110+ दुश्मन को जलाने वाली शायरी | Dushman Ko Jalane Wali Shayari (2024)
आज के इस लेख में हमने आपको 110+ दुश्मन को जलाने वाली शायरी बताई हैं जो कि काफी ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको काफी ज्यादा पसंद भी आने वाली हैं दोस्तों हमारे आस-पास बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जो हम से जलते हैं जैसे कि अगर हमारे पास ज्यादा पैसा हो जाता है या फिर हम बहुत तरक्की करने लगते हैं तो कुछ लोग हमसे जलने लगते हैं। तो दोस्तों अगर आपके आस-पास भी ऐसे लोग हैं जो आपसे जलते हैं और आप उनको और ज्यादा जलाना चाहते हैं।
तो अब आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110 से भी ज्यादा Dushman Ko Jalane Wali Shayari बताई हैं जिनकी सहायता से आप भी उन लोगों को जो लोग आपसे जलते हैं और ज्यादा जला सकते हैं। तो दोस्तों अगर आप भी दुश्मन को जलाने वाली शायरी की तलाश कर रहे हैं तो आपकी तलाश ख़तम हुई। तो आएये दोस्तों जानते हैं 110 से भी ज्यादा Dushman Ko Jalane Wali Shayari कौन सी हैं?
गुलाम हूँ अपने घर के संस्कारों का वरना,
तेरी औकात दिखाने का हुनर मैं भी रखता हूँ।
माना कि तुम्हे भौंकना आता है लेकिन अगर,
औकात के बाहर भौंका तो याद रखियो मुझे ठोकना भी आता है।
अक्सर औकात की बात वही किया करते है,
जो कायर हमेशा झुंड में चला करते हैं।
हुकूमत दूसरों के दम पे तो कोई भी कर ले,
जो अपने दम पर छा जाये वो हम हैं।
परख ना सकोगे ऐसी शख्सियत है मेरी,
मैं अच्छा सिर्फ उन्ही के लिए हूँ जो जाने कदर मेरी।
जो किसी को छलते नहीं वही लोग,
आज कल खोते सिक्के जैसे चलते नही।
आज दरगाह में मन्नत का धागा नहीं,
अपना दिल बाँध के आया हूँ तेरे लिए।
किरदार मेरा भी शाम ए अवध सा गुलाबी हो जाए,
अगर तुम आ जाओ तो इश्क मेरा नवाबी हो जाए।
ज्यादा उछल मत दुश्मन अगर टूट गया,
तो खुद जाएगी तेरी बीच सड़क पर कबर।
हम मोहब्बत में नंबर 1 तो एटीट्यूडमें स्टार हैं,
फिर सामने हुस्न की मलका हो या दुश्मन सब अपने ही फैन हैं।
नाम बदनाम होने की चिंता छोड़ दी मैंने,
अब जब गुनाह होगा तो मशहूर भी तो होंगे।
गुस्से के तेज लोग अक्सर,
दिल के साफ़ हुआ करते हैं।
काश मोहब्बत में भी चुनाव होते,
तो गजब के भाषण देते तुझे पाने के लिए।
हमारे समने ज्यादा हीरो बनने की कोशिश भी मत करना,
क्योंकि हम तालियों से ज्यादा गालियों से स्वागत करते हैं।
शेरो की तरह जीते थे जब तक कमाते नहीं थे,
जब कमाना शुरू किया जिंदगी शेरू की तरह हो गई।
मेरी जूती और मी दुश्मनों में कुछ भी फर्क नहीं है,
क्योंकि जूती और दुश्मन दोनों ही मेरे पैरो के नीचे ही रहते हैं।
बस दीवानगी की खातिर तेरी गली में आते हैं,
वरना आवारगी के लिए तो सारा शहर पड़ा है।
रहते आसपास ही हैं पर पास नहीं होते,
कुछ लोग मुझसे जलते हैं बस खाक नहीं होते।
