा ने नसीब में लिखा ही नहीं।
आज जिस्म में जान है तो देखते नहीं है लोग,
जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटा हटा कर देखेंगे लोग।
खुदा ने जान मुझ के नहीं लिखा उसे मेरी किस्मत में,
सारे जहां की खुशियां एक ही शख्स को कैसे दे दूं।
मुझे मालूम है तुम बहुत खुश हो इस जुदाई से,
अब बस ख्याल रखना तुमको हम जैसा नहीं मिलेगा।
इतने बुरे नाथ है जो ठुकरा दिया तुमने हमें,
तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा।
बिखर जाती है खुशबू सी तुम्हारी याद आते ही,
जाने कौन सा सावन है जो बिन मौसम बरसता है।
अभी इतनी जल्दी क्या है मुझे छोड़ने की,
मेरी सांसे अभी बाकी है और कोशिश कर लो तोड़ने की।
गमों को आबरू अपनी खुशी को गम समझते हैं,
जिन्हें कोई नहीं समझा उन्हें बस हम समझते हैं।
देखो लौट आई फिर से बारिश यहां बस एक तुम हो,
जो अभी तक आने की फुर्सत नहीं तुमको।
मोहब्बत में कुछ ऐसा कर जाना ही बनता है,
मैं जिंदा हूं मगर मेरा मर जाना बनता है।
हमें भूलना तुम्हारे लिए इतना भी कोई आसान नहीं,
हम तुम्हारी मोहब्बत है कोई फालतू सामान नहीं।
वह लोग जो तुमको कभी-कभी याद आते हैं,
कभी हमको भी इनमें शामिल करना।
गमों को आवरु अपनी खुशी को गम समझते हैं,
जिन्हें कोई नहीं समझा उन्हें बस हम समझते हैं।
हम भी फूलों की तरह कितने बेबस है,
कभी किस्मत से टूट जाते हैं कभी लोग तोड़ जाते हैं।
झगड़ा है क्योंकि दर्द है,
और दर्द है क्योंकि प्यार है।
वक्त तो दो ही मुश्किल गुजरे हैं सारी उम्र में,
एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद।
हम अंजुमन में सब की तरफ देखते रहे,
अपनी तरह सा कोई हमें अकेला नहीं मिला।
यह शाम बहुत तनहा है मिलने की भी तलब है पर दिल की सदाओ में वह ताकत ही कहां है,
कोशिश भी बहुत की और भरोसा भी बहुत था मिल जाए बिछड़ कर वह किस्मत ही कहां है।
लोगों ने छीन ली है मेरी तन्हाई तक,
इश्क ए पहुंचा है इल्जाम से रुसवा तक।
किसी को प्यार की सच्चाई मार डालेगी,
किसी को दर्द की गहराई मार डालेगी।
मोहब्बत में बिछड़ के कोई जी नहीं सकता,
और बच गया तो उसे तन्हाई मार डालेगी।
तुमसे कुछ कहूं तो कह ना सकूंगा,
दूर तुमसे अब रहना सकूंगा।
अब नहीं आता तुम्हारे बिन दिल को चैन,
यह दूरी अब सह ना सकूंगा।
जिंदगी के जहर को यूं पी रहे हैं,
तेरे प्यार के बिना यूं ही जिंदगी जी रहे हैं।
अकेलेपन से तो आप डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूं ही तनहा जी रहे हैं।
और क्या लिखूं अपनी जिंदगी के बारे में,
जो जिंदगी हुआ करते थे ही बिछड़ गए।
लौट आओ और मिलो उसी तरफ से अब तो मुझको मेरी वफाओं का सिला दो,
देखे हैं बहुत इसने तन्हाई के मौसम अब तो मेरे दिल को अपने दिल से मिला दो।
कितना अधूरा सा लगता है जब बादल हो बारिश ना हो,
आंखें हो कोई ख्वाब ना हो और अपना हो पर पास ना हो।
कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है,
अकेले गुमसुम रहते हैं ना किसी से बात होती है।
तुमसे मिलने की आरजू दिल बहलाने नहीं देती,
तनहाई में आंखों से रुक-रुक कर बरसात होती है।
जगमगाते शहर की रानाईयों में क्या न था,
ढूंढने निकला था जिसको बस वही चेहरा ना था।
मौसम वही मंजर वही फैसले बढ़ जाएंगे,
इतना मैंने कभी सोचा ना था।
इस तरह हम सुकून को महसूस कर लेते हैं,
जब भी तनहा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं।
तेरे आने की खबर मुझे यह हवाएं देती है तेरे मिलने को मेरी हर सांस तरसती है,
तू कब आकर मिलेगी अपने इस दीवाने से तो जिसे मिलने को मेरी आवाज तरसती है।
छोड़ दो तन्हा ही मुझको यारों साथ मेरे रहकर क्या पाओगे,
अगर हो गई तुमको मोहब्बत कभी मेरी तरह तुम भी पछताओगे।
फिर कहीं दूर से एक बार सदा दो मुझको,
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझको।
तुम तो चांद हो तुम्हें मेरी जरूरत क्या है,
मैं दिया हूं किसी चौखट पर जला दो मुझको।
दोस्त बनकर भी नहीं साथ निभाने वाला,
वही अंदाज है जालिम को जमाने वाला।
तेरे होते हुए आ जाती थी दुनिया सारी,
आज तनहा हूं तो कोई नहीं आने वाला।
चलते-चलते अकेले अब थक गए हम जो मंजिल को जाए वह डगर चाहिए,
तन्हाई का बोझ अब और उठता नहीं अब हमको भी एक हमसफर चाहिए।
कांटों सी दिल में चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई।
कोई आकर हमको जरा हंसा दे,
मैं रोता हूं तो रोने लगती है तन्हाई।
तेरे बिना यह कैसे गुजरेंगे मेरी रातें,
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी यह रातें।
बहुत लंबी है यह घड़ियां इंतजार की,
करवट बदल बदल के कटेंगी यह रातें।
यादों में आपकी तन्हा बैठे हैं,
आपके बिना लबों की हंसी गवा बैठे हैं।
आपकी दुनिया में अंधेरा ना हो,
इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।
आज की रात जो मेरी तरह तनहा है मैं किसी तरह गुजारूँगा चला जाऊंगा,
तुम परेशान ना हो और कुछ देर पुकारूंगा फिर चला जाऊंगा।
110+ प्यार में धोखा खतरनाक बेवफाई शायरी
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101 से भी ज्यादा अकेलापन शायरी बताई है जो की काफी लोगों को बहुत अधिक पसंद होती है। अकेलापन शायरी को बहुत सारे लोग पढ़ना पसंद करते हैं जब कोई व्यक्ति बिल्कुल अकेला हो जाता है उसके साथ कोई बैठने या रहने वाला नहीं होता है तब वही बिल्कुल अकेला हो जाता है। उसे समय वह चाहता है कि उसको तन्हाई वाली शायरी पढ़ने को मिले जो कि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 101 से भी ज्यादा बता दी है।