100+ Dharmik Suvichar धर्म पर सर्वश्रेष्ठ सुविचार (2024)
हेलो दोस्तों उम्मीद करते हैं आप सब ठीक होंगे स्वागत है आपका “सुविचार इन” वेबसाइट पर आज के इस लेख में हम आपको 100+ Dharmik Suvichar के बारे में बताने जा रहे हैं जिन को पढ़कर आपका जीवन बेहद सुंदर होने वाला है इसलिए इन सुविचार को अंत तक जरूर पढ़ें!
दोस्तों हम आपके दिल को छू जाने बाले Dharmik Suvichar बताने से पहले आपको बता दें कि इससे पिछले लेख में हमने Friendship Suvichar के बारे में बताया है तो दोस्तों अगर आप भी अपने दोस्तों में जान रखते हैं तो दोस्ती पर लिखे गए सुविचार देखना ना भूलें, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आसानी के साथ देख सकते हैं!
जितना मन से पवित्र रहोगे उतना ही भगवान के करीब रहोगे,
क्योंकि सदैव पवित्रता में ही भगवान का वास होता है..!
ईश्वर के मार्ग पर जब कोई एक कदम बढ़ाता है,
तो ईश्वर उसे थामने के लिए 100 कदम बढ़ते हैं..!
आदमी भगवान से लाखों-करोड़ों की चाहत रखता है,
लेकिन जब मंदिर जाता है तो जेब में सिक्के ढूंढता है..!
तलाश ना कर मुझे जमीनों आसमान की गर्दिशों में,
अगर मैं तेरे दिल पर नहीं हूं तो कहीं भी नहीं हूं..!
अपनी रोशनी का एक कतरा ही दे दे मालिक,
मैं तेरी कायनात का बेनाम सा जरा हूं..!
जो कुछ भी मैंने खोया वह मेरी नादानी है,
और जो कुछ भी मैंने पाया वह रब की मेहरबानी है..!
जरूरत भर का खुदा सबको देता है,
परेशान है लोग इस वास्ते की बेपनाह मिले..!
कोई तो है जो फैसला करता है पत्थरों के मुकद्दर का,
किसे ठोकर पर रहना है और किसे भगवान होना है..!
अपना मजहब ऊंचा और गैरों का ओछा,
यह सोच हमें इंसान बनने नहीं देती..!
गालिब ने यह कहकर तोड़ दी तस्बीह,
गिनकर क्यों नाम लूं उसका जो बेहिसाब देता है..!
पलके झुके और नमन हो जाए मस्तक झुके और वंदन हो जाए,
ऐसी नजर कहां से लाऊं कि तुझे याद करूं और तेरा दर्शन हो जाए..!
हमारी खुशकिस्मती यह है कि हम भगवान को एक मानते हैं,
और बस किस्मत यह है कि हम भगवान को एक नहीं मानते हैं..!
मेरा मजहब तो यह दो हथेलियां बताती हैं,
जुड़े तो पूजा और खोले तो दुआ कहलाती है..!
तू ऐसा धर्म को मान जो,
स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाता हो..!
भगवान का कोई धर्म नहीं होता है..!
हिंदू धर्म विकासवादी है जड़वादी नहीं,
हिंदू धर्म विज्ञान सम्मत है अवैज्ञानिक नहीं..!
मंदिर जाने से भगवान नहीं मिलते,
मन को मंदिर बनाने से भगवान मिलते हैं..!
सिर्फ शरीर को साफ करने से भगवान नहीं मिलते,
मन को साफ करने से भगवान मिलते हैं..!
दिखावा करने से भगवान नहीं मिलते,
नियत साफ होने से भगवान मिलते हैं..!
रंग रूप सुंदर होने से भगवान नहीं मिलते,
व्यवहार सुंदर होने से भगवान मिलते हैं..!
सिर्फ दान देने से भगवान नहीं मिलते,
दया और करुणा भाव से भगवान मिलते हैं..!
