Poem on Raksha Bandhan in Hindi | रक्षाबंधन पर कविता हिंदी में (2024)
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी सुविचार इन वेबसाइट पर जहा हम आपके लिए मजेदार शायरी वाले आर्टिकल लेकर आते रहते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको Poem on Raksha Bandhan in Hindi (रक्षाबंधन पर कविता हिंदी में) में बताने वाले हैं। क्या आप भी रक्षाबंधन के अवर पर Poem on Raksha Bandhan in Hindi (रक्षाबंधन पर कविता हिंदी में) पढना या यूज़ लिखना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं यह आर्टिकल आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है।
भाई बहन का प्यार बहुत अनमोल होता है। केवल रक्षाबंधन पर ही भाई-बहन अपने बीच के अनमोल बंधन को महसूस कर सकते हैं। जब बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। इसे अन्य लोग रक्षा सूत्र भी कहते हैं। यह उत्सव भाई-बहनों के बीच प्यार को दर्शाने का काम करता है। भाई-बहन जैसा कोई रिश्ता नहीं है इस रिश्ते में असहमति लगातार बनी रहती है।
केवल वे ही भाई-बहन के बीच के रिश्ते को सही मायने में समझ सकते हैं जिनकी बहनें हैं। यह एक प्रेम बंधन है जिसे तोड़ा नहीं जा सकता। जिसे आप ख़राब नहीं कर सकते. हमारे जीवन में, हमारी विभिन्न साझेदारियाँ हैं। अगर अप रक्षा बंधन पर Poem on Raksha Bandhan in Hindi में लिखना चाहते हैं तो बने रहें इस आर्टिकल के अंत तक।
Poem on Raksha Bandhan in Hindi
राखी आई खुशिया लाई बहन आज फुले न समाई
राखी रोली और मिठाई इन सबसे थाली खूब सजाई..!
बांधे भाई की कलाई पर धागा भाई से बहन लेती बादा
राखी की लाज भैया निभना बहन को कभी भूल ना जाना..!
भाई देते बहन को वचन दुःख उसके सब कर लेता हरण
भाई बहन को प्यार है राखी का त्यौहार सबसे न्यारा है..!
हर सावन में आती राखी बहना से मिलवाती राखी
चाँद सितारे की चमकीली कलाई को कर जाती राखी..!
जो भूले से भी न भूले मन भवन क्षण लाती राखी
अटूट प्रेम का भाव धागे से हर घर में बिखरती राखी..!
सारे जग की मूल्यवान चीजो से बढ़कर भाती राखी
सदा बहन की रक्षा करना भाई को बतलाती राखी..!
ले आज तेरी याद आई इस भाई की सजा दे कलाई
बदले में इसके लुटा तू प्यार यह भाई देगा अनुपम उपहार..!
खुशहाल से बहना की झोली भर सभी मन मनोरथ सम्पूर्ण कर
खुशहाल रहे सदा उसका जीवन प्रति भर तेरा बंधन..!
राखी बस तू इतना काम करता यह भाई तुझे प्रणाम करता..!
Raksha Bandhan Quotes in Marathi
राखी के धागे हलके फुल्के जज़्बातों मे गहरा वज़न टिका
वह रिश्ता सबसे उत्तम है जिस मे रक्षा का है वचन जुड़ा..!
रक्षाबंधन पर्व हर वर्ष हो इस रीत से सबका ह्रदय जुड़ा
भाई बहन का एक ही मन है.अद्वितीय सूत्र की गाँठ बँधा।
लो फिर आया रक्षा बंधन भाई बहन के अमित प्यार का बड़ा अनोखा बंधन
एक दूजे की गलबहियो में बिछे रेत की पगडंडीयों में बचपन बीता..!
आई जवानी रिश्तो ने ली फिर अंगड़ाई भौतिकता की भागदौड़ ने
स्वार्थपरता की आंधी ने रिश्तो की गरिमा को छेड़ा तो भरमाय है..!
प्यारे-प्यारे भैया मेरे सबसे अच्छे भैया मेरे
तुम हो मेरे रखवाले मुझसे ये राखी बन्धवाले..!
तेरी रक्षा मैं करुगी मेरी रक्षा तुम करना
तेरे साथ मैं चलूँगी मेरे साथ तुम चलना..!
राखी का ये बंधन प्यारा इस बंधन को बांधे रखना
टूटे ना रिश्तो का धागा मजबूत अपने इरादे रखना..!
जब मैं तुमसे रूठ जाऊं तो तुम मुझे मनाना
जब-जब मैं रोऊँ तुम मुझे हंसाना..!
जो मुझसे प्यार करे, उसे मेरा जीवनसाथी बनाओ तुम
मेरे संग हमेशा रहना तुम मेरी ताकत बनना तुम
मैं जो कभी कमजोर पड़ जाउँ, तो मेरी ढाल बन जाना तुम..!
