Best 110+ Propose Day Shayari in Hindi | प्रपोज डे शायरी (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Propose Day Shayari प्रपोज डे शायरी बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आने वाली है। दोस्तों अगर आप भी आने वाले प्रपोज डे पर किसी को प्रपोज करना चाहते हैं आपकी कोई क्रश है जिसको आप चाहते हैं कि जो प्रपोज डे आ रहा है उस पर आप प्रपोज करें लेकिन आपको प्रपोज करने का कोई अच्छा तरीका नहीं मिल पा रहा है और आप शायरी के द्वारा प्रपोज करना चाहते हैं लेकिन आपको अच्छी शायरी भी नहीं मिल पा रही है तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110 से भी ज्यादा ऐसी शायरी बताई है जिनकी सहायता से आप अपनी क्रश को बहुत ही आसानी के साथ प्रपोज भी कर सकते हैं और साथ ही साथ अगर आपका कोई गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड है तो आने वाले प्रपोज डे पर आप अपने गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड को यह शायरी भी सुना सकते हैं वह इन शायरियों को सुनकर खुशी से झूम उठेगा और आपसे खुश हो जाएगा या जाएगी। तो आएये दोस्तों जानते हैं 110 से भी ज्यादा Propose Day Shayari प्रपोज डे शायरी कौन सी है।
Best 110+ विरोधियों के लिए शायरी
प्रोपोज डे के बहाने ये कह रहे हैं,
सालों से हम बस तुम्हें चाह रहे हैं।
चाह कर भी इश्क़ ए इज़हार जो हम कर ना सके,
हमारी ख़ामोशी पढ़ लो तुम और क़ुबूल कर लो हमें।
अब हम इजहार कैसे करे यारो उनसे,
जो इश्क के महीने मे हमसे खफा हुए बैठे है।
एक वक्त था की इजहार ए मोहब्बत के हमे शब्द नही मिलते थे,
मेहरबानी तेरी बेवफाई की हमको शायर बना दिया।
एक इज़हार ए मोहब्बत ही बस होता नहीं हमसे,
हमसा माहिर जहाँ में वरना और कौन है।
वो कहती है अगर मोहब्बत है तो इजहार करो,
हर बात लफ्जो से बयां हो ये जरूरी तो नही।
तुझसे मैं इज़हार ए मोहब्बत इसलिए भी नहीं करता,
सुना है बरसने के बाद बादल की अहमियत नहीं रहती।
कर दिया हमनें भीं इज़हार ए मोहब्बत फोन पर,
लाख रूपये की बात थी एक रूपये में हो गयी।
इश्क का इल्म तो इश्कजादो को होता है जनाब,
हम तो इजहार ए इश्क भी ना कर पाए।
बेशक तू बदल ले अपनी मौहब्बत लेकिन ये याद रखना,
तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता।
इज़हार ए इश्क करो उससे जो हक़दार हो,
इसका बड़ी नायाब शय है ये इसे ज़ाया नहीं करते।
जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार आसान होता है,
रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र जाती है।
उनके इनकार में भी इजहार नजर आता है,
तभी तो घाव देने के बाद भी मरहम लगा रहे है।
मेरी शायरी मेरे तजुरबो का इज़हार है और कुछ भी नही सोचता हूँ,
कि कोई तो संभल जाएगा मुझे पढने के बाद।
तेरी आँखो का इज़हार मै पढ़ सकता हूँ,
पगली किसी को अलविदा युँ मुस्कुराकर नहीं कहते।
उनके जाहर ए मोहब्बत से पगला से गये,
इकरार की हिम्मत ना भी इनकार कर बैठे।
वो सज़दा ही क्या जिसमे सर उठाने का होश रहे,
इज़हार ए इश्क़ का मजा तब जब मैं बेचैन रहूँ और तू ख़ामोश रहे।
ये बात और है कि इज़हार ना कर सके,
नहीँ है तुम से मोहब्बत भला ये कौन कहता।
लफ्ज़ मेरा साथ देते नहीं अब तुम ही बताओ,
हम उनसे इज़हार ए इश्क करें तो कैसे।
हज़ारों दफा कर दिया है इज़हार ए इश्क इन आँखों नें,
तुम वाकई नहीं समझे या बस यूँ ही अनजान बने बैठे हो।