भजन सुनने और गाने से भगवान नहीं मिलते,
भजन में रम जाने से भगवान मिलते हैं..!
शरीर के नाचने से भगवान नहीं मिलते,
आत्मा जब नाचती है तो भगवान मिलते हैं..!
अभिमानी को भगवान नहीं मिलते,
प्रेमी और ज्ञानी को भगवान मिलते हैं..!
बहुत कुछ चाहने वाले को भगवान नहीं मिलते,
संतोषी को भगवान मिलते हैं..!
बुराई करने वाले को भगवान नहीं मिलते,
अच्छा ही करने वाले को भगवान मिलते हैं..!
निराश और उदास रहने बालों को भगवान नहीं मिलते,
विश्वास रखने वालों को भगवान मिलते हैं..!
धनवान को भगवान नहीं मिलते,
दयावान को भगवान मिलते हैं..!
दुख में रोने वालों को भगवान नहीं मिलते,
दुख में भी मुस्कुराने से भगवान मिलते हैं..!
आंसू बहाने से भगवान नहीं मिलते,
दूसरों के आंसू पोछने से भगवान मिलते हैं..!
पहले अपने दोषों को दूर कीजिए,
भगवान आपको अवश्य मिलेंगे..!
जिस घर में सुबह के वक्त अल्लाह का जिक्र होता है,
उस घर में सुकून मोहब्बत बरकत और रहमत बरसती है..!
दुनिया का सबसे सुरक्षित बीमा है अल्लाह पर भरोसा करना,
बस याद रखें और नेक कामों का क़िस्त वक्त से भरते रहे..!
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जिंदगी जख्मो से भरी है,
और उन जख्मों का इलाज है इबादत..!
दोनों जहां का सुकून,
फजर की नमाज में है..!
सच्चे दिल से नमाज पढ़ने वाला इंसान कभी बेरोजगार नहीं रहता,
अल्लाह उसको ऐसी जगह से रोजी अता करता हूं जहां से वह सोच भी नहीं सकता..!
नसीहत वो सच्चाई है जिसे हम कभी ध्यान से नहीं सुनते,
और तारीफ वो धोखा है जैसे हमेशा ध्यान से सुनते हैं..!
रिज्क और मौत का खौफ ना रखो,
यह इख़्तियार सिर्फ और सिर्फ अल्लाह के पास है..!
तुम वह मांगते हो जो तुम्हें अच्छा नजर आता है,
अल्लाह वोह देता है जो तुम्हारे लिए बेहतर होता है..!
ठोकर भी उन्हीं को लगती है,
जिन्हें रब ने थामना होता है..!
अगर यह जिंदगी आरजी है तो मुश्किलात भी मुस्तकिल नहीं,
बस तुम अपने रब के शुक्रगुजार रहो..!
जो लोग टूट जाते हैं और अल्लाह के आगे रोते हैं,
तो अल्लाह उन्हें फिर जोड़ता है और पहले से बेहतर और मजबूत बना देता है..!
रब वहां से दरवाजे खोलता है,
जहां से इंसान को गुमान भी नहीं होता..!
एक ही जुमला इंसान की तरबियत के लिए काफी है,
के अल्लाह देख रहा है..!
अल्लाह ही तो है,
जो दिल की खामोशी को भी समझ लेता है..!
अल्लाह के नजदीक जब किसी इंसान की इज्जत जितनी ज्यादा होती जाती है,
उसका इम्तिहान भी उसे अदर सख्त होता जाता है..!
हम गुनाह ऐसे करते हैं जैसे वह देख नहीं रहा,
और वो माफ ऐसे करता है जैसे उसने देखा ही नहीं..!
अपनी मांगी हुई दुआओं पर यकीन रखो,
वो रहमान है रद्द नहीं करता..!
