110+ Desh Bhakti Shayari | दिल छू जाने वाली देशभक्ति शायरी
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Desh Bhakti Shayari बताई हैं। दोस्तों जब भी हमारे देश के प्रति कोई शुभ अवसर आता है जैसे कि गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस तब हमें अपने देश के प्रति प्रेम को जागृत करते हुए शायरी को सुनाना चाहिए इससे हमारा हमारे देश के प्रति प्रेम बढ़ता है और हमारी शायरी को सुनकर और लोग भी देश के प्रति अपने प्रेम को जागृत करते हैं।
दोस्तों हमें अपने देश के प्रति शायरी को पढ़ना चाहिए और दूसरों को भी सुनाना चाहिए। आज के इस आर्टिकल में हमने आपके लिए 110 से भी ज्यादा Desh Bhakti Shayari प्रस्तुत की है जो कि अपने देश के कितने प्रेम को जाग्रत करती है। और जब आप देशभक्ति शायरी को पढ़ते हैं तब आपको अपने देश के प्रति बहुत ही अच्छा महसूस होता है। आईए जानते हैं 110+ देशभक्ति शायरी कौन सी है।
110+ प्यार में धोखा खतरनाक बेवफाई शायरी
सीने में जूनून आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं,
दुश्मन की सांस थम जाए आवाज में वो धमक रखता हूं।
तिरंगा है आन मेरी तिरंगा ही है शान मेरी,
तिरंगा रहे सदा ऊंचा हमारा तिरंगे से है धरती महान मेरी।
लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू पर हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।
दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक दिल में जान है।
एक दिया उनके भी नाम का रख लो पूजा की थाली में,
जिनकी सांसे थम गई है भारत मां की रखवाली में।
खुशनसीब है वह लोग जो वतन के काम आते हैं,
वतन पर मरकर भी यह लोग अमर हो जाते हैं।
सलाम करते हैं हम वतन पर मिटने वालों को,
उनकी वजह से ही हम चैन की सांस ले पाते हैं।
लड़े जंग वीरों की तरह जब खून खौल फौलाद हुआ,
मरते दम तक डटे रहे वो तभी ये देश आजाद हुआ।
नफरत बुरी है ना पालो इसे,
दिलों में खलिश है निकालो इसे।
ना मेरा ना तेरा ना इसका ना उसका,
यह वतन है सबका संभालो इसे।
यह बात हवाओं को बताए रखना,
रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना।
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की,
ऐसे तरंगे को सदा दिल में बसाए रखना।
खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो।
लाल हरे रंग में न बाटो हमको,
मेरी छत पर एक तिरंगा रहने दो।
मैं मर जाऊं तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना,
लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना।
गूंजे कहीं पर शंख कहीं पर अजान है,
बाइबल है ग्रंथ साहब है गीता का ज्ञान है।
दुनिया में कहीं और यह मंजर नसीब नहीं,
दिखा दो दुनिया को कि यह हिंदुस्तान है।
तैरना है तो समुंदर में तहरो नदी नालों में क्या रखा है,
प्यार करना है तो वतन से करो इन बेवफा लोगों में क्या रखा है।
जो अब तक ना खौला वह खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आए वह बेकार जवानी है।
मैं इस देश का सिपाही हूं मरते दम तक अपने देश के लिए लडूंगा,
जान बसती है मेरी इस देश की मिट्टी में जान देकर इसकी रक्षा करूंगा।
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूं,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूं।
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना है ऐ भारत मां,
मैं अपनी मां की बाहों को तरसता छोड़ आया हूं।
ये सर हर बार झुका है हर बार झुकेगा उनकी शहादत में,
जो शहीद हुए हैं मेरे वतन की हिफाजत में।
मुझे तन चाहिए ना धन चाहिए,
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए।
जब तक जिंदा रहूं इस मातृभूमि के लिए,
और जब मरूं तो तिरंगा कफन चाहिए।
फरिश्ते सिर्फ आसमान में नहीं रहते हैं,
जमीन ए हिन्द पर उन्हें जवान रहते हैं।
खुशनसीब है वह लोग जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं।
करता हूं तुम्हें सलाम ए वतन पर मिटने वालों,
तुम्हारे हर सांस में तिरंगे का नसीब बसता है।
ए वीरो जोश ना ठंडा हो पाए कदम मिलाकर चल,
मां कसम मंजिल तेरे कदम चूमेगी आज नहीं तो कल।
आन देश की शान देश की इस देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहचान है।
मैं वह हवा हूं जो तूफान साथ लेकर चलता हूं,