मेरी बाते हमेशा बेअसर ही रही,
ना जाने क्या कमी रह गई इजहार मे।
इजहार ऐ इश्क तो कई दफा किया हमने आंखो से,
पर वो नासमझ होठो से इकरार का ही इंतजार करते रह गये।
चलो माना कि हमे प्यार का इजहार करना नही आता,
पर जज्बात न समझ सको इतने नादान तो तुम भी नही।
सुनो मै न चुपके से इजहार कर दूंगा किसी बहाने से,
तुम न अपना वक्त जाया मत करना मुझे आजमाने मे।
इजहार ए इश्क मे क्या हाल ए दिल कहूं,
दिल मे है वही पर लफ्ज है कि सुनते नही।
किसी भी तरह वो इज़हार तो करे एक बार,
नज़र से कह के ज़ुबाँ से भले मुकर जाये।
यार बता दे ज़रा कैसे करुँ मेँ इजहार ए ईश्क,
शायरी वह समझती नहीँ और अदाए हमें आती नहीँ।
मैं अपनी मुहब्बत का शिकवा तुमसे कैसे करुं,
मुहब्बत तो हमने की हैं तुम तो बेकसूर हो।
ये इश्क क्या मुझे तो इजहार करना भी नही आता,
और जो इश्क ए इल्म की पढ़ाई कर बैठे है उसे तो इश्क निभाना ही नही आता।
पर खैर जो भी बात हो इजहार ना सही,
पर ये एक तरफा प्यार तो जरूर है।
अपनी मुहब्बत का इजहार लिख दो,
दीवाने हो जाएं जिसे पढ़कर हम कुछ ऐसा एक बार लिख दो।
मेरी फितरत में नहीं अपने ग़म का इज़हार करना,
अगर उसके वजूद का हिस्सा हूँ मैं तो खुद महसूस करे वो तकलीफ मेरी।
ना कोई हक है ना ही कोई रोक है ना कोई इजहार है ना ही कोई इनकार है,
अब कुछ इस तरह उनके और हमारे बीच का प्यार है।
इज़हार कर देना वरना,
एक ख़ामोशी उम्रभर का इंतजार बन जाती है।
काश वह आये इश्क का इजहार करने मेरी कब्र पे,
एक दिन मै भी एक और जिन्दगी की दुआ मांगू उनपे कुर्बान होने के लिए।
सच बताओ इश्क है या फिर इजहार ही करते फिरते हो,
दिल तो है ना अपनी जगह पर जनाब या फिर हर किसी से प्यार ही करते फिरते हो।
हमने हमारे इश्क़ का इज़हार यूँ किया,
फूलों से तेरा नाम पत्थरों पे लिख दिया।
बेकरारी है मेरे रातो मे मगर तू चैन से सो जाता है,
इजहार है मेरे लफ्जों मे मगर तू सुन कहां पाता है।
अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते।
मैने कब कहा कि तुमसे प्यार नही करता,
हां ये बात सच है कि तुमसे इजहार नही करता।
इज़हार ऐ याद कहूँ या पूछूँ हाल ऐ दिल उनका,
ऐ दिल कुछ तो बहाना बता उनसे बात करने का।
आंखे ये तब भी रोती है जब अपनी मोहब्बत को इजहार करता हूं,
आंखे ये तब भी रोती है जब तेरी मोहब्बत को इन्कार करता हूँ।
इश्क के इजहार मे हर चांद रूस्वाई तो है,
पर करूं क्या अब तबियत आप पर आई तो है।
प्यार का इजहार था कि मुझे कोई नयी ख्वाब दे गई,
पढ़ने को ली जब किताब रखकर उसमे गुलाब दे गई।
लबो से बोल दिलो को खोल हंस के इजहार कर,
क्यों बैठे हो तालाब पर उतर लिपट मुझे प्यार कर।
है मोहब्बत कहां हम इन्कार करते है,
इश्क है तुमसे चलो आज हम इजहार करते है।
जिंदगी मे इश्क नही जिंदगी से इश्क कर,
बस जिन्दगी को इजहार और बाकी को इकरार कर।
भीगते बारिश के इस मौसम में कुछ ऐसे उनका दीदार हुआ,
एक पल में उनसे महोब्बत हुई ज़िन्दगी भर उसका इज़हार हुआ।
हमारे इजहारे इश्क पर वो न जाने क्यो बेरूखी दिखा रहे है,
मेरे इश्क का इम्तिहां ले रहे या अपना सब्र आजमा रहे है।
वो ख्वाबो मे आते रहे मिलने,
हम घर पहुंच गये इजहार करने।
माना कि हमे इजहार ए इश्क करना नही आता,
तुम तो पढ़े लिखे हो क्या तुम्हे आंखे भी पढ़ना नही आता।
मुहब्बत का कभी इज़हार करना ही नहीं आया,
मेरी कश्ती को दरिया पार करना ही नहीं आया।
आस टूटने का भय लिए बैठे है विचार में,
