Best 105+ Safar Shayari in Hindi | सफ़र पर बेहतरीन शायरी हिंदी में

Safar Shayari in Hindi
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आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 105+ Safar Shayari in Hindi सफर शायरी इन हिंदी बताई है। जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है। दोस्तों हमारा जीवन भी एक सफर ही है जिसमें हम अपनी मंजिल का सफर करते हैं। दोस्तों हमें अपने जीवन में सफर जरूर करना चाहिए क्योंकि जब हम अपने जीवन में काम करते हैं तो कभी-कभी हमें बहुत अधिक थकान महसूस होने लगती है इसलिए हमें अपने जीवन में सफल जरूर करना चाहिए।

सफर करने से हमें अच्छा महसूस होता है और हम अपना दिन अच्छा महसूस कर पाते हैं। दोस्तों अगर आप भी एक सफर पर निकले हैं और अपने सफ़र को शायरी के द्वारा और भी अच्छा बनाना चाहते हैं तो अब आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हमें आपको 105 से भी ज्यादा Safar Shayari in Hindi सफर शायरी इन हिंदी बताई है। तो लिए दोस्तों जानते हैं 105 से भी ज्यादा सफर शायरी कौन सी है।

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Safar in hindi text
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मुसीबतें लाख आएंगी जिंदगी की राहों में रखना तू सबर,

मिल जाएगी तुझे मंजिल एक दिन बस जारी रखना तू सफर।

दिल से मांगी जाए तो हर दुआ में असर होता है,

मंजिलें उन्हीं को मिलती है जिनकी जिंदगी में सफर होता है।

मुकम्मल होगा सफर एक दिन बस दिल में ताजा जज्बात रखना,

तमाम मुश्किलें आएंगी लेकिन अपने काबू में हर हालात रखना।

मशहूर हो जाते हैं वह जिनकी हस्ती बदनाम होती है,

कट जाती है जिंदगी सफर में अक्सर जिनकी मंजिलें गुमनाम होती हैं।

रहेंगे दर्द जिंदगी में तो खुशी का इंतजाम क्या होगा,

निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को न जाने इस सफर का अंजाम क्या होगा।

