Best 85+ Rahat Indori Shayari in Hindi | डॉ. राहत इंदौरी शायरी
आज हम अपनी वेबसाइट पर “Rahat Indori Shayari” प्रस्तुत करेंगे। अगर आप दिल को छू जाने वाली सबसे लोकप्रिय राहत इंदौरी शायरी पढ़ना चाहते हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह आए है। उर्दू साहित्य का सर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखने वाले डॉ राहत इंदौरी साहब पूरी दुनिया में एक अलग ही पहचान रखने वाली शख्सियत है। दोस्तों आज हम आपको Rahat Indori Shayari पेश करेंगे आप लेख को अंत तक ध्यान से पढ़ें जिससे आपको राहत इंदौरी शायरी अच्छे से समझ आ सके।
डॉ राहत इंदौरी साहब पिछले 40-45 सालों से मुशायरों और कवि सम्मेलनों में सक्रिय रूप से अपनी प्रस्तुति दे रहे थे। राहत इंदौरी न केवल भारत में एक प्रसिद्ध कवि थे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मान्यता प्राप्त उर्दू कवि भी थे। उन्होंने यूएसए, यूके, यूएई, कनाडा, सिंगापुर, मॉरीशस, केएसए, कुवैत, कतर, बहरीन, ओमान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल आदि में कई प्रदर्शन किए हैं। डॉ राहत इंदौरी शायरी आज पूरी दुनिया में सुनी और पढ़ी जाती है, और आज हम भी Rahat Indori Shayari प्रस्तुत करेंगे।
हमने इससे पिछले आर्टिकल में अल्लामा इकबाल साहब की मशहूर शायरी प्रस्तुत की है, अगर आप उन शायरी को पढ़ना चाहते हैं, तो हमने नीचे लिंक दे रखी है जिसपर क्लिक करके आप आसानी के साथ पढ़ सकते हैं। चलिए दोस्तों बिना देरी किए आपको राहत इंदौरी शायरी पेश करते हैं। Rahat Indori Shayari को पढ़ने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक ध्यान से पढ़ें।
Best 110+ Allama Iqbal Shayari
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे…।
हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते है,
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिन्दुस्तान कहते हैं…।
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें…।
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं,
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं…।
आँखों में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो,
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो…।
फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं…।
जो ये दीवार का सुराख है साज़िश है लोगों की,
मगर हम इसको अपने घर का रोशनदान कहते हैं…।
कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग,
हमको तो जीने की भी उम्मीद नहीं…।
तूफ़ानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो,
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो…।
फेमस शायरों की मशहूर शेर शायरी
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो,
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है…।
प्यार के उजाले में गम का अँधेरा क्यों है,
जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है…।
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए…।
दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है,
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया…।
बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाय…।
नए किरदार आते जा रहे हैं,
मगर नाटक पुराना चल रहा है…।
प्यास तो अपनी सात समन्दर जैसी थी,
ना हक हमने बारिश का अहसान लिया…।
मैं वो दरिया हूँ की हर बूंद भँवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके…।
एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो,
दोस्ताना ज़िन्दगी से, मौत से यारी रखो…।
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते…।
न हम-सफर न किसी हम नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा…।
Best 75+ Sister Shayari in Hindi
हर एक हर्फ का अन्दाज बदल रक्खा है,
आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा है…।
मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया,
मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रक्खा है…।
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अंन्धेरे में निकल पड़ता है…।
छू गया जब कभी ख्याल तेरा दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में और घर देर तक महकता रहा…।
गाज़ाब का प्यार था उस की उदास आँखों में,
गुमान तक ना हुवा की वो बिछड़ने वाली है…।
बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ…।
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे,
जो हो परदेस में वो किससे रजाई मांगे…।
मजा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को,
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे…।
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे…।
सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में रहे…।
Best 65+ Propose Shayari in Hindi
चुरा लो अभी हर हसीन लम्हा जिंदगी से,
फिर जिम्मेदारियां मोहलत नही देंगी…।
किसने दस्तक दी है दिल पर कौन है ,
आप तो अंदर हैं, बाहर कौन है…।
मोहब्बत आपके दिल से हो गई एक,
राहत थी अब खुदा की रहमत हो गई…।
जहाँ से गुजरो धुआं बिछा दो, जहाँ भी पहुंचो धमाल कर दो,
तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो…।
इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए…।
वो चाहता था कि कासा ख़रीद ले मेरा,
मैं उस के ताज की क़ीमत लगा के लौट आया…।
विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है, ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,
पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है, फिर न जाने क्यों बदल जाते है…।
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं,
मंज़िलें रास्ते आवाज देते हैं सफर जारी रखो…।
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे…।
फूलों की दुकानें खोलो, ख़ुशबू का व्यापार करो,
इश्क़ ख़ता है तो ये ख़ता एक बार नहीं सौ बार करो…।
शहरों में तो बारुदों का मौसम है, गांव चलो अमरूदों का मौसम है,
सूख चुके हैं सारे फूल फरिश्तों के, बागों में नमरूदों का मौसम है…।
लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे, पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद, और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे…।
बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए,
मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए…।
घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है…।
आँख में पानी रखो, होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो, तरकीबें बहुत सारी रखो…।
राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें,
रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो…।
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें…।
रोज पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं,
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है…।
आग के पास कभी मोम को लाकर देखूं,
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं…।
मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी…।
सच बात, कौन है जो सर-ए-आम कह सके,
मैं कह रहा हूँ मुझ को सज़ा देनी चाहिए…।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको “Rahat Indori Shayari” प्रस्तुत की है। डॉ राहत इंदौरी साहब की सबसे लोकप्रिय दिल को छू जाने वाली राहत इंदौरी शायरी आपको पेश की, उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको Rahat Indori Shayari बेहद पसंद आई होंगी, अगर आपको राहत इंदौरी शायरी अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को आगे अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें और रोजाना ऐसे ही दिलचस्प शायरी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट के साथ जुड़े रहे धन्यवाद!