बड़े असमंजस मे है चाहत के इजहार में।
झुकी हुई नजरो से इजहार ए इश्क हो रहा था,
कैसे बचाते दिल को जब कातिल से ही इश्क हो रहा था।
वक्त ही कितना लगता है इजहार ए मोहब्बत मे,
पर जनाब जिंदगी बीत जाती है निभाने मे।
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ,
वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ।
उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन,
दिल करता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ।
हर घड़ी तेरा दीदार किया करते है,
हर ख्वाब मे तुझसे इजहार किया करते है।
दीवाने है तेरे हम यह इकरार करते है,
जो हर वक्त तुमसे मिलने की दुआ किया करते है।
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो इज़हार ऐ इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है,
है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है।
जिसको चाहो उसे चाहत बता भी देना,
कितना प्यार है उससे ये जता भी देना।
यूँ ना हो की उसका दिल कहीं और लग जाये,
करके इजहार उसके दिल को चुरा भी लेना।
प्यार का जो इजहार तूने किया मुझसे तो रूकी धड़कन और सांसे ठहर गई,
एक हंसी ख्वाब सा लगा तेरा इजहार करने मे यकी पूरा रात गुजर गई।
बाहर के शोर की किसको परवाह है मुझे तो तुम्हारी खामोशी से भी प्यार है,
चाहे तो जुबान से कुछ कहे या न कहें मुझे हासिल ऐ सनम तेरा अनकहा इजहार है।
झुकी हुई नज़रों से इज़हार कर गया कोई,
हमें खुद से बे खबर कर गया कोई।
युँ तो होंठों से कहा कुछ भी नहीं,
आँखों से लफ्ज़ बयां कर गया कोई।
कसूर तो था इन निगाहों का जो चुपके से उनका दीदार कर बैठी,
हमने तो खामोश रहने की ठानी थी पर बेवफा जुबान इज़हार कर बैठी।
सब इजहार करने लगे है हम इंतजार करने मे लगे है,
ये कैसी मोहब्बत है हम उनका दीदार पाने को भी तरसने लगे है।
कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा,
खुद टूटकर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा।
प्यार की आग मे उसको इतना जला देंगे,
कि इजहार वो मुससे सरे बाजार करेगा।
इकरार है पर इजहार नही करते है,
पहले जैसा अब किसी पर ऐतबार नही करते है।
टूटा है दिल हमारा भी मोहब्बत की इस आजमाइशों मे,
इसलिए ये गलती हम बार बार नही करते है।
इजहार ए इश्क का अन्दाज ही निराला था,
तुम्हे जो मुझसे रब ने मिलाया था।
तेरे इन्कार का सवाल ही न था,
मैने जो तुम्हे अपना बनाया था।
बाते तो कर लेता हूं थोड़ी बहुत हर किसी से मै लेकिन इजहार नही कर पाता हूं,
कहीं फिर से टूटकर बिखर न जाऊं कभी इस डर से किसी से प्यार नही कर पाता हूं।
उन को चाहना मेरी मोहब्बत है उन्हें कह न पाना मेरी मजबूरी है,
वो खुद क्यों नही समझता मेरे दिल की बात को क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है।
इज़हार क्यों किया था इकरार क्यों किया था,
जब जाना बहुत दूर फिर प्यार क्यों किया था।
ना थी कोई रंजिश और ना थी कोई शिकायत,
जब हार गया दिल तुझपे ये वार क्यों किया था।
नहीं करता इज़हारे ऐ इश्क़ वो पर रहता है मेरे करीब है,
वो देखूँ उसकी आँखों में तो शर्मा जाता है वो हाय मेरा यार भी कितना कमाल है।
कुछ काम नही था तुझे याद कर लिया,
दिल मे की दर्द नही था तुझसे प्यार कर लिया।
धीरे धीरे अपनी जान तेरे नाम कर दिया,
इस जख्मी दिल से फिर अपने प्यार का इजहार कर दिया।
प्यार मे एहसास जरूरी है दिल का इजहार जरूरी है,
