90+ पागल फौजी शायरी हिंदी में | Indian Army Shayari (2024)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 90+ पागल फौजी शायरी (Pagal Fauji Shayari) बताई है जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और यकीनन आपको पसंद आने वाली है। दोस्तों बहुत सारे लोगों का कहना होता है कि जो लोग फौजी होते हैं वह दिमाग से थोड़े हल्के होते हैं और कुछ लोग कहते हैं की फौजी लोग पागल होते हैं तो दोस्तों हम आपको बता दें कि हां वह अपने देश के लिए पागल होते हैं वरना हर किसी के बस की बात नहीं जो -60 डिग्री सेल्सियस में रह सके।
दोस्तों जो भी फौजी -60 डिग्री सेल्सियस में रहते हैं वह अपनी खुशी से नहीं रहती है वह सिर्फ और सिर्फ आपके लिए रहते हैं क्योंकि वह अपने देश को बचाना चाहते हैं और बॉर्डर पर खड़े होकर अपने देश की सुरक्षा करते हैं। उन्हीं की देन है कि जो आप आज आसानी के साथ आराम की नींद सोते हैं। इसका कारण यही है कि हमारे देश के सैनिक बॉर्डर पर खड़े हमारी रक्षा कर रहे हैं। आईये दोस्तों जानते हैं 90 से भी ज्यादा पागल फौजी शायरी (Pagal Fauji Shayari) कौन सी है।
Best 101+ Ignore Shayari in Hindi
फौजी हूं पागल तुझे पल में ही अपना बना लूंगा,
तुझे ख़बर भी ना होगी तुझे तुझसे ही चुरा लूंगा।
मां के पैर छूकर आया हूं और बाप ने गले लगाया,
कि आजा मौत अब डर नहीं लगता जीते जी जन्नत होकर आया।
जिसे याद रखें मरने के बाद भी मैं वह नाम बनाना चाहता हूं,
अरे अपने लहू का कतरा कतरा इस वतन के खातिर बहाना चाहता हूं।
और जीना तो सब चाहते हैं,
मैं मौत से नज़रें मिलना चाहता हूं।
ऐसा ना हो के घर सब इंतजार करते ही रह जाए,
और वह देश का रखवाला बनकर धुआं हवाओं में बह जाए।
उसने तो कह दिया मां मैं लौट के आऊंगा,
लेकिन जिंदगी और मौत के बीच खड़ा है वह न जाने कौन सी गोली उसके प्राण ले जाए।
फिक्र अगर रास्ते की होती तो नशा वर्दी का ना होता,
डर अगर मौत का होता तो सपना फौजी का नहीं होता।
प्रेम गीत कैसे लिखूं जब चारों तरफ गम के बादल छाए हैं,
नमन है मेरा उन शहीदों को जो तिरंगा ओढ़ कर आए हैं।
मैं मौत को अपने सीने से लगा लूं मगर,
पर मेरे बाद मेरे अपनों का क्या होगा यह सोचकर लगता है थोड़ा डर।
बस उन्हें उसे दिन हर दर्द सहन करने की ताकत दे देना,
जब तिरंगे में लिपट कर जाऊं मैं घर।
मैं जा रहा हूं छोड़कर सबकी आंखों में पानी,
मैं इस मिट्टी के खातिर मिट्टी में मिल गया तुम्हें मुबारक तुम्हारी जिंदगानी।
और तुम्हारी मौत के दो चार किस होंगे मेरे दोस्त,
पर मेरी मौत की इतिहास में लिखी जाएगी कहानी।
इस वतन के खातिर चलती रहेगी हर एक सांस मेरी,
कभी नहीं बुझेगी देशभक्ति की यह प्यास मेरी।
और लिख दिया है मैंने अपने घर पर यह संदेश,
लौट आऊंगा सही सलामत या तिरंगे में लिपटकर आएगी लाश मेरी।
इस वतन की रक्षा है मेरी जिम्मेदारी,
और सर पर कफन बांधकर कर ली मैंने भी पूरी तैयारी।
और सुना है यह लोग जीते जी भूल जाते हैं,
अरे हमें तो मरने के बाद भी याद रखेगी दुनिया सारी।
मां के पैर में छूटकर आया और बाप ने गले लगाया,
आजा मौत अब डर नहीं लगता जीते जी मैं जन्नत होकर आया।
पानी न हो तो नदिया किस काम की,
आंसू ना हो तो आंखें किस काम की।
