101+ वादा नहीं विकास करेंगे शायरी | Wada Nahin Vikas Karenge Shayari (2024)
दोस्तों आज हम आपके लिए वादा नहीं विकास करेंगे शायरी लेकर आए हैं जो आपको काफी पसंद आएंगी। चुनाव के समय प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए जनता से तरह-तरह के वादे करता है लेकिन जब वह प्रत्याशी चुनाव में जीत जाता है तो वह अपने जनता से किए हुए वादों को भूल जाता है।
किसी भी प्रत्याशी को जो चुनाव में खड़ा हो रहा है अपने किए हुए वादों को भूलना नहीं चाहिए बल्कि अपनी पूरी ईमानदारी के साथ जो उसने पहले जनता से बातें किए थे उन्हें निभाना चाहिए। राजनीति में वादा नहीं विकास करेंगे शायरी काफी प्रसिद्ध होती है इसलिए इस पोस्ट में आपको Wada Nahin Vikas Karenge Shayari पढ़ने को मिलेंगी।
Best 105+ उम्मीद टूटने पर शायरी
नजर वाले को हिंदू और मुसलमान दिखता है,
मैं अंधा हूं साहब, मुझे तो हर शख्स में इंसान दिखता है।
जिंदगी में समस्या तो हर दिन नई खड़ी है,
जीत जाते हैं वह जिनकी सोच कुछ बड़ी है।
सच बातों पर चुप्पी और झूठ बातों पर चिल्लाए हैं,
यह इसी देश के नेता है या चिड़ियाघर से आए हैं।
नई कहानी लिखकर लौटे,
आन बान सम्मान की,
अंबर में लहराए तिरंगा खुशबू हिंदुस्तान की।
दूर से देखके गर्मी में रेत को अपनी समझ लिया,
कुछ अच्छे लोगों ने अहंकार में खुद को सर्वजनि समझ लिया।
चोर बेईमान और भ्रष्ट नेताओं की क्यों करते हो बात,
लोकतंत्र की ताकत है जनता में,
दिखला दो इसकी औकात।
गंदी राजनीति का यह भी एक परिणाम है,
20 रुपए एक बोतल पानी का दाम है।
जहां सच है वहां हम खड़े हैं,
इसी खातिर आंखों में गड़े हैं।
राजनीति में अब युवाओं को भी आना चाहिए,
देश को ईमानदारी का आइना दिखाना चाहिए।
राजनीति में लोगों को अब बड़ा सोचना चाहिए,
जाति पार्टी से ऊपर उठकर ईमानदार नेता चुनना चाहिए।
अब तो बाजार में रखे हो, तो हैरत क्या है,
जो भी निकलेगा वह पूछेगा ही कीमत क्या है।
हमने दुनिया में मोहब्बत का असर जिंदा किया है,
हमने नफरतों को गले मिल मिलकर शर्मिंदा किया है।
कभी मां के भ्रूण में ही है मर जाती है,
कभी दरिंदों के हाथ तो है मसली जाती,
कभी यह दहेज के लिभियों के हाथ है जल जाती,
हम भारतीय हैं अब हमें किसी बात पर शर्म नहीं आती।
चुनाव में लोक नेताओं की नहीं सुनते हैं,
और बाद में नेता किसी की नहीं सुनता है।
अपनी अदा है सबसे निराली,
इसलिए राजनीति से दूरी बना ली।
कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की,
पर विदा ना हो सकी बेटी किस की।
हम मतदाता जिम्मेदार,
डालें वोट सभी नर नार।
कुछ तो खासियत है मेरे वोट में,
वोट देता हूं फकीरों को कमबख्त शहंशाह बन जाते हैं।
जमीन में चल ना सका आसमान से भी गया,
कटा के सर को परिंदा उड़ान से भी गया।
राजनीति सबको सूट नहीं करती है,
कुछ नेताओं की किस्मत बना देती है,
कुछ नेताओ को बर्बाद कर देती है।
हमारी रहनुमाओं में भला इतना गुम कैसे,
हमारे जागने से नींद में उनकी खलल कैसे।
राजा बोला रात है रानी बोली रात है,
मंत्री बोला रात है संत्री बोला रात है,
यह सुबह-सुबह की बात है।
युद्ध में कभी नहीं हारे, हम डरते हैं छलचंदों से,
हर बार पराजय पाई है अपने घर के जयचंदो से।
सरकार को गरीबों का ख्याल कब आता है,
चुनाव नजदीक आ जाए तो मुद्दा उछाला जाता है।
दिखा दी है शीशे ने असलियत,
झूठे लोगों की बनावटी चेहरे से,
पहनकर अक्सर जो झूठी दुनिया में घूमते हैं।
हुकूमत से एजाज अगर चाहते हो,
अंधेरा है लेकिन लिखो रोशनी है।
मैं अपनी आंख पर चश्मा चढ़ा कर देखता हूं,
हुनर जितना है सर आजमा कर देखता हूं,
उतना ही आता है कि जितना वह दिखता है,
मैं छोटा हूं मगर हर बार कद अपना बड़ा कर देखता हूं।