बन जाए रिश्ता अगर तो विश्वास जरूरी है।
मेरे सामने वो प्यार ए इजहार करते है,
पीठ पीछे वो बाते हजार करते है।
वही कह पाते की चाहते नही हमे,
हर बार बस यही झूठा प्यार करते है।
नज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते करते,
यह जान मेरी यूँ ही निकल ना जाये तुम से इश्क़ का इज़हार करते करते।
वो करीब ही न आये तो इज़हार क्या करते,
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते।
मर गए पर खुली रखी आँखें,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते।
तेरी आवाज़ से प्यार है हमें इतना इज़हार हम कर नहीं सकते,
हमारे लिए तू उस खुदा की तरह है जिसका दीदार हम कर नहीं सकते।
कई ख्वाइश कई इज़हार बाकी है,
तुझसे जुड़ा इंतज़ार बाकी है।
सांसो का छूट जाना तो मुक़द्दर है,
मगर मेरा ज़िन्दगी से कुछ करार बाकी है।
ढूंढना ही है तो मुझे अपने दिल के अंदर ढूंढो यहां वहां क्यूं ढूंढती हो,
प्यार करती हो तो आंके इजहार करो यूं पीछा क्यूं किया करती हो।
मिले वक्त तो याद करना,
कुछ पल अपना मेरे नाम करना।
जहन मे छुपे समस्याओ को हल कर दूंगा,
बस समस्याओ का खुलकर इजहार करना।
नही जरूरत किसी गुलब की और ना ही शब्दो का इस्तेमाल करो,
झुका कर पलको से इजहार करो मोहब्बत का तुम कुछ ऐसे इकरार करो।
मैं लफ़्ज़ों से कुछ भी इज़हार नही करता,
इसका मतलब ये नई के मैं तुझे प्यार नही करता।
चाहता हूँ मैं तुझे आज भी पर,
तेरी सोच मे अपना वक़्त बेकार नही करता।
बेकरारी है मेरे रातो मे मगर तू चैन से सो जाता है,
इजहार है मेरे लफ्जो मे मगर तू सुन कहां पाता है,
इंतजार है मेरे हर लम्हो मे मगर तू नही आता है।
हर घडी तेरा दीदार किया करते हैं,
हर ख्वाब में तुझसे इज़हार किया करते हैं।
दीवाने हैं तेरे हम यह इक़रार करते हैं,
जो हर वक़्त तुझसे मिलने की दुआ किया करते हैं।
दिल यह मेरा तुमसे प्यार करना चाहता हैं,
अपनी मोहब्बत का इज़हार करना चाहता है।
देखा हैं जब से तुम्हे ऐ मेरे हमदम,
सिर्फ तुम्हारा ही दीदार करना चाहता है।
कब उनकी पलकों से इज़हार होगा,
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा।
गुज़र रही है हर रात उनकी याद में,
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा।
आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
होंठो से कुछ कह नहीं सकते।
कैसे इज़हार करे हम आपको ये दिल का हाल,
कि तुम ही हो जिसके बिना हम रह नहीं सकते।
ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें,
हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें।
मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें,
अब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें।
इज़हार, एतबार और इनकार, फासले अल्फ़ाज़ों के हैं,
जब भी चाहो गुफ़तगू कर लो, मामलें तो हम मिज़ाज़ों के हैं।
कोई सोंचता नहीं इम्तिहान लेने के खातिर,
टूटते कितने दिल हम ख्यालों के हैं।
कोई जब हमसे प्यार करता है नही क्यों फिर इजहार करता है,
फिर भी कोशिश बार बार करता है जब भी पूछो बस इन्कार करता है।
हम भी प्यार का इज़हार करेंगे,
तेरी इश्क़ में जान भी निसार करेंगे।
देख के जलेगी दुनिया सारी,
इस कदर तुझसे प्यार करेंगे।
कहा था तुम से मेरा इंतज़ार करना,
दुनिया चाहे जो कहे तुम ऐतबार न करना।
दिन रात कट रहे हैं अब तो उसी के ख्यालो में,
वो लम्हें, वो रातें,उनको याद बार बार न करना।
इज़हार क्यों किया था,