दिल ना हो तो धड़कन किस काम की,
अगर हम वतन के काम ना आए तो जिंदगानी किस काम की।
कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना,
कभी तपती धूप में जलकर देख लेना।
कैसे होती है हिफाज़त मुल्क की,
कभी सरहद पर खड़े जवानों को देख लेना।
चलो फिर से वह नजारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी जो ज्वाला वह याद कर ले।
जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पर,
बलिदानियों के खून की वह धारा याद कर ले।
पानी में आग कोई लगा नहीं सकता,
और हम हिंदुस्तानियों से आंख कोई मिला नहीं सकता।
प्यार हो या जंग यहां होती है ईमान से,
कुछ भी प्यार नहीं है हमें हमारे इस स्वाभिमान से।
और फिर भी अगर मोहब्बत ना हो जान से,
तो टकराना हिंदुस्तान से।
क्या फर्क पड़ता है सरहद पर तो जवान रोज मरते हैं,
अरे वह मरते हैं तभी तो हम यहां मौज करते हैं।
और तुम मौत के नाम से कहां उठते हो,
वह सीना तान के उसका इंतजार करते हैं।
जब मैं मारूं तो ऐसी मिट्टी में मिला देना मेरी राख को,
अपने सीने में दबाए बैठा हूं देश के लिए कुछ कर गुजरने की आग को।
और कमजोर नहीं है मां तेरे यह लाल,
अपने लहू से धोएंगे तेरे दामन के हर दाग को।
भारत मां के लाल हैं हम भूखे नहीं किसी सम्मान के,
मौत ना जाने कहां से आए हम तैयार हैं सर पर कफन बांध के।
और चैन से सोना मेरे देशवासियों,
क्योंकि तुम्हारी रक्षा के लिए कोई सरहद पर खड़ा है सीना तान के।
चल जाती है तो आज चली जाए एक दिन जानी ही है यह जान,
और कीड़े मकोड़े की तरह करने से अच्छा है वतन के लिए हो जाए कुर्बान।
और जानना चाहते हो कितनी मोहब्बत करते हैं हम हमारे वतन से,
अरे मारते हुए भी मुंह से निकलेगा हिंदुस्तान।
मैं अपने वतन की रक्षा कर सकूं मुझे इस काबिल बना देना,
अगर मैं शहीद हो जाऊं तो मुझे शान से इस पवित्र मिट्टी में मिला देना।
और अगर भूल कर भी अपने वतन के साथ करूं गद्दारी,
तो मेरे जिस्म के टुकड़े-टुकड़े करके कुत्तों को खिला देना।
हर गली हर मोहल्ले में मेरे वतन के दीवाने बेशुमार बैठे हैं,
हर नौजवान के सीने में देशभक्ति वाले किरदार बैठे हैं।
और जान चली जाए पर इस वतन की शान में कोई आंच नहीं आएगी,
लाखों शहीद हुए और करोड़ों तैयार बैठे हैं।
बच के रहना बेटे क्योंकि यह है आज का हिंदुस्तान,
तू तिनका का है और यह है एक तूफान।
और ना देख बुरी नजर से मेरे वतन की तरफ,
वरना लाशें दफनाने के लिए कम पड़ जाएंगे कब्रिस्तान।
ए मेरे देश के नौजवानों आज तुम पर एक आजाद भारत का भार है,
जिन वीरों ने अपने खून से इतिहास रचा उन वीरों का तुम पर उपकार है।
और अपने सर कटा दिए पर इस तिरंगे को झुकने न दिया,
अगर आज इसकी शान में कोई आंच आई तो तुम पर धिक्कार है।
बुजदिलों में नाम शामिल मैं अपना करना नहीं चाहता,
मौत का स्वागत सीना तान के करना चाहता हूं मौत से डरना नहीं चाहता।
और जब मैं मरूं तो मेरे नाम के आगे वीर शहीद लिखा हो,
क्योंकि कीड़े मकोड़े की तरह मैं मरना नहीं चाहता।
कुछ तो खास है इस वर्दी में,
एक अलग ही एहसास है इस वर्दी में।
वरना यूं ही हंसते हुए मौत के मुंह में नहीं जाते,
देशभक्ति की प्यास है इस वर्दी में।
जैसे याद रखें करने के बाद भी मैं वह नाम बनाना चाहता हूं,