अपने मुल्क के लिए कफन साथ लेकर चलता हूं।
मुझे क्या डराओगे मेरे दुश्मन,
मैं बसा के दिल में हिंदुस्तान चलता हूं।
देशभक्तों में कुछ ही खुशनसीब होते हैं,
वो कभी मरते नहीं जो शहीद होते हैं।
मेरे वतन का राष्ट्रगान बंगा से है,
हमारे वतन की शान गंगा से है।
जो वीर मर मिटे देश की मिट्टी पर,
उन शहीदों का अभिमान तिरंगा से है।
चैन और अमन का देश है मेरा इस देश में दंगा रहने दो,
लाल हरे रंग में मत बांटो इसे शान-ए-तिरंगा रहने दो।
सरहद पर खड़े रख वालों ने सदा अपना फर्ज निभाया है,
वतन ने दी आवाज कभी तो पीछे ना कभी कदम हटाया है।
धूल लगा मस्तक पर मां भारती से लेते आशीष,
देश पे आज ना आने देंगे कटता है तो कट जाए शीश।
गरज उठे गगन सारा समंदर छोड़े अपना किनारा,
हिल जाए जहान सारा जब गूंजे इंकलाब का नारा।
दवोगे अगर और उभर आएगा भारत,
हर बार पर कुछ और निखर जाएगा भारत।
दस बीस जाहिलो को गलतफहमी हुई है,
दो-चार धमाकों से ही डर जाएगा भारत।
वतन हमारा ऐसा कोई ना छोड़ पाए,
रिश्ता हमारा ऐसा कोई ना तोड़ पाए।
बड़े अनमोल है यह खून के रिश्ते इनको तो बेकार न कर,
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई घर के आंगन में दीवार न कर।
दिल है एक जान है एक हमारी,
हिंदुस्तान हमारा है यह शान हमारी।
जब आंख खुले तो धरती हिंदुस्तान की हो,
जब आंख बंद हो तो यादें हिंदुस्तान की हो।
हम मर भी जाए तो कोई गम नहीं लेकिन,
मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो।
खुशनसीब है वह जो बतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं।
करता हूं उन्हें सलाम ए वतन पर मिटने वालों,
तुम्हारी हर सांस में तिरंगे का नसीब बसता है।
कतरा कतरा भी दिया वतन के वास्ते,
एक बूंद तक न बचाई इस तन के वास्ते।
यूं तो मरते हैं लाखों लोग हर रोज,
पर मरना तो वह है जो जान जाए वतन के वास्ते।
वतन की खुशबू अब मेरी वर्दी से भी आने लगी है,
अब तो मेरी सांसे भी जय हिंद गाने लगी है।
दिलों की नफरत को निकालो,
वतन के इन दुश्मनों को मारो।
यह देश है खतरे में ए मेरे हम वतन,
भारत मां के सम्मान को बचा लो।
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा,
हम बुलबुले हैं इसकी वह गुलिस्तां हमारा।
पर्वत वह सबसे ऊंचा हम साया आसमान का,
वह संतरी हमारा वह पासवां हमारा।
खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है,
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
कहते हैं अलविदा हम अब इस जहां को,
जाकर खुद के घर से आया ना जाएगा।
हमने लगाई आग है जो इंकलाब की,
इस आग को किसी से बुझाया ना जाएगा।
मैं भारतवर्ष का हरदम अमित सम्मान करता हूं,
यहां की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूं।
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफन मेरा बस यही अरमान रखता हूं।
जब देश में थी दीवाली वह झेल रहे थे गोली,
जब हम बैठे थे घरों में वह खेल रहे थे खून की होली।
क्या लोग थे वह अभिमानी,
है धन्य वो उनकी जवानी।
जिंदगी है कल्पनाओं की जंग,
कुछ तो करो इसके लिए दबंग।
जियो शान से भरो उमंग,
लहराव सबके दिलों में देश के लिए तिरंग।
तीन रंगों का वस्त्र नहीं है तिरंगा देश की शान है,
हर भारतीय के दिलों का स्वाभिमान है।
यही है गंगा यही है हिमालय यही हिंद की जान है,
और तीन रंगों से रंगा हुआ यह अपना हिंदुस्तान है।
चलो फिर से आज वो नजारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी वह ज्वाला याद कर लें।
जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे,
देशभक्ति की खून की वो धारा याद कर लें।
इस तिरंगे को कभी मत तुम झुकने देना,
देश की बढ़ती शान को तुम कभी न रुकने देना।
यही अरमान है बस अब इस दिल में,
कि ऐसे ही आगे तुम बढ़ते रहना।
मैं अपनी मिट्टी का दिल से सम्मान करता हूं,
यहां की हरियाली खुशहाली का गुणगान करता हूं।
मुझे फिक्र नहीं जिंदगी कहां लेकर जाएगी,
मेरा लहू मेरे देश के लिए वहे बस यही अरमान रखता हूं।
इस देश के लाल हैं हम,
दुश्मन के लिए काल है हम।
मौत से हम कभी डरते नहीं,
क्योंकि इस वतन के रखवाले हैं हम।
मेरी जान तू सदा जिंदाबाद रहे तू,
ए मेरे प्यारे वतन आबाद रहे तू।
और भी खूबसूरत और भी ऊंचा मेरे देश का नाम हो जाए,
काश कि हर हिंदू विवेकानंद और हर मुस्लिम कलाम हो जाए।