अपनी जिंदगी में काम ऐसा करो कि पहचान बन जाए,
इस तरह से चलो कि निशान बन जाए।
जिंदगी तो हर कोई काट लिया करता है,
इस तरह से जिंदगी गुर्जरों कि मिसाल बन जाए।
दिल में मोहब्बत का होना जरूरी है,
वरना याद तो रोज दुश्मन भी करते हैं।
तसल्ली में पड़े होते तो समझ में आते हम,
जरूर कुछ पन्ने बिना पढ़े ही पलट दिए होंगे।
वह खुद पर इतना गुरुर करते हैं तो इसमें हैरत की बात नहीं,
जिन्हें हम चाहते हैं वह आम हो ही नहीं सकते।
जिंदगी अपने हिसाब से जीनी चाहिए,
औरों के कहने पर तो शेर भी सर्कस में नाचते हैं।
एक इसी उसूल पर गुजर रही है जिंदगी मैं,
जिसको अपना माना उसे कभी परखा नहीं।
एटीट्यूड तो अपना भी खानदानी है,
और तू मेरे दिल की रानी है।
इसलिए कह रहा हूं मान जा,
क्योंकि अपनी तो करोड़ों दीवानी है।
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जिंदगी की हर एक उड़ान बाकी है,
हर मोड़ पर एक इम्तिहान बाकी है।
अभी तो सिर्फ आप ही परेशान है मुझसे,
अभी तो पूरा हिंदुस्तान बाकी है।
पीने पिलाने की क्या बात करते हो कभी हम भी पिया करते थे,
जितनी तुम जाम में लिए बैठे हो इतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे।
जहां कदर ना हो अपनी वहां जाना फिजूल है,
चाहे किसी का घर हो चाहे किसी का दिल।
नजरअंदाज जितना करना है कर लो,
अंदाज़ उसे दिन का भी कर लो जब हम नजर नहीं आएंगे।
जिन लोगों को मुझसे नफरत है वह करते रहे,
मैं कौन सा सबसे प्यार करता हूं।
मुझे मिलना है आसमान से,
ऊंचाइयों पर नहीं उससे कहो नीचे आए।
हमारे स्टाइल और एटीट्यूड ही कुछ अलग है,
बराबरी करने जाओगे तो बिक जाओगे।
मत करो मेरी पीठ के पीछे बात जाकर कोने में,
वरना जिंदगी बीत जाएगी बस रोने में।
वह पसंद ही क्या जिसको पसंद,
आने के लिए खुद को बदलना पड़े।
तुम्हें लगता है कि गलत हूं मैं,
तो सही हो तुम क्योंकि थोड़ा अलग हूं मैं।
आफत नहीं जो टल जाऊंगा,
आदत हूं लग जाऊंगा।
यह जो तुम मुझसे बात नहीं करती,
यह नफरत की निशानी है या प्यार हो जाने का डर।
खामोश रहा करो यहां किसी के रोने से,
किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
मोबाइल में नेटवर्क और रिश्तो में भरोसा,
ना हो तो लोग अक्सर गेम खेलने लग जाते हैं।
हाथ बांधे क्यों खड़े हो हादसों के सामने,
हादसे कुछ भी नहीं है हौसलों के सामने।
कुछ लोग पकौड़े जैसे होते हैं,
थोड़ा सा ध्यान ना दो तो जल जाते हैं।
यकीन करना सीखो शक,
तो सारी दुनिया करती है।
फर्क बहुत है तेरी और मेरी तालीम में,
तूने उस्तादों से सीखा है और मैंने हालातो से।
चर्चाएं खास हो तो किस्से भी जरूर होते हैं,
उंगलियां भी उन पर ही उठती है जो मशहूर होते हैं।
मोहब्बत मोहब्बत चाहती है मेहरबानी नहीं।
कुछ लोग चप्पल के जैसे होते हैं,
साथ तो देते हैं पर पीछे से कीचड़ उड़ते रहते हैं।