इकरार क्यों किया था।
जब जाना बहुत दूर,
फिर प्यार क्यों किया था।
उन्हे इज़हार करना नही आया,
उन्हे हमे प्यार करना नही आया।
हम बस देखते ही रह गये,
और वक़्त को थमना नही आया।
इश्क़ इज़हार तक नहीं पहुंचा,
शाह दरबार तक नहीं पहुंचा।
चारागर भी निजात पा लेते,
जहर बीमार तक नहीं पहुंचा।
आज इज़हार ए इश्क होना है,
आज इकरार ए इश्क होना है।
आज इश्क का दिन है दोस्तों,
आज गुलज़ार ए इश्क होना है।
ग़म का इज़हार भी करने नहीं देती दुनिया,
और मरता हूँ तो मरने नहीं देती दुनिया।
सब ही मय ख़ाना ए हस्ती से पिया करते हैं,
मुझ को इक जाम भी भरने नहीं देती दुनिया।
आज रोकिये न हमे अपनी दिल का बात करने से,
कितना सारा करते है प्यार ये इजहार करने से।
आज दिल में जो उठा हैं तूफान वो रूकेगा तब,
जब आप लगाएंगे हमे कसके अपने सीने से।
तमन्ना है मेरे दिल की सनम एक बार हो जाये,
जाते जाते दुनिया से तेरा दीदार हो जाये।
मुहब्बत मैं भी करती हूँ मुहब्बत तुम भी करते हो,
ज़माने से है क्या डरना चलो इज़हार हो जाये।
इश्क का कभी हमने इंकार नहीं किया,
पर इस दिल को कभी इतना बेक़रार नहीं किया।
बस आँखों में उनके सपने सजाये रखे है,
मगर कभी हमने होंठों से इश्क का इजहार नहीं किया।
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है,
झुकी निगाह को इकरार कहते है।
सिर्फ पाने का नाम इश्क नहीं,
कुछ खोने को भी प्यार कहते है।
लोग कहते है तुम क्यों अपने प्यार का इज़हार नहीं करते,
हम ने कहा जो लफ्जों में बयां हो जाये सिर्फ़ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते।
ज़िंदगी भर हम तुम्हे आवाज़ देंगे,
प्यार क्या है, हम तुम्हे बता देंगे।
तोड़ दो बंदिशे जमाने की,
एक दुनिया नयी हम बसा देंगे।
मोहब्बत क़ैद है इस क़ैद का आदी ना हो जाना,
सलाखें टूट जाये तो रिहाई मार देती है।
मेरी दीवानगी की कोई हद नहीं,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं।
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का,
तेरे सिवा मुझ पे किसी का हक़ नहीं।
ए ख़ुदा तू मेरी मोहब्बत को दूरियों में बिखेर दे,
न मैं उन्हें पाने की दुआ करूँ न वो खाव्हिशें रखें।
चलो न फिर से एक नए रिश्ते की शुरुआत करते है,
गलती किसी की भी थी चलो अब साथ में ठीक करते है।
पता नहीं कितना प्यार हो गया है तुमसे,
नाराज होने पर भी तुम्हारी बहुत याद आती है।
मुझे प्यार करना नहीं आता पर जितना भी किया है,
सिर्फ और सिर्फ तुमसे ही किया है जान।
ओये मेरी जान गुस्सा करेगी तो भी तेरे पास ही आऊंगा,
क्योंकि तेरे बिना एक पल भी रहने की अब आदत नहीं है मुझे।
इज़हार से नहीं इन्तेजार से पता चलता है,
मोहब्बत कितनी गहरी है।
उसके ख्यालों से रंग गयी है रूह तक मेरी,
अब किसी और का ख्याल आये तो आये कैसे।
Best 105+ फनी न्यू ईयर शायरी इन हिंदी
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ Propose Day Shayari प्रॉमिस डे शायरी बताई है जो कि काफी ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद भी आई होगी। दोस्तों अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो उसे अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सके और अगर वह भी आने वाले प्रपोज डे पर किसी को प्रपोज करना चाहते हैं तो उनको किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना न करना पड़े और आसानी के साथ वह भी प्रपोज कर सकें।