बीत जाएगा यह सफर भी दर्द की राहों का,

मिलेगा साथ जब खुशियों की बाहों का।

बढाते रहना कदम मत रुकना कभी,

होगा रुतबा तेरा जैसे शहंशाहों का।

इन अजनबी सी राहों में जो तू मेरा हमसफ़र हो जाए,

बीत जाए पल भर में यह वक्त और हसीन सफर हो जाए।

मत कर गुरुर खुद के वजूद पर एक दिन ना इसका नाम-ओ-निशां होगा,

कितना भी भाग को मौत से लेकिन सफर-ए-जिंदगी का यही आखरी मुकाम होगा।

मंजिल बड़ी हो तो सफर में कारवाँ छूट जाता है,

मिलता है मुकाम तो सबका बहम टूट जाता है।

तेरी जिंदगी की असलियत का जब तुझ पर असर होगा,

असल में उस समय ही शुरू तेरे जीने का सफर होगा।

सफर तो रोज का है,

और जाना भी कहीं नहीं।

ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब होता है,

वहीं से गुजरता है जहां रास्ता नहीं होता है।

हमसफ़र कोई होता तो हम भी बांट लेते दूरियां,

राह चलते लोग भला क्या समझेंगे मेरी मजबूरियां।

खुशी गम और ख्वाहिशों के बीच में जिंदा हूं मैं,

जिंदगी की तलाश में सफर पर निकला एक परिंदा हूं मैं।

सफर में मुश्किलें आए तो जुर्रत और बढ़ती है,

कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है।

एक रास्ता यह भी है मंजिलों को पाने का,

कि सीख लो तुम भी हुनर हाँ में हां मिलाने का।

मंजिलों से गुमराह कर देते हैं कुछ लोग,

हर किसी से रास्ता पूछना अच्छी बात नहीं।

मंजिल क्या है रास्ता क्या है,

हौसला है तो फासला क्या है।

वह सजा देकर दूर जा बैठे,

किसे पूछूं कि मेरी खता क्या है।

हर रास्ता एक सफर चाहता है,

हर मुसाफिर एक हमसफ़र चाहता है।

जैसे चाहती है चांदनी चांद को,

कोई है जो आपको इस कदर चाहता है।

सफर है चलते रहना मंजिल नहीं मिलेगी तो रास्ते तुम्हारे साथी होंगे,

और साथी बने मतलब एक परिवार बनेगा जो तुम्हें कभी टूटने नहीं देगा।

सफर तुम्हारा है चलना भी तुमको ही है,

तो ख्याल रखना सफर में कोई बोझ लेकर मत चलना।

शांति और सुकून लेकर चलना,

सफर आसान हो जाएगा।

Safar in hindi in urdu
Safar in hindi in urdu

मंजिल के लिए यही रास्ता का चुनाव आवश्यक है,

एक गलत रास्ता आपको पतन के मार्ग पर पहुंचा देगा।

सफर तब आसान हो जाता है जब हम जीतने के लिए नहीं जीने के लिए चलते हैं,

और राह में जो भी मिले उसका स्वागत और सम्मान करते चलते हैं।

हर किसी की समर्पण भाव से सेवा करते हैं,

तो रास्ते भी हमारा साथ देते हैं।

सफर का मतलब यह नहीं तुम्हें चलते रहना है,

एक सुकून की सांस भी लीजिए अपनी लाइफ में,

थोड़ी इंटरटेनमेंट की ब्रेक भी जरूरी है।

सभी को मंजिल की तलाश है मुझे सही रास्तों का,

क्योंकि सही रास्ते पर चलते रहिए मंजिल तुम्हें खुद तलाश लेगी।

क्योंकि मंजिल तक पहुंचने के लिए लोग गलत रास्ता भी चुनते हैं।

चाहते तो हम भी किसी पत्थर की तरह जी लेते,

पर हमने खुद मोम की तरह पिघलना चाहा।

अंधेरे की थी फ़िक्र हमें,

इसलिए दिए की तरह जलना चाहा।

किसका ख्याल कौन सी मंजिल नजर में है,

सदियां गुजर गई कि जमाना सफर में है।

मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल से दिल मिलता है,

मगर मुश्किल तो यह है कि दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है।

हर सुबह सफर हर शाम सफर,

इस जीवन का है नाम सफर।

कर ले रास्ते तय मजा है,

कब चले जाएं दुनिया से होती ना खबर।

जहाज को डूबा दे जो उसे तूफान कहते हैं,

तूफानों से जो टक्कर ले उसे इंसान कहते हैं।

जाएगा जब यहां से कुछ भी ना पास होगा,

दो गज कफन का टुकड़ा तेरा लिबास होगा।

आज फिर तेरी यादों के सफर में खो गया मैं,

ना मंजिल मिली और ना ही सफर पूरा हुआ।

हमें तो पता था कि तू कहीं और का मुसाफिर है,

हमारा शहर तो बस यूं ही तेरे रस्ते में आ गया।

मजबूर नहीं करेंगे तुमसे बात करने के लिए,

चाहत होगी तो दिल तुम्हारा भी करेगा।

बनकर अजनबी मिला हूं जिंदगी के सफर में,

इन यादों को हम कभी मिटाएंगे नहीं।

जिंदगी बिना रुके सफर कर रही है,

और हम हैं कि अभी सफ़र पर निकले ही नहीं।

सफर कह रहा है ख्याल अच्छा है,

मंजिल बता रही है कि सफर मजीद होगा।

सफर तो रोज का है,

लेकिन यह नहीं जानते मंजिल कहां है।

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सफर शायरी दो लाइन
सफर शायरी दो लाइन