हर किसी को सफाई मत दिया करो,
तुम इंसान हो कोई डिटर्जेंट पाउडर नहीं।
जो खोटे सिक्के कभी चले ही नहीं बाजार में,
आज कमियां ढूंढ रहे हैं हमारे किरदार में।
बचके रहना मुझसे क्योंकि मेरा एटीट्यूड रैन बो की तरह है ,
ब कौन सा रंग दिख जाए कुछ पता नहीं।
एक नींद है जो लोगों को रात भर नहीं आती,
बस एक जमीन ही है जो हर वक्त सोया रहता है।
प्यार एहसान नफरत दुश्मनी जो चाहे वह कर लो मुझसे,
आपकी कसम वही दुगना होकर मिलेगा।
होगी भले ही तू तेरे बाप की परी और दुनिया की महारानी,
लेकिन तेरे जैसी 36 घूमती है मेरे आगे पीछे बन कर नौकरानी।
एहसान दोनों का ही था मकान पर,
छत ने जता दिया और नींव ने छुपा लिया।
कुछ चीज पैसों से नहीं मिलती,
और मुझे उन्हीं चीजों का शौक है।
पसंद आ गए हैं कुछ लोगों को हम,
कुछ लोगों को यह बात पसंद नहीं आई।
अगर कोई चुप है तो इसका मतलब यह नहीं कि उसे बोलना नहीं आता,
हो सकता है वह थप्पड़ मारने में यकीन रखता हो।
दौलत तो विरासत में मिलती है,
लेकिन पहचान अपने दम पर बनानी पड़ती है।
हम तो छोटे हैं अदब से सर झुका लेंगे,
बड़े यह तय कर लें उन में बड़प्पन कितना है।
अक्सर दिखावे का प्यार ही शोर करता है,
सच्ची मोहब्बत तो इशारों में ही सिमट जाती है।
शीशे की तरह आर पार हूं,
फिर भी बहुत की समझो से बाहर हूं।
मां के लिए क्या शेर लिखूं,
मां ने ही तो शेर बनाया है।
प्यार तो अचानक हो जाता है,
जो सोच समझ कर किया जाए उसे सेटिंग कहते हैं।
सच तो मेरा उन लोगों से पूछो जो,
अपनी गर्लफ्रेंड को कहते हैं पहले इसे ब्लॉक कर दो।
हमारे हौसले कौन रोक पाएगा,
अगर कोई दुश्मन आएगा तो आंखों से सिर्फ सावन बरसाएगा।
हमारा शौक तो तलवार रखने का है,
बंदूक के लिए तो बच्चे भी जिद करते हैं।
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मत किया कर इतना गुरूर ऐ इंसान अपने आप पर,
न जाने कितने मिटा डाले खुदा ने तेरे जैसे बनाकर।
हम तो दुश्मन की शक्ल देख कर,
उसकी औकात बता देते हैं।
हमारी नजरों से ज्यादा उम्मीद मत रख,
हमें तो आदत है प्यार से देखने की।
दुश्मनों को जलाना और दोस्त के लिए,
जान की बाजी लगाना हमारी फितरत है।
मत देख तू मुझे ऐसे वरना नजर लग जाएगी,
एटीट्यूड में जी तेरी जिंदगी संवर जाएगी।
ताकत अपनी लफ्जों में डालो आवाज में नहीं,
क्योंकि फसल बारिश से होती है बाढ़ से नहीं।
अभी कांच हूँ तो चुभ रहा हूँ,
जिस दिन आइना बं जाऊंगा पूरी दुनिया देखेगी।
खून में उबाल आज भी खानदानी है,
दुनिया हमारे शौक की नहीं एटीट्यूड की दीवानी है।
लोग वाकिफ हैं मेरी आदतों से ए दोस्त,
रुतबा कम ही सही पर लाजवाब रखता हूं।
बातों से तो सब किया आपने,
मुझे लगता है सिर्फ बाते ही आती है आप को।
यहाँ किसकी मजाल है जो छेड़े दिलेर को,
गर्दिश में तो कुत्ते भी घेर लेते हैं शेर को।