अरे अपने लहू का कतरा कतरा इस वतन के खातिर बहाना चाहता हूं।
और जीना तो सब चाहते हैं,
मैं मौत से नज़रें मिलना चाहता हूं।
कितने ही पैदा होते हैं कितने ही मर जाते हैं,
कुछ मुश्किलों से हार जाते हैं तो कुछ लोगों की बातों से डर जाते हैं।
लेकिन जिनके अंदर आग लगी होती है ना कुछ करके दिखाने की,
असली पहचान वही बनाते हैं।
चाहे कैसे भी हालत में झुकूंगा नहीं,
इंडियन आर्मी में जाने का कोई भी मौका चुकूंगा नहीं।
और जब तक जिस परवरदी ना आ जाती,
मैं रुकूंगा नहीं, मैं रुकूंगा नहीं।
सीने में उठा एक तूफान है,
इंडियन आर्मी उसका नाम है।
और जब तक पा नहीं लेता मैं रुकूंगा नहीं,
इसके खातिर मेरा सब कुछ कुर्बान है।
ना झुकने दिया तिरंगे को ना युद्ध कभी हारे हैं,
भारत माता तेरे वीरों ने दुश्मन चुन चुन कर मारे हैं।
जब-जब भारत माता के दामन पर किसी ने नजर उठाई है,
तब तब भारत मां के जवानों ने दुश्मन को उसकी औकात दिखाई है।
देशभक्ति से ही देश की शान है,
देशभक्ति से ही देश का मान है।
हम उस देश के फूल हैं यारों,
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है।
गुजारिश है इन हवाओं से आज जरा तेज बहें,
बात मेरे देश की शान तिरंगे के लहराने की है।
हिमालय से भी ज्यादा जिद्दी है वह तभी तो सरहद पर अड़ा है,
वह भारत का फौजी है तभी तो सीना ताने खड़ा है।
किसी कजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूं,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूं।
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत मां,
मैं अपनी मां की बाहों को तरसता छोड़ आया हूं।
आओ देश का सम्मान करें,
शहीदों की शहादत याद करें।
एक बार फिर से राष्ट्र की कमान हम हिंदुस्तानी अपने हाथ धरे,
और स्वतंत्रता दिवस का मान करें।
सीमा नहीं बना करती है कागज खींची लकीरों से,
यह घटती बढ़ती रहती है वीरों की शमशीरों से।
हर पल हम सच्चे भारतीय बनकर देश के प्रति अपना फर्ज निभाएंगे,
जरूरत पड़ी तो लहू का एक-एक कतरा देकर इस धरती का कर्ज चुकाएंगे।
सरहद पर एक फौजी अपना वादा निभा रहा है,
वह धरती मां की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा है।
मिलते नहीं जो हक वह लिए जाते हैं,
है आजाद हम पर गुलाम किए जाते हैं।
उनसे भाइयों को सत सत नमन करो,
मौत के साए में जो जिए जाते हैं।
नींद उड़ गई यह सोचकर हमने क्या किया देश के लिए,
आज फिर सरहद पर बह है खून मेरी नींद के लिए।
दूध और खीर की बात करते हो हम तुम्हें कुछ भी नहीं देंगे,
कश्मीर की तरफ नजर भी उठाया तो लाहौर भी छीन लेंगे।
जिसकी वजह से पूरा हिंदुस्तान चैन से सोता है,
कड़ी ठंड गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता है।
जहां हम और तुम हिंदू मुसलमान के फर्क में मर रहे हैं,
कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मर रहे हैं।
जब हम तुम अपने महबूब की आंखों में खोये थे,
जब हम तुम खोई मोहब्बत के किस्सों में खोये थे।
सरहद पर कोई अपना वादा निभा रहा था,
वह मां की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा था।
अपना घर छोड़कर सरहद को अपना ठिकाना बना लिया,
जान हथेली पर रखकर देश की हिफाजत को अपना धर्म बना लिया।
हंसते-हंसते फांसी चढ़ कर अपनी जान गवा दी,