आन देश की शान देश की देश की हम संतान है,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी यह पहचान है।
देश हित की भावना के लिए हम करते सारे कर्म,
देशभक्ति है जाती मेरी है देशभक्ति ही धर्म।
अधिकार मिलते नहीं लिए जाते हैं,
आजाद हैं मगर गुलामी किए जाते हैं।
बंदन करो उन सेनानियों को,
जो मौत के आंचल में जिए जाते हैं।
जो देश के लिए शहीद हुए उनको मेरा सलाम है,
अपने खून से जिस जमीन को सींचा उन बहादुर को सलाम है।
देश के हिफाजत मरते दम तक करेंगे,
दुश्मन की हर गोली का हम सामना करेंगे।
जंग में जब भी तुम्हारा बलिदान होगा,
इतिहास और दिल के पन्नों पर ए सैनिक तुम्हारा नाम होगा।
फना होने की इजाजत ली नहीं जाती,
यह वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ कर की नहीं जाती।
मैं इस देश का सिपाही हूं मरते दम तक अपने देश के लिए लडूंगा,
जान बसती है मेरी इस देश की मिट्टी में जान देकर इसकी रक्षा करूंगा।
आओ झुक कर सलाम करें उनको जिनके हिस्से में यह मुकाम आता है,
खुशनसीब है वह खून जो देश के काम आता है।
दिल की नफरतें निकालना जरूरी है,
वतन के दुश्मनों को मारना जरूरी है।
देश अगर खतरे में हो मेरे दोस्त,
इस धरती को संभालना जरूरी है।
हर दफा माफ ना करते जो नेक हमारा ईमान न होता,
कई वतन मिट गए होते जो मन हमारा हिंदुस्तान ना होता।
90+ मिर्जा गालिब की दर्द भरी शायरी
दिन हमारे एक हैं एक ही है हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा है हम है इसकी शान।
जान लुटा देंगे वतन पर हो जाएंगे कुर्बान,
इसीलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान।
भारत का जो करना नमन छोड़ दे,
कह दो वह मेरा वतन छोड़ दे।
मजहब प्यारा है जिसे देश नही,
वह इसकी मिट्टी में होना दफन छोड़ दे।
कुछ नशा यह तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि के मान का है।
हम लहराएंगे हर जगह यह तिरंगा,
नशा यह हिंदुस्तान की शान का है।
चलो फिर से खुद को जगाते हैं,
अनुशासन का डंडा फिर घुमाते हैं।
सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से,
ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं।
गीले चावल में शक्कर क्या-क्या गिरी तुम भिखारी खीर समझ बैठे,
चंद कुत्तों ने पाकिस्तान जिंदाबाद क्या बोला,
तुम कश्मीर को अपने बाप की जागीर समझ बैठे।
![]()
देश के प्रति प्रेम शायरी
जो धर्म पर मर मिटे बस वही महान है,
कारगिल का हर जवान देवता समान है।
चाहता हूं कोई नेक काम हो जाए,
मेरी हर सांस देश के नाम हो जाए।
कर जज्बे को बुलंद जवान,
तेरे पीछे खड़ी आवाम।
हर दुश्मन को मार गिराएंगे,
जो हमसे देश बटवायेंगे।
चिंगारी आजादी की सुलागी मेरे जश्न में है,
इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में है।
मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है,
कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।
किसी को लगता है हिंदू खतरे में है,
किसी को लगता है मुसलमान खतरे में है।
धर्म का चश्मा उतार कर देखो यारो,
पता चलेगा हमारा हिंदुस्तान खतरे में है।
शहीद हो गए जो ओढ़ तिरंगा मां की गोद में,
फिर होंगे यह वीर पैदा किसी भारत मां की गोद में।
दिलों की नफरत को निकालो,
वतन के इन दुश्मनों को मारो।
यह देश है खतरे में है मेरे हम वतन,
भारत मां के सम्मान को बचा लो।
शहीदों के त्याग को हम बदनाम नहीं होने देंगे,
भारत की इस आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे।
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन,
शांति का उन्नति का प्यार का है चमन।
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।
उनके हौसलों का मुकाबला ही नहीं है कोई जिनकी कुर्बानी का कर्ज हम पर उधार है,
आज हम इसीलिए खुशहाल हैं क्योंकि सीमा पर जवान बलिदान को तैयार हैं।
मुझे भी कुछ तिरंगे की आज का नशा है,
कुछ मातृभूमि की शान का नशा है।
और गौरव है इस बात का,
मैं हिंदुस्तान का हूं और मुझ में हिंदुस्तान बस है।
मैं भारतवर्ष का हरदम सम्मान करता हूं,
यहां की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूं।
मुझे चिंता नहीं स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफन मेरा बस यही अरमान रखता हूं।
हंसते-हंसते फांसी चढ़ कर अपनी जान गवा दी,