माना की तेरी एक आवाज़ से भीड़ ही जाती है ।
लेकिन हम भी माहिर है हमारी एक ललकार से पूरी भीड़ बिखर जाती है ।
अगर तेरी नज़र क़त्ल करने में माहिर है,
तो हम भी मर-मर के जीने में उस्ताद हैं।
हैरत किस बात की गम किस बात का,
जलने वालों को जलने दो क्या जाता है अपने बाप का।
जलने वालो की तो अभी और जलानी है,
यह तो शुरुवात है, अभी पूरी कहानी बाकी है।
लोग जलते रहेंगे आग की तरह,
और हम खिलते रहेंगे गुलाब की तरह।
कोई मुझसे जलता है
मुझे अपने आप पता चलता है।
शांखो से गिर कर टूट जाऊ मै वो पत्ता नही,
आँधियो से कह दो कि अपनी औकात मे रहें।
मैं वो खेल नहीं खेलता जिसमे जीतना फिक्स हो।
क्योंकि जीतने का मज़ा तभी है जब हारने का रिस्क हो।
सुन पगली तू मोहब्बत है मेरी इसलिए दूर है,
अगर ज़िद होती तो बाहों में होती।
बेटे ये आंखे किसी और को दिखाना,
अगर दम है तो परास्त कर या फिर,
चूड़ियां पहन और बर्दाश्त कर।
एक दीये ही है जो रात में जलते है,
वरना जलने वाले तो दिन-रात जलते है।
बेखौफ मुस्कुराते रहो,
जो जलता है उसे जलाते रहो।
तुझ में बात ही कुछ ऐसी है,
मुझसे जलने वालों की ऐसी की तैसी है।
अकड़ दिखाने वालों को उनकी,
औकात दिखाने में हमें देर नहीं लगती।
वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलियां,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।
जिनके मिज़ाज दुनियाँ से अलग होते है,
महफ़िल मैं चर्चे उन्ही के ग़जब होते है।
वक्त ही तो है बदल जाएगा,
आज तेरा है कल मेरा होगा।
वक़्त बदल चुका है, अब हमसे जलने वाले कुत्ते,
गली में नही सोशल मिडिया पे भौंकते है।
मैं जैसा हूँ वैसा ही रहने दो मुझे,
अगर बिगड़ गया तो संभाल नही पाओगे।
चाहने वालों के दिल में हूँ,
जलने वालों के दिमाग में हूं।
काली जिंदगी काला काम है,
एक नाम है वो भी बदनाम है।
मुझसे नाराज रहने वाले लोग अक्सर,
ज्यादा नज़र रखते है मुझपर।
ये दुनिया बुरी नही है बस,
कुछ लोग ही हरामखोर हैं।
मिर्ची भी क्या मस्त चीज है,
हमारे आने से भी लग जाती है।
पागल हवाओ को ठिठुरती ठंड के साथ इश्क़ क्या हुआ,
वहां जलन में सारा शहर जल उठा।
मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता,
मैंने पहले ही सब बिगाड़ दिया है।
हवा दुश्मनी की बांकि है,
तुम मुझ से जलते हो इतना ही काफ़ी है।
ना किसी से डरते हैं, ना किसी से जलते हैं,
बस अपनी जिंदगी में अपने तरीके से चलते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 110+ दुश्मन को जलाने वाली शायरी बताई हैं जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी हैं और यकीनन आपको काफी ज्यादा पसंद भी आई होंगी। दोस्तों अगर आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज के इस आर्टिकल को पढ़ सकें। और वह भी बिना किसी समस्या के Dushman Ko Jalane Wali Shayari को पढ़ सकें।