और बदले में दे दिए पवन आजादी।
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितने बाजू-ए-कातिल में है।
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ए आसमां,
हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में है।
शहीदों के त्याग को हम बदनाम नहीं होने देंगे,
भारत की आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।
लड़े वह वीर जवानों की तरह ठंडा खून फौलाद हुआ,
मरते मरते भी कई मार गिराए तभी तो देश आजाद हुआ।
लिख रहा हूं मैं अंजाम जिसका आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।
यह पेड़ यह पत्ते यह आंखें भी परेशान हो जाए,
अगर परिंदे भी हिंदू और मुसलमान हो जाए।
यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे तो यह आजादी ढलती हुई सांझ हो जाएगी,
और पूजे ना गए वीर तो सच कहता हूं कि नौजवानी बांझ हो जाएगी।
मैं मुस्लिम हूं तो हिंदू है दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूं तू पढ़ ले कुरान।
अपने तो दिल में है दोस्त बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खा सारा हिंदुस्तान।
मैं जला हुआ राख नहीं अमरदीप हूं,
जो मिट गया वतन पर मैं वह शहीद हूं।
मां को खुद ही मगन कर लो,
कभी-कभी शहीदों को भी नमन कर लो।
भारत की फजाओ को सदा याद रहूंगा,
आजाद था आजाद हूं आजाद रहूंगा।
भारत का वीर जवान हूं मैं,
ना हिंदू हूं ना मुसलमान हूं मैं।
मगर दुश्मन के लिए चट्टान हूं मैं,
भारत का वीर जवान हूं मैं।
फिर उड़ गई नींद मेरी यह सोचकर,
जो शहीदों का बहा वह खून मेरी नींद के लिए था।
फना होने की इजाजत नहीं जाती,
यह वतन की मोहब्बत है जब पूछ कर नहीं की जाती।
दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है,
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक दिल में जान है।
दिवाली में बसे अली रमजान में बसे राम,
ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिंदुस्तान।
दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फत,
मेरे मिट्टी से भी खुशबू ए वतन आएगी।
दाबोगे अगर और उभर आएगा भारत,
हर बार पर कुछ और निखर जाएगा भारत।
10-20 जाहिलों को गलतफहमी हुई है,
कि एक दो धमकी से डर जाएगा भारत।
तीन रंग का वस्त्र नहीं यह झंडा देश की शान है,
हर भारतीय के दिलों का स्वाभिमान है।
यही है गंगा यही है हिमालय यही हिंद की जान है,
और तीन रंगों में रंगा हुआ यह हमारा हिंदुस्तान है।
तिरंगे ने मायूस होकर सरकार से पूछा यह क्या हो रहा है,
मेरा लहराने में कम और कफ़न में ज्यादा इस्तेमाल क्यों हो रहा है।
चढ़ गया जो हंस कर सूली,
खाई जिन्होंने सीने पर गोली।
हम उनको प्रणाम करते हैं जो मिट गए देश पर,
हम सब उनको सलाम करते हैं।
चाहता हूं कोई नेक काम हो जाए,
मेरी हर सांस मेरे देश के नाम हो जाए।
चलो फिर से खुद को जगाते हैं,
अनुशासन का डंडा फिर घूमाते हैं।
सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से,
ऐसे शहीदों को हम सर झुकाते हैं।
गंजे कहीं पर शंख कहीं पर अजान है,
बाइबल है ग्रंथ साहब है गीता का ज्ञान है।
दुनिया में कहीं और यह मंजर नसीब नहीं,
दिखाओ जमाने को यह हिंदुस्तान है।
गीले चावल में शक्कर क्या गिरी तुम भिखारी खेर समझ बैठे,