राखी की इस रीत को उम्र भर निभाना तुम दुनियादारी के चक्कर में
मुझे मत भूल जाना तुम बेटी नहीं होती है पराई ये बात माँ-बाबा को समझाना तुम
दहेज न कोई सामान देना तुम मुझे तो मेरा स्वाभिमान देना तुम..!
कच्चे धागों से बना ये राखी पक्की डोर है
ये राखी प्यार और शरारतो का होड़ है..!
लंबी लंबी दुआओं से भरा ये त्योहार भाई बहन के प्यार में सराबोर है
बहन मांगे प्यार और दुलार, नहीं चाहिए बड़ा बड़ा उपहार..
वो तो बस इतना चाहे की भाई का जगमगाता रहे खुशियों का संसार..!
राखियां बहनों की शुभ सौगात है राखियां भाई को आर्शीवाद है
बांधती जब भाइयों के हाथों पर बहनों को होता अनूठा नाज है..!
स्नेह के अनसुने सुरीले गीतों पर राखी बजता अलंकृत साज है
राखियों में झलकती अद्भुत खुशी राखियां घेवर का अनुपम स्वाद है..!
रक्षा बंधन की ये है डोर पवित्र पावन और है बेजोड़
ये ऐसा त्यौहार अनोखा जैसे हो सावन का पहला झोंका..!
दुआ से बहन की और मिठाई सजती है
भाई की कलाई लम्बी दूरी करती सहन निकले राखी..!
लेकर के बहन इस दिन बहना बांधे राखी
भाई की उम्र हो लम्बी ताकी इस दिन लेते है..!
भाई शपथ हो बहन की रक्षा शत प्रतिशत आओ जाने इसकी कहानी..!
राखी का आज़ त्यौंहार हैं बहन भाई के लिये बहुत ख़ास हैं
लाया ख़ुशियों की बहार हैं रेशम के धागें से बंधा प्यार हैं..!
बहने आज़ भाईयो को कुमक़ुम का तिलक लगाती है
अपनें प्यारे हाथो से भाई को मिठाई ख़िलाती हैं..!
भाई की सुनी कलाईं पर रेशम का धागा बाधती हैं
बदलें मे भाई से रक्षा क़ा अनमोल वादा पाती हैं..!
राखी का आज त्यौहार है बहन भाई के लिए बहुत खास है
लाया खुशियों की बहार है रेशम के धागे से बंधा प्यार है..!
बहनें आज भाइयों को कुमकुम का तिलक लगाती हैं
अपने प्यारे हाथों से भाई को मिठाई खिलाती है..!
एक रेशम का धागा भर नहीं एक हल्की सी गांठ ही नहीं
राखी एक बहन का प्यार है, ये कोई यूं ही दिन भर नहीं..!
भाई बहन के बंधन का त्योहार है बंधन, लेकिन कैसा बंधन
बंधन हो कर भी बंधन नहीं, ये बंधन भी बहन के पंख हैं.
भाई, बहन के लिए, मानो, मोतियों भरा शंख है
रक्षा करने का एक वादा, हमेशा साथ देने का इरादा हर भाई का बहन से..!
मुश्किल वक्त में प्रेरणादायक विचार
आज बहन ने बड़े प्रेम से रंग बिरंगा चौक बनाया
इसके बाद चौक के ऊपर अपने भैया को बिठाया..!
रंग बिरंगी राखी बाँधी फिर सुंदर सा तिलक लगाया
गोल गोल रसगुल्ला खाकर भैया मन ही मन मुस्कुराया..!
थाल सजाकर दीप जलाकर भैया की आरती उतारी
मन ही मन में कहती बहना भैया रखना लाज हमारी..!
त्योहार भाई -बहन का राखी का त्योहार है
आया जीवन का उपहार है लाया भाई -बहन का प्यार लाया..!
राखी संग खुशियां आयीं बहना जब राखी लायी
बोली मेरी रक्षा करना ढेर सारी मिठाई खिलाई..!
किसी दुआ से कम नहीं बहन का प्यार कितना भी दूर हो
गम नहीं होना, फिके नहीं परते रिश्ते दूर होने से कम नहीं होता..!
भाई बहन का प्यार। राखी का त्यौहार के साथ आया खुशियों का बहार
बहन ने बांधी रेशम की डोर अपने भाई के हाथ पे प्यार..!
खुशी-खुशी बीत गया रक्षाबंधन का त्यौहार..
प्रीत के धागों के बन्धन मे, स्नेंह का उमड रहा संसार
सारे ज़ग मे सबसें सच्चा, होता भाई बहन क़ा प्यार..!
नन्हें भैंया का हैं कहना, राखी बान्धो प्यारी बहना
सावन क़ी मस्त फ़ुहार, मधुरिम संगीत सुनती हैं
मेघो की ढ़ोल थाप पर, वसुन्धरा मुस्क़ाती हैं..!
माँ मुझको अच्छा लगता जब मुझे बाँधती दीदी
राखी तुम कहती जो रक्षा करता उसे बांधते है..!
