Best 101+ Khwaja Garib Nawaz Shayari | ख्वाजा गरीब नवाज शायरी (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 50+ Khwaja Garib Nawaz Shayari ख्वाजा गरीब नवाज शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है। दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं मुस्लिम धर्म में ख्वाजा गरीब नवाज को बहुत ही ऊंचा मर्तबा दिया जाता है। दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह शरीफ अजमेर शरीफ में है। और मुस्लिम धर्म के लोग अजमेर शरीफ जाना बहुत ही अच्छा समझते हैं।
ख्वाजा गरीब नवाज को मुस्लिम धर्म के लोगों ने बहुत ही ऊंचा मर्तबा दिया है इसीलिए कुछ लोग ख्वाजा गरीब नवाज शायरी Khwaja Garib Nawaz Shayari Urs 18 January 2024 को पढ़ना चाहते हैं। तो अगर आप भी ख्वाजा गरीब नवाज की शायरी को पढ़ना चाहते हैं तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 50 से भी ज्यादा ख्वाजा गरीब नवाज शायरी बताई है। तो दोस्तों जानते हैं 50 से भी ज्यादा ख्वाजा गरीब नवाज शायरी कौन सी है।
गुलामी तेरे दर की या ख्वाजा गरीब नवाज किस्मत से मिलती है,
ये वो दर है जहां भीख भी इज्जत से मिलती है।
खुशबू से महक उठी है सर जमीन हिंदुस्तान की,
निकल चुका है मदीने से सहारा ख्वाजा गरीब नवाज का।
सब कहते हैं कामयाब बनो दुनिया सलाम करेगी,
मैं कहता हूं ख्वाजा के गुलाम बनो कामयाबी खुद तुम्हें सलाम करेगी।
खत्म कर दे तू मेरे रोज का रोना ख्वाजा,
तू तो मिट्टी को भी कर देता है सोना ख्वाजा।
ए जमीन ए हिंदुस्तान अपने मुकद्दर पर नाज कर,
तेरी गोद में है तख्त नशीन गरीब नवाज।
या गरीब नवाज मुसीबत हो अगर तो किनारे पर सफीना भेज देते हैं,
मेरे ख्वाजा जिसे चाहे मदीना भेज देते हैं।
या ख्वाजा गरीब नवाज तेरी चौखट से ख्वाजा किधर जाएंगे,
अगर आपने ना संभाला तो हम तो मर ही जाएंगे।
उन्हीं से हमारा कल है उन्हीं से हमारा आज है,
हमें जिन पर नाज है उन्ही का नाम ख्वाजा गरीब नवाज है।
खुशबू आ रही है कहीं से शायद ताजा गुलाब की,
शायद खिड़की खुली रह गई है दरबार ए ख्वाजा गरीब नवाज की।
तूने मैखाना आंखों में छुपा रखा है,
होशवालों को भी दीवाना बना रखा है।
नाज क्यों ना करूं गरीब नवाज हिंद के सुल्तान पर,
हम जैसे नाचीज को अपना बना रखा है।
चांद की वजह से पूरा आसमान चमकता है,
तेरी खुशबू से ख्वाजा मेरा ईमान महकता है।
जमाना चमकता होगा किसी दुनिया की रोशनी से,
तेरी बरकत से मोइनुद्दीन सरकार पूरा हिंदुस्तान चमकता है।
कोई हमें मिटा सके किसी में दम है क्या,
और जिसे ख्वाजा नवाजे है वह किसी हीरो से कम है क्या।
जिसने मुझे समझा ही नहीं वह तो गलत ही मानते हैं,
मैं इतना भी बुरा नहीं हूं मुझे तो मेरा ख्वाजा ही जानते हैं।
बुला लीजिए अब इतना क्यों रुलाते हैं,
सब कहते हैं अजमेर वही जाते हैं जिनको ख्वाजा बुलाते हैं।
मेरे चमन में तुझी से बहार है ख्वाजा,
तू मेरा चैन है मेरा करार है ख्वाजा।
गरीबी इसलिए दमन में लेकर बैठा हूं,
सुना है तुझको गरीबों से प्यार है ख्वाजा।
जमाना जानता है तुम बड़े दिलदार हो ख्वाजा,
तुम्हारी बंदा नवाजी से किसे इंकार है ख्वाजा।
हिदायत के सफीने का तुम्हें सुल्तान कहते हैं,
अरब वाले भी तुम्हें शहंशाह-ए- हिंदुस्तान कहते हैं।
मेरी कश्ती को कोई डूबा ना सकेगा इतना मुझे यकीन है,
क्योंकि एक तरफ मेरे ख्वाजा हैं एक तरफ मेरे मोहम्मद है।
तेरे दर पर हम भी फकीर हैं,
दे हमें भी सदका हुसैन का।
हम फकीरों की बस एक ही पहचान है,
ख्वाजा बादशाह है और हम गुलाम हैं।
आंख मेरी जरा सबर तो रख उनके दीदार को कुछ ही पल बाकी है,
दिल तो अजमेर शरीफ पहुंच गया बस जिस्म जाना बाकी है।
तू अहले सखी है यह दुनिया को बता दूंगा,
हर मांगने वालों को मैं तेरा पता दूंगा।
तुम्हारी जात से मेरा बड़ा ताल्लुक है,