चंद कुत्तों ने पाकिस्तान जिंदाबाद क्या बोला,
तुम कश्मीर को अपने आप की जागीर समझ बैठे।
खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो,
मत फैलाओ देश में गंगा रहने दो।
लाल हरे रंग में ना बांटो हमको,
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो।
कुछ पनने इतिहास के मेरे मुल्क के सीने में शमशीर हो गए,
जो लड़े जो मरे वह शहीद हो गए,
जो डरे जो झुके वह वजीर हो गए।
किसी को लगता है हिंदू खतरे में है,
किसी को लगता है मुसलमान खतरे में है।
धर्म का चश्मा उतार कर देखो दोस्तों,
पता चलेगा हमारा पूरा हिंदुस्तान खतरे में है।
कहते हैं अलविदा अब हम इस जहां को,
जाकर खुद के घर से अब आया ना जाएगा।
हमने लगाई आग है जो इस इंकलाब की,
इस आग को किसी से बुझाया ना जाएगा।
ए पाक तेरा ख्वाब नजारा ही रहेगा,
किस्मत का मारा है मारा ही रहेगा।
तेरे हर सवाल का जवाब करारा ही रहेगा,
कश्मीर हमारा है और हमारा ही रहेगा।
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी शहादत का कर्ज देश पर उधार है।
आप और हम इसलिए खुशहाल हैं क्योंकि,
सीमा पर सैनिक शहादत को तैयार है।
उन आंखों की दो बूंद में सातों सागर हारे हैं,
जब मेहंदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे हैं।
आज देश की शान देश की देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी यह पहचान है।
सरहद पर एक फौजी अपना वादा निभा रहा हैं,
वो धरती माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा हैं।
चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का ए,
यही तो मजा है फौजी होकर जीने का।
जहाँ हम और तुम हिन्दू-मुसलमान के फर्क में लड़ रहे हैं,
कुछ लोग हम दोनों के खातिर सरहद की बर्फ में मर रहे हैं।
नींद उड़ गया यह सोच कर, हमने क्या किया देश के लिए,
आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए।
अपना घर छोड़ कर, सरहद को अपना ठिकाना बना लिया,
जान हथेली पर रखकर, देश की हिफाजत को अपना धर्म बना लिया।
बाज़ी लगा देंगे अपनी जान की,
जब बात चलेगी हिंदुस्तान की।
वतन की मोहब्बत में, खुद को तपाये बैठे हैं,
मरेंगे वतन के लिए, शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।
हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया,
वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया।
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।
आतंकवादियों को माफ करना ईश्वर का काम है,
लेकिन उनकी ईश्वर से मुलाकात करवाना हमारा काम है।
101+ 4 Line Heart Touching Shayari in Hindi
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको 90+ पागल फौजी शायरी (Pagal Fouji Shayari) बताई है। जो कि बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और लाजवाब शायरी है और उम्मीद करते हैं कि आपको भी सभी शायरी बहुत ही ज्यादा पसंद आई होगी। दोस्तों आज हम अपने घर में तभी चैन की नींद सो पाते हैं जब बॉर्डर पर एक फौजी खड़ा होकर हमारी सेवा करता है और हमारे साथ-साथ अपने देश की सेवा करता है। दोस्तों अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो उसे अपने दोस्तों में शेयर करें ताकि वह भी पागल फौजी शायरी को पढ़ सके।