और बदले में दे दी पवन आजादी।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितने बाजू ए कातिल में है।
वक्त आने दे बता देंगे तुझे आसमान,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है।
शहीदों के त्याग को हम बदनाम नहीं होने देंगे,
भारत की इस आजादी को कभी खत्म नहीं होने देंगे।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।
लड़े वह वीर जवानों की तरह ठंडा खून फौलाद हुआ,
मरते मरते भी मार गिराए तभी तो देश आजाद हुआ।
रहा हूं मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा देश के काम आएगा।
यह पेड़ यह पत्ते यह शाखाएं भी परेशान हो जाए,
अगर परिंदे भी हिंदू और मुसलमान हो जाए।
में मुस्लिम हूं तो हिंदू है दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूं तू पढ़ले कुरान।
अपने तो दिल में है दोस्त बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाए सारा हिंदुस्तान।
यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे तो यह आजादी ढलती हुई सांझ हो जाएगी,
और पूजे ना गए वीर तो सच कहता हूं कि नौजबानी बाँझ हो जाएगी।
मैं जला हुआ राख नहीं अमरदीप हूं,
जो मिट गया वतन पर मैं वह शहीद हूं।
मां को खुद ही मगन कर लो,
कभी-कभी शहीदों को भी नमन कर लो।
भारत की फजाओ को सदा याद रहूंगा,
आजाद था आजाद हूं आजाद ही रहूंगा।
भारत का वीर जवान हूं मैं,
न हिंदू हूं मैं ना मुसलमान हूं मैं।
जख्मो से भरा सीन है मगर दुश्मन के लिए चट्टान हूं मैं,
भारत का वीर जवान हूं मैं।
दो सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक दिल में जान है।
दिवाली में बसे अली रमजान में बसे राम,
ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिंदुस्तान।
तिरंगे ने मायूस होकर सरकार से पूछा कि यह क्या हो रहा है,
मेरा लहराने में काम और कफ़न में ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है।
चढ़ गए जो हंसकर सूली,
खाई जिन्होंने सीने पर गोली।
हम उनको प्रणाम करते हैं जो मिट गए देश पर,
हम सब उनको सलाम करते हैं।
चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में है,
इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में है।
मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है,
कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।
चाहता हूं कोई नेक काम हो जाए,
मेरी हर सांस भारत देश के नाम हो जाए।
कुछ पनने इतिहास के मेरे मुल्कों के सीने में शमशीर हो गए,
जो लड़े जो मारे वह शहीद हो गए,
जो दरे जो झुके वह वजीर हो गए।
ऐ पाक तेरा ख्वाब नजारा ही रहेगा,
तू किस्मत का मारा है मारा ही रहेगा।
तेरे हर सवाल का जवाब करारा ही रहेगा,
कश्मीर हमारा है और हमारा ही रहेगा।
उनके हौसलों का भुगतान क्या करेगा कोई उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार है,
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं क्योंकि सीमा पर सैनिक सहादत को तैयार है।
उन आंखों की दो बूंद में सातों सागर हारे हैं,
जब मेहंदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे हैं।
देश की शान देश की देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी यह पहचान है।
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।
अनेकता में एकता ही इस देश की शान है,
इसलिए मेरा भारत देश महान है।
सीमा नहीं बन सकती आगाज खींची लकीरों से,
यह घटती बढ़ती रहती है वीरों की शमशीरों से।
हर पल हम सच्चे भारतीय बनकर देश के प्रति अपना फर्ज निभाएंगे,
जरूरत पड़ी तो लहू का एक-एक कतरा देकर इस धरती का कर्ज चुकाएंगे।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110 से भी ज्यादा देशभक्ति शायरी बताई है जिनको आप किसी शुभ अवसर जैसे गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर मंच पर भी जाकर पढ़ सकते हैं। जिससे कि आप का अपने देश के प्रति प्रेम बढ़ेगा और दूसरे लोगों में भी आपकी शायरी पसंद कर अपने देश के प्रति प्रेम जागृत होगा और वह अपने देश की रक्षा करने के बारे में सोचेंगे। दोस्तों हमें हमेशा अपने देश के प्रति जागृत रहना चाहिए और अपने देश की हमेशा किसी न किसी तरह ऐसी सहायता करनी चाहिए।
सलामी तिरंगे को
इसमें हमारी जान है
इसीलिए
भारत देश महान है