दो तरह की मोहब्बत इंसान को गमगीन नहीं करती,
एक अल्लाह से और दूसरी अल्लाह के लिए किसी और से की गई..!
जब तुम उसकी चाहत को अपनी चाहत बना लेते हो,
तो वह भी तुम्हारी चाहत के लिए कुन फरमा देता है..!
मुश्किल बहुत छोटी है, अल्लाह बहुत बड़ा है..!
एक दूसरे के रिज्क पर नजर मत रखो,
क्योंकि अल्लाह से बेहतर कोई तक्सीम करने वाला नहीं..!
नहीं आता मांगना तो खाली हाथ फैला दो,
वो बंद लबों की बोलियां भी सुनता है..!
मस्जिद की दीवार पर एक खूबसूरत जुमला लिखा था,
अगर तुम गुनाह करते करते थक गए हो तो अंदर आ जाओ खुदा की रहमत नहीं थकी..!
ऐ इंसान दुनिया की खुशी में इतना मत खो जाना,
याद रखो तैयारी मौत की भी करनी है..!
सारे इंसान खताकार है,
और खाताकारो से बेहतर वह है जो तौबा कर लेता है..!
खुदा तुम पर रहम तो करता है हर शख्स की असलियत देखकर,
मगर मसला यह है कि तुम खुद पर खुद ही रहम नहीं करते हो..!
अल्लाह ना जल्दी करता है और ना देर करता है,
जो भी करता सही वक्त पर करता है..!
अगर तुम्हें सजदे की तौफीक मिल रही है,
तो तुमसे ज्यादा अमीर शख्स कोई नहीं..!
जो लोग जो कहते हैं उन्हें कहने दो,
आप क्या हो कैसे हो यह अल्लाह की जात जानती है..!
लोग सिर्फ मशवरे देते हैं,
साथ देने की जात तो सिर्फ अल्लाह की है..!
कभी-कभी इंसान इतना थक जाता है के,
फिर वह सिर्फ अल्लाह से बातें करना चाहता है..!
अल्लाह से दुआ मांगा करो,
दुआ हर नामुमकिन चीज को मुमकिन बना देती है..!
रोशनी में तो सब चलते हैं साथ मगर,
अंधेरों में खुदा के सिवा कौन साथ चलता है..!
कोई हिंदू कोई मुस्लिम कोई ईसाई है,
सब ने इंसान बनने की कसम खाई है..!
ईश्वर सभी प्राणियों के लिए एक समान है,
और ईश्वर का कोई धर्म नहीं होता है..!
ईश्वर का आभार हमें हर काम में मानना चाहिए,
क्योंकि ऐसा करने से ईश्वर हमारी रहा और भी आसान कर देता है..!
भगवान हमारी परीक्षा लेता है,
वही हमें उसमें कामयाब होने की शक्ति भी देता है..!
यह लाइफ ईश्वर का अमूल्य वरदान है,
इसलिए इसे व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए..!
हर इंसान का सबसे पहला और सबसे बड़ा धर्म,
इंसानियत होता है..!
धर्म का बिल्कुल सही अर्थ है,
इंसान की आत्मा का परमात्मा से मिलन होना..!
जिस समाज में धार्मिक लोग निवास करते हैं,
वहां अधर्म अपने आप खत्म हो जाता है..!
धर्म का केवल एक ही उद्देश्य है,
वह है इंसान को रास्ता भटकने से बचाना
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपके दिल को छू जाने वाले 100+ Dharmik Suvichar के बारे में विस्तार के साथ बताया है सर्वश्रेष्ठ धार्मिक सुविचार आपके मन को सुंदर करते हैं, आशा करते हैं दोस्तों आपको यह सुविचार पसंद आए होंगे अगर आपको अच्छे लगे हो तो अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें और ऐसे ही रोजाना नए नए सुविचार पढ़ने के लिए जुड़े रहिए सुविचार इन वेबसाइट के साथ धन्यवाद!