मैं गरीब बड़ा हूं तुम बड़े गरीब नवाज।
तुझ में खुशबू है मेरे आका की,
इसीलिए हर वली ने कहा गरीब नवाज।
आप तो दिल के हाल जानते हो ख्वाजा जी,
मेरी भी एक छोटी सी दुआ पूरी कर दीजिए।
नफ्स परस्ती ही असल में बुत परस्ती है,
इसको तर्क करने के बाद खुद परसती की मंजिल शुरू होती है।
तेरा तो नाम ही काफी है ख्वाजा,
मेरा तो कई काम बाकी है ख्वाजा।
रखी है लाज अपने हर मुकाम पर,
यूं ही करम रहे मेरे ख्वाजा गुलाम पर।
राह में जब भी कोई मुश्किल मुकाम आता है,
न जाने क्यों लब पे ख्वाजा तेरा नाम आता है।
अपनी मौत भी क्या मौत होगी,
यूं ही मर जाएंगे ख्वाजा पर मरते मरते।
मांगने से क्या नहीं मिलता शाह के दरबार में,
एक बार सर झुका कर देख वाली-ए-हिंदुस्तान में।
गरीब आए हैं दर पर तेरे गरीब नवाज,
करो गरीब नवाजी मेरे गरीब नवाज।
हर सिम्त रहमतों की चादर सी तनी है,
अजमेर में बालियों को देखो महफिल सजी है।
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मेरा बिगड़ा वक्त सवार दो,
मेरे ख्वाजा मुझको नवाज दो।
दौलत पे नाज है ना शोहरत पे नाज है,
हमको मोइनुद्दीन की निस्बत पर नाज है।
तेरी एक निगाह की बात है ख्वाजा,
मेरी जिंदगी का सवाल है ख्वाजा।
ओके मायूस तेरे दर से सवाली न गया,
झोलियां भर गई सबकी कोई खाली न गया।
तख़्तो ताज नहीं है मेरे सिर पर यारों,
फिर भी मैं राजा हो गया हूं।
और मुश्किलें मुझसे परेशान रहती हैं,
जब से मैं ख्वाजा का हो गया हूं।
बिगड़ा नसीब भी संवर जाता है,
बंद किस्मत का ताला भी खुल जाता है।
दूर हो जाता है उस जिंदगी से हर अंधेरा,
जो ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर जाता है।
जहां मांगने से मिले उसे संसार कहते हैं,
जहां बिन मांगे मिले उसे मेरे ख्वाजा का दरबार कहते हैं।
तू भी उठा हाथ दुआ को तेरा क्या जाता है,
कोई रोता हुआ दिल तेरी दुआ से फिर मुस्कुराता है।
जिंदगी सबका इम्तिहान लेती है इस सफर में,
जिसके साथ दुआएं हैं वहीं पार कर पाता है।
या गरीब नवाज सब की झोली खुशियों से भर देना,
जो दुआ में हाथ ना उठाए उनकी भी झोली भर देना।
तेरा करम तो सातों आसमानों तक है,
जो तुझे ना जाने तो उनकी भी मुराद पूरी कर देना।
जिसे तुम अपना बना लो गुलाम या ख्वाजा जी,
तो उस गुलाम की दुनिया गुलाम हो जाए।
थाम लिया जो हमने दामन आपका क्या उठाएगा कोई सवाल हमारे ईमान पर,
हजारों आए हजारों गए पर आज भी हुकूमत चलती है हमारे ख्वाजा जी की पूरे हिंदुस्तान पर।
क्या बिगाड़ेंगे यह जहां वाले तू है हामी मेरा गरीब नवाज,
मेरे आका ने भी तुम्हें चाहा वाह क्या मर्तबा है मेरे गरीब नवाज।
मेरा बिगड़ा वक्त सवार दे,
मेरे ख्वाजा मुझे नवाज दे।
तेरी एक निगाह की बात है,
मेरी जिंदगी का सवाल है।
तेरे दर पर हर बार झोली खाली लाते हैं,
तो सुनता फरियाद सब की कोई खाली हाथ नहीं जाते हैं।
वादे पक्के थे बेशक उम्र कच्ची थी,
ख्वाजा किस्मत से हार गए मोहब्बत तो सच्ची थी।
नबी की आंख के तारे अली की जान है ख्वाजा,
हुसैन इब्ने अली के मर्तबे की शान है ख्वाजा।
बे तलब भीख यहां मिलती है आते-जाते,
यह वह डर है जहां दिल नहीं तोड़े जाते।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 50+ Khwaja Garib Nawaz Shayari ख्वाजा गरीब नवाज शायरी बताई है जो कि यकीनन आपको बहुत ज्यादा पसंद आने वाली है। आशा करते हैं कि आपको सभी शायरी बहुत ही ज्यादा पसंद आई होगी। अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों ने भी शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सके और ख्वाजा गरीब नवाज की शायरियों को पढ़ सके।
तू तो मिट्टी को भी कर देता है सोना ख्वाजा।
ए जमीन ए हिंदुस्तान अपने मुकद्दर पर नाज कर,
तेरी गोद में है तख्त नशीन गरीब नवाज।
मेरे ख्वाजा जिसे चाहे मदीना भेज देते हैं।
Masahallah
khawaja ji sayari