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंजिल,

कोई हमारी तरह उम्र भर सफर में रहा।

सफर तुम्हारे साथ मजेदार रहा,

सब अच्छा था कुछ कुछ बेकार रहा।

ले दे के अपने पास फ़क़त एक नजर तो है,

क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नजर से हम।

दिल तोड़ कर दिखाया है दिन तो रात नहीं होगी,

अब जिंदगी रही फिर भी मुलाकात नहीं होगी।

नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,

ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।

ज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैं,

जिस तरह हम ने गुज़ारी है वो हम जानते हैं।

ये कशमकश है कैसे बसर ज़िंदगी करें,

पैरों को काट फेंके या चादर बड़ी करें।

कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िंदगी की मिसाल दी,

मुट्ठी में धूल ली और हवा में उछाल दी।

ज़िंदगी जिसका बड़ा नाम सुना है हमने,

एक कमजोर सी हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं।

एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,

ये ज़िंदगी तो बस अदब में ही गुजर गई।

जो तेरी चाह में गुजरी वही ज़िंदगी थी बस,

उसके बाद तो बस ज़िंदगी ने गुजारा है मुझे।

अकेले ही गुजर जाती है तन्हा ज़िंदगी,

लोग तसल्लियाँ तो देते हैं साथ नहीं देते।

पहचानूं कैसे तुझ को मेरी ज़िंदगी बता,

गुजरी है तू करीब से लेकिन नकाब में।

हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी,

हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।

अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,

हो गया है ज़िंदगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।

कितना और बदलूं खुद को ज़िंदगी जीने के लिए,

ऐ ज़िंदगी, मुझको थोड़ा सा मुझमें बाकी रहने दे।

नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे,

ऐ ज़िंदगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे।

हासिल-ए-ज़िंदगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,

ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं।

मुझे ज़िंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों,

पर लोग कहते हैं यहाँ सादगी से कटती नहीं।

मंजिलें मुझे छोड़ गयी रास्तों ने संभाल लिया,

जिंदगी तेरी जरूरत नहीं मुझे हादसों ने पाल लिया।

कुछ ऐसे हादसे भी होते हैं ज़िंदगी में ऐ दोस्त,

इंसान बच तो जाता है मगर ज़िंदा नहीं रहता।

जब भी सुलझाना चाहा ज़िंदगी के सवालों को मैंने,

हर एक सवाल में जिंदगी मेरी उलझती चली गई।

ऐ ज़िंदगी तोड़ कर हमको ऐसे बिखेरो इस बार,

न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाए तू।

कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है,

ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है।

सफर ए-जिंदगी
सफर ए-जिंदगी

पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,

तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।

हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो,

ये ज़िंदगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो।

ज्यादा ख़्वाहिशें नहीं ऐ ज़िंदगी तुझसे,

बस अगला कदम पिछले से बेहतरीन हो।

ज्यादा ख़्वाहिशें नहीं ऐ ज़िंदगी तुझसे,

बस अगला कदम पिछले से बेहतरीन हो।

धूप में निकलो घटाओं में नहाकर देखो,

ज़िंदगी क्या है किताबों को हटाकर देखो।

न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती,

ये ज़िंदगी है हिसाबों से जी नहीं जाती।

थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ,

ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ।

कुछ उम्मीदें कुछ सपने कुछ महकती यादें,

जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।

ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है,

ज़ुल्फ़-ओ-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है।

भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में,

इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है।

है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफर रहा न क़याम है,

कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बदमिजाज़ सी शाम है।

यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों रहना जरा संभाल के,

बेचने वाले हवा भी बेच देते है गुब्बारों में डाल के।

सच बिकता है झूठ बिकता है बिकती है हर कहानी,

तीनों लोक में फैला है फिर भी बिकता है बोतल में पानी।

दौड़ती भागती जिंदगी का यही तोहफ़ा है,

खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफा हैं।

safar english
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छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,