सब राखी तो माँ दीदी भी तो मेरी हर दम देखो
रक्षा करती जहाँ मैं चाहूँ हाथ पकड़ कर वहीँ मुझे ले जाया करती..!
मैं भी माँ दीदी को अब तो बांधुगा प्यारी सी राखी
कितना प्यार करेगी दीदी जब बांधूंगा उनको राखी..!
बहन और भाई मे स्नेह लाजवाब है, लाख लड़ाई कर ले
लेकिन राखी के दिन, बहन और भाई का पावन प्रेम की सौगात है..!
बहना तेरे चेहरे पे सदा चांद सा नूर हो हर मुश्किल हर गम
तुम से कोसो दूर हो, तुम्हारे कदम चूमे हमेशा कामयाबी..
हम हमेशा साथ रहे एक दूसरे से, अलग रहकर भी ना कभी दूर हो..!
लो फिर आया रक्षा बंधन भाई बहन के अमित प्यार का
बड़ा अनोखा बंधन एक दूजे की गलबहियो में बिछे रेत..!
की पगडंडीयों में बचपन बीता, आई जवानी रिश्तो ने ली फिर
अंगड़ाई भौतिकता की भागदौड़ ने स्वार्थपरता की आंधी ने
रिश्तो की गरिमा को छेड़ा तो भरमाय है..!
बंधन तो मन के होते हैं पूरे जीवन के होते हैं
जैसे शचि का मध्वन से था या रघुबीर का लखन से था..!
कृष्ण का श्याम किशन से था मन के सब बंधन होते हैं
भाई को बहन सूत्र बांधे भाई तरुवर को बांधे मानव हर जीवन को..!
बांधे यह रक्षाबंधन होते हैं हम तरुऔ को जीवन देंगे
वे हमको ऑक्सीजन देंगे आशीष हमें हर क्षण देंगे..!
स्वतंत्रता दिवस पर दिलचस्प शायरी स्टेटस
प्यारी तुम बहना मेरी, हरदम संग मेरे रहना तुम
राखी के पावन दिन पे कभी, मेरी कलाई सुनी न रखना तुम..!
बड़ी-बड़ी ख्वाहिशों को तरी पल भर में मै पूरा कर द्वगाँ
बस तुझसे ये गुजारिश है मेरी मुझ से कुछ न छुपाना तुम..!
बात-बात पे झगड़ना आदत है तुम्हारी पर मै कभी २न्ठ जाऊँ
तो मनालेना तुम। हेमा तुम थोड़े-बहुत नकचढ़ी हो पर
सबसे प्यारी बहना हो तुम। पूर्णिमा की चाँद जैसी चमकीली, परियों से कम नही हो तुम..!
भाई के कलाई पर बांधे धागा और भाई से लेती है
वादा अपनी बहना को भूल न जाना राखी का लाज निभाना..!
मैं कहीं भी रहूं मेरे भैया मुझको देना नहीं बिसार
राखी का आया त्यौहार राखी आए बारंबार..!
बचपन में चाहे कितना भी चिढाती हो पापा से रोज कुटाई भी करवाती है
लेकिन जिस दिन उसकी विदाई की गाड़ी जाती है..!
अन्दर एक दुनिया खत्म हो जाती है भाई को भले निठल्ला बताती है
माँ को भी पक्षपाती दिखाती है लेकिन जिस दिन खुद माँ बन जाए..
बेटे को मामा जैसा ही बनाती है चुपके से गर्ल फ्रेंड के सारे राज उगलवाती है..!
राखी का आज़ त्यौंहार हैं बहन भाई के लिये बहुत ख़ास हैं
लाया ख़ुशियों की बहार हैं रेशम के धागें से बंधा प्यार हैं..!
बहने आज़ भाईयो को कुमक़ुम का तिलक लगाती है
अपनें प्यारे हाथो से भाई को मिठाई ख़िलाती हैं..!
भाई की सुनी कलाईं पर रेशम का धागा बाधती हैं
बदलें मे भाई से रक्षा क़ा अनमोल वादा पाती हैं..!
कैसी भी हो एक बहन होनी चाहिए बड़ी हो तो माँ
बाप से बचाने वाली छोटी हो तो हमारे..!
पीठ पीछे छुपने वाली बड़ी हो तो चुपचाप हमारे
पॉकेट में पैसे रखने वाली छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली..
छोटी हो या बड़ी छोटी छोटी बातों पे लड़ने वाली..!
मोटीवेशनल एपीजे अब्दुल कलाम कोट्स
निष्कर्ष
हमने आपको आज के इस आर्टिकल में माध्यम से Poem on Raksha Bandhan in Hindi (रक्षाबंधन पर कविता हिंदी में) में बताई है। अआप्को हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर भाई बहन के अनोखे रिश्ते के बारे में जानकारी मिल गई। उम्मीद करता हूँ आपको हमारे द्वारा लिखी गई कविता पसंद आई होगी। अगर आप रोजाना ऐसे ही मजेदार शायरी पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारी suvicharin.com वेबसाइट को हमेशा विजिट करते रहें।
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