75+ Jaun Elia Shayari | मशहूर शायर जौन एलिया की बेहतरीन शायरी

Jaun Elia Shayari
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आज किस आर्टिकल में हमने आपको 75+ Jaun Elia Shayari बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा मशहूर शायरी है दोस्तों जौन एलिया एक बहुत ही बड़े और मशहूर शायर हैं दिन की शायरी आज पूरे हिंदुस्तान में मशहूर है। उनकी शायरी बहुत ही बेहतरीन होती है और उनकी शायरी को बहुत सारे लोग पसंद करते हैं। जौन एलिया का नाम हिंदुस्तान के बड़े शायरों में आता है और जौन एलिया को हिंदुस्तान का बहुत ही बड़ा शायर माना जाता है।

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Jaun Elia Shayari जिनकी संख्या 75 से भी ज्यादा है वह सब हमने आपको आज के आर्टिकल में बताई है। दोस्तों इनकी शायरी बहुत ही बेहतरीन शायरी होती है और उनकी शायरी में बहुत गहराई तक की बात छुपी होती है।

यह अपनी शायरी बहुत ही अच्छे अंदाज में लिखते हैं और उनकी शायरी आज पूरे हिंदुस्तान में मशहूर है। आईए जानते हैं जौन एलिया की 75 से भी ज्यादा शायरी।

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जॉन एलिया के मशहूर शेर रेख़्ता
जॉन एलिया के मशहूर शेर रेख़्ता

खाली खाली जो घर था एकदम भर गया,

उदास बैठा वह शख्स कल रात मर गया।

मुस्कुराये हम उससे मिलते वक़्त,

अगर ख़ुशी होती तो रो ही न पढ़ते।

तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे,

मेरी तन्हाई में ख्वाबों के सदा कुछ भी नहीं।

खूब है शौक का यह पहलू भी,

मैं भी बर्बाद हो गया तू भी।

अपने सब यार काम कर रहे हैं,

और हम हैं कि नाम कर रहे हैं।

कितनी ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे,

जाने कैसे लोग वह होंगे जो उसको भाते होंगे।

तुम्हारा हिज्र मना लूं अगर इजाजत हो,

में दिल किसी से लगा लूं अगर इजाजत हो।

अजाबे हिज्र बड़ा लूं मगर इजाजत हो,

एक और जख्म खा लूँ अगर इजाजत हो।

हमने उसे सर-जमीं ख्वाब व ख्याल,

तुझे से रखा है शौक को फरहाल।

इश्क समझते थे जिसे वह शायद,

था बस एक नरसाई का रिश्ता।

अफसाना साज जिसका फ्राक व वसाल था,

शायद वह मेरा ख्वाब था शायद ख्याल था।

गिनवाई जिसकी तमन्नाएं जिंदगी मैंने,

वह कौन है जैसे देखा नहीं कभी मैंने।

मैं एक ऐसा खेल खेल कर आया हूं,

मैं इश्क के जाल से निकल कर आया हूं।

कभी जब मुद्दतों के बाद उसका सामना होगा,

शिवाय पास आदाब तकल्लुफ और क्या होगा।

तुझसे गिले करूं तुझे जाना मानूं मैं,

अपने आप में आऊं तो आऊं मैं।

अजब एक तोर है जो हम सितम ईजाद रखें,

कि ना उस शख्स को भूलें ना उसे याद रखें।

जो दुश्मन है उसका रहगुजर रखा है नाम,

जात से अपनी ना हिलने का सफर रखा है नाम।

जो गुजारी ना जा सकी हमसे,

हमने वह जिंदगी गुजारी है।

मुझसे मिलने को आप आये हैं बैठिये मैं बुला के लाता हूँ
मुझसे मिलने को आप आये हैं बैठिये मैं बुला के लाता हूँ

यारों कुछ तो जिक्र करो तुम उसकी कयामत बड़ों का,

वह जो सिमटते होंगे उनमें वह तो मर जाते होंगे।

मेरी हर बात बी असर हो रही लुक्स है कुछ मेरे बयान में क्या,

मुझको तो कोई टोकता भी नहीं यही होता है खानदान में क्या।

गवाई जिस तमन्ना में जिंदगी मैंने,

वह कौन है जिसे कभी देखा नहीं मैं।

तेरा ख्याल तो है पर तेरा वजूद नहीं,

तेरे लिए यह महफिल सजाई मैंने।

यादों का हिसाब रख रहा हूं,

सीने में अजब रख रहा हूं।

तुम कुछ कह जाओ क्या कहूँ मैं,

बस दिल में जवाब रख रहा हूँ मैं।

jaun elia shayari in english
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मुझसे कहती थी वह शराब आंखें,