ज़िंदगी इतना बता कितना सफर बाकी है।

देखा है ज़िंदगी को कुछ इतना करीब से,

चेहरे तमाम लगने लगे हैं अब तो अजीब से।

सबक वो हमको पढ़ाए हैं ज़िंदगी ने कि हम,

हुआ था जो इल्म किताबों से वो भी भूल गए।

वो ज़िंदगी जिसे समझा था कहकहा सबने,

हमारे पास खड़ी थी तो रो रही थी अभी।

ज़िंदगी तू कोई दरिया है कि सागर है कोई,

मुझको मालूम तो हो कौन से पानी में हूँ मैं।

ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है,

बस एक आपकी वफ़ा चाहती है।

कितनी मासूम और नादान है ये,

खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है।

खुशी में भी आँखें आँसू बहाती रही,

जरा सी बात देर तक रुलाती रही।

कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,

ज़िंदगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।

सरे-आम ​मुझे ​ये शिकायत है ज़िंदगी से​,

क्यूँ मिलता नहीं मिजाज़ मेरा किसी से।

ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है,

जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये।

ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,

सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।

जिंदगी उसी को आजमाती है जो हर मोड़ पर चलना जानता है,

कुछ पा कर तो हर कोई मुस्कुराता है,

जिंदगी उसी की है जो सबकुछ खो कर भी मुस्कुराना जानता है।

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कल न हम होंगे न कोई गिला होगा,

सिर्फ सिमटी हुयी यादों का सिलसिला होगा।

जो लम्हे हैं चलो हँसकर बिता दें,

जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।

शतरंज‬ खेल रही है मेरी ‪जिंदगी‬ कुछ इस तरह,

कभी तेरी मोहब्बत मात देती है कभी मेरी ‪किस्मत‬।

जो लम्हा साथ है उसे जी भर के जी लेना,

ये कम्बख्त जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है।

मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,

ऐ ज़िन्दगी मुझे रोज़ रोज़ तमाशा न बनाया कर।

रोज़ दिल में हसरतों को जलता देख कर,

थक चुका हूँ ज़िंदगी का ये रवैया देख कर।

सुहाना सफर पर शायरी
सुहाना सफर पर शायरी

जहाँ जहाँ कोई ठोकर है मेरी किस्मत में,

वहीं वहीं लिए फिरती है मेरी ज़िन्दगी मुझको।

अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,

सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है।

कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,

जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।

हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का,

एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का।

बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,

यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।

ज़िन्दगी वो जो ख्वाबों-ख्यालों में है,

वो तो शायद मयस्सर न होगी कभी।

ये जो लिक्खी हुई इन लकीरों में है,

अब इसी ज़िन्दगानी के हो जाएँ क्या।

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,

कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली।

सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,

वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।

मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,

ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर।

फुर्सत मिले जब भी तो रंजिशे भुला देना,

कौन जाने साँसों की मोहलतें कहाँ तक हैं।

अपने वजूद पर इतना न इतरा, ऐ ज़िन्दगी.

वो तो मौत है जो तुझे मोहलत दिए जा रही है।

रोज रोज गिर कर भी मुक़म्मल खड़े हैं,

ऐ ज़िंदगी देख मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं।

बख्शा है ठोकरों ने सँभलने का हौसला,

हर हादसा ख्याल को गहराई दे गया।

पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में,

वरना मेरी ज़िन्दगी के सफर का हर पन्ना पूरी किताब है।

वही रंजिशें वही हसरतें न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुई,

है अजीब सा मेरी ज़िन्दगी का सफर न गुज़र सका न खत्म हुआ।

यूँ ही खत्म हो जायेगा जा़म की तरह जिन्दगी का सफ़र,

कड़वा ही सही एक बार तो नशे में होकर इसे पिया जाये।

पानी फेर दो इन पन्नों पर ताकि धुल जाए स्याही सारी,

ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन होता है कभी-कभी।

ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है,

कभी मजबूरी में नाचती है कभी मशहूरी में।

इतनी बदसलूकी ना कर ऐ ज़िंदगी,

हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं।

आराम से तनहा कट रहा था सफर तो अच्छा था,

ज़िंदगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी।

सफर पर शायरी
सफर पर शायरी

कितना मुश्किल है ज़िंदगी का ये सफ़र,

खुदा ने मरना हराम किया लोगों ने जीना।

Best 110+ Jigri Yaar Shayari

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 105+ Safar Shayari in Hindi बताई है जो की बहुत ही ज्यादा आपको पसंद आने वाली है आशा करते हैं कि आपको हमारी 105 से भी ज्यादा सफल वाली शायरी पसंद आई होगी। दोस्तों अगर आपको हमारा आज का है आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों में भी शेयर करें ताकि वह भी हमारे आज की इस आर्टिकल के सहायता से 105 से भी ज्यादा सफर शायरी को पढ़ सके।

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