आप वह जहर पिया कीजिए।

अब तो इस तरह भी गुजर जाए कोई इसरार जिंदगी से नहीं,

उसके गम में किया सभी को माफ कोई शिकवा अब किसी से नहीं।

तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे,

मेरी तन्हाई में ख्वाबों के सिवा कुछ नहीं है।

मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें,

मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।

हम तो जैसे वहां के थे ही नहीं,

बे इमान थे ईमान के थे ही नहीं।

ईजाद की ही जाद जो पाता रहूं मैं,

हर नाज आफरीन को सताता रहूँ मैं।

हिज्र की आंखों से आंखें तो मिलाते जाइए,

हिज्र में करना है क्या यह तो बताते जाइए।

एक हुनर है जो कर गया हूं मैं,

सबके दिल से उतर गया हूं।

अपने दुपट्टे से दीजिए हमें फांसी,

रुके जो सांस तो कुछ कुछ सुरूर आए।

रंज है हालत सफर हाल कयाम रंज है,

सुबह में सुबह रंज है शाम में शाम रंज है।

खुद से रिश्ते रहे कहा उनके,

गुम तो जाने थे रायेगां उनके।

मैंने सब ख्वाहिशों को टाल दिया,

अपने दिल से तुम्हें निकाल दिया।

इलाज यह है कि मजबूर कर दिया जाऊं,

वरना यूं तो किसी की नहीं सुनी मैंने।

क्या पर्दे ने ने पर्दा पोशी के आलावा,

कोई और फर्ज भी अंजाम दिया है।

जो मैं जहर लगता हूं ना,

मैं भी कभी एक नागिन को मुंह लगाया था।

क्या सितम कि तेरी सूरत,

अब गौर करने पर नजर आती है।

रंज है हालात सफर हाल कायम रंज है,

सुबह व सुबह रंज है शाम व शाम रंज है।

जॉन एलिया गजल
जॉन एलिया गजल

मुमकिन महिना साल छोड़ गया,

दिल को उसका ख्याल छोड़ गया।

तेरे गुरुर का हुलिया बिगाड़ डालूंगा,

मैं आज तेरा गर्वियाँ फाड़ डालूँगा।

तू भी चुप है मैं भी चुप हूं यह कैसी तन्हाई है,

तेरे साथ तेरी याद आई तू क्या सचमुच आई है।

खूब है शौक का यह पहलू भी,

मैं भी बर्बाद हो गया और तुम भी।

घर से हम घर तक गए होंगे,

अपने ही आप तक गए होंगे।

अपना खाका लगता हूं,

एक तमाशा लगता हूँ।

शर्मिंदगी है हमको बहुत हम मिले तुम्हें,

तुम सर व सर खोशी थे मगर गम मिले नही।

रूह प्यासी कहा से आती है,

ये उदासी कहा से आती है।

अभी फरमान आया है वहां से,

सिमट जाऊं मैं अपने दरमियां से।

एक साया पर मरा मसीहा था,

कौन जाने वह क्या था कौन था।

हम जी रहे हैं कोई बहाने किए बगैर,

उसके बगैर उसकी तमन्ना किये बगैर।

काम की बात मैंने की ही नहीं,

यह मेरा तौरे जिंदगी ही नहीं।

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कितनी दिलकश हो तुम कितना दिलजू हूं मैं,

क्या सितम है यह हम लोग मर जाएंगे।

उसे गली ने यह सुनकर सबर किया,

जाने वाले यहां के थे ही नहीं।

कैसे कहीं की तुझको भी है हमसे वास्ता कोई,

तुमने तो हमसे आज तक कोई गिला नहीं किया।

बहुत नजदीक आती जा रही हो,

बिछड़ने का इरादा कर लिया है क्या।

मैं भी बहुत अजीब हूं इतना अजीब हूं कि बस,

खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नही।

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यह मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता,

एक ही शख्स था जहां में क्या।

जो गुजारी ना जा सकी हमसे,

हमने वह जिंदगी गुजारी है।

चढ़ते चढ़ते किसी पहाड़ी पर,

अब वह करवट बदल रही होगी।

तू दिल शुक्र है पर यारों,

अकल सच्ची थी इश्क झूठा था।

तुम्हें तो भूल नहीं वह शख्स कि जो,

तेरी बाहों में भी अकेला था।

मुद्दतों के बाद घर गया था मैं,

जाते ही मैं वहां से टर आया।

खुद से मायूस होकर बैठा हूं,

आज हर शख्स मर गया होगा।

jaun elia best lines
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जमा हमने किया है गम दिल में,

उसका अब सूद खा जाएंगे।

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खुदा से ले लिया जन्नत का वादा,

यह जाहिद तो बड़े ही घाघ निकले।

याद आते हैं मंजर अपने,

यह मेरा खून है शराब नहीं।

शान आई है यार आए हैं यारों के हमाराह चले,

आज वहां कव्वाली होगी जौन चलो दरगाह चले।

ऐ सुबह मैं अब कहा जाऊ,

ख्वावों ही में सर्फ हो चुका हूँ।

स्टेट के उस तरफ से मैं सब को तक रहा हूँ,

मरने की भी किसी को फुर्सत नही है मुझमें।

मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस,

खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नही।

हालत हाल की सबब हालत हाल ही गयी,

शौक में कुछ नहीं गया शौक की जिंदगी गयी।

बेकरारी सी बेकरारी है,

वस्ल है और फ्राक तारी है।

आदमी वक़्त पर गया होगा,

वक़्त पहले गुजर गया होगा।

अब किसी से मेरा हिसाब नहीं,

मेरी आँखों में कोई ख्वाब नहीं।

कुछ कहू कुछ सुनूं जरा ठहरूं,

अभी जंद में हूँ जरा ठहरो।

उम्र गुजरेगी इम्तेहान में क्या,

दाग ही दोगे मुझको दान में क्या।

जब्त करके हसी को भूल गया,

मैं टीस जखम को ही भूल गया।

सारे रिश्ते तवाह कर आया,

दिल बर्बाद अपने घर आया।

जॉन एलिया - कविता कोश
जॉन एलिया – कविता कोश

जाने कहां गया वह जो अभी यहां था,

वह जो अभी यहां था कौन था कहां था।

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 75 से भी ज्यादा Jaun Elia Shayari बताई है जो की बहुत ही बेहतरीन और लाजवाब शायरी है आप सभी उनको पढ़कर बहुत ही अच्छा महसूस करेंगे। दोस्तों जौन एलिया हिंदुस्तान के एक मशहूर शायर है जिनकी शायरी को बहुत सारे लोग पसंद करते हैं उनकी शायरी बहुत ही लाजवाब और बेहतरीन शायरी मानी जाती है और सभी लोग उनकी शायरी की प्रशंसा करते हैं।

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