सियासत की रंगत में ना डुबो इतना,
कि वीरो की शहादत भी नजर न आए ,
जरा सा याद करलो अपने वायदे जुबान को,
गर तुमको अपनी जुबां का कहा याद आए।
कहा तो यह तय था चिरागा हर एक घर के लिए,
चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।
मुर्दा लोहे को औजार बनाने वाले,
अपने आंसू को हथियार बनाने वाले,
हमको बेकार समझते हैं सियासतदां,
मगर हम हैं इस मुल्क की सरकार बनाने वाले।
सब्ज बाग़ कुछ यूँ दिखाते हैं,
वादों को कपट जाल तले बिछाते हैं,
किस्मत के मारे हम जब फस जाते हैं,
तब पर हमारे क़तर देते हैं।
राजनीति में एक बात याद रखना,
सिक्का उछले या ना उछले,
पर कीचड़ जरूर उचलता है।
राजनीति नोट छापने की मशीन है।
जिए तो सदा इसी के लिए, यही अभियान रहे,
संघर्ष निछावर कर दे, सर्वस्व हमारा प्यारा भारतवर्ष।
यह वक्त बहुत ही नाजुक है, हम पर हमले दर हमले हैं,
दुश्मन का दर्द यही तो है, हम हर हमले पर संभले हैं।
जो मौत से ना डरता था बच्चों से डर गया,
एक रात खाली हाथ जब मजदूर घर गया।
सवाल जहर का नहीं था वह तो मैं पी गया,
तकलीफ लोगों को तब हुई, जब मैं फिर भी जी गया।
नेता भी क्या खूब ठगते हैं,
यह तो 5 साल बाद ही दिखते हैं।
करोड़ों में नीलम होता है एक नेता का उतरा हुआ सूट,
कचरे में फेंक देते हैं शहीदों की वर्दी और बूट।
सभी एक जैसा ही लिखते हैं,
बस मतलब बदल जाते हैं,
सरकारे वैसे ही चलती हैं,
बस बाजीरे आजम बदल जाते हैं।
राजनीति भी रंग-रंगीली हैं,
कुछ ने तो बाप की ज़ागीर समझ ली हैं।
अपनी चुनावी हार को हम दिल से अपनाते हैं,
सिर्फ़ चुनावी रिश्ते नहीं हम रिश्ते ज़िंदगी के बनाते हैं,
हार जीत तो चलती रहेगी लेकिन,
देखना यह है कि दिल से वादे कौन निभाते हैं।
आओ दोस्तो राजनीति को एक नया मोड़ देते हैं,
झूठे वादो को छोड़कर विकास की ओर जोड़ देते है।
राजनीति की मार ने नेताओं को क्या-क्या सिखा दिया,
बड़े-बड़े वीर नेता को जनता के क़दमों पर झुका दिया।
जिनको हम चुनते हैं वो ही हमें धुनते हैं,
चाहे बीवी हो या नेता दोनों कहाँ सुनते हैं।
राजनीती में साम-दाम-दंड-भेद सब अपनाया जाता हैं,
जरूरत पड़े तो दुश्मन को भी दोस्त बनाया जाता हैं।
ऊंचे-ऊंचे पदों पर बैठे हैं,
तोड़कर जनता का विश्वास,
अब इनको कराना है लोकतंत्र की ताकत का एहसास।
झूठे वादों और ख्याली पुलावों से नहीं होना है भ्रमित,
चुनाव के समय में झूठे नेताओं को अपने मतदान से करना है चित्त।
वोट मांगने के लिए शायरी ऐसे चमचों की भीड़ लगी है,
जो खुद को भक्त बताने हैं, चुनाव करें सही उम्मीदवार का,
जो आपका हमेशा साथ निभाते हैं।
सिर्फ़ वादे नहीं विकास करेंगे,
बढ़े अपना क्षेत्र, मिलकर ये प्रयास करेंगे।
राजनीति में भ्रष्टाचार कुछ इस तरह से होती है,
दाएँ हाथ से करें तो बाएँ हाथ को पता नही होती है।
किसी पेड़ के कटने का किस्सा न होता,
अगर कुल्हाड़ी के पीछे लकड़ी का हिस्सा न होगा।
समझना मुश्किल है लेकिन,
बहुत आसान सी नीति हूं,
हां मैं राजनीति हूं
चंद लोगो की वजह से, हर वक्त जहर पीती हूं
हां मैं राजनीति हूं।
किसी पेड़ के कटने का किस्सा न होता,
अगर कुल्हाड़ी के पीछे लकड़ी का हिस्सा न होगा।
आपका विश्वास हमारा प्रयास,
लिखेगा क्षेत्र का नया विकास।
झूठी बातों पर यकीन करा लेते हैं, रहता है सच्चाई का अभाव,
अब ध्यान रखना है आपको नजदीक आ गए हैं चुनाव।
यह नेता तो आएंगे, और चले जाएंगे,
आपको चुनावी मौसम में ही, नजर आएंगे चुनाव करें,
सच्चे सहयोगी और ईमानदार,
का जो हर मौसम में, आपका साथ निभाएंगे।।
बड़ा महँगा हर सामान का भाव हो जाता है,
जब हमारे देश में सम्पन्न चुनाव हो जाता है।
हम भी आराम उठा सकते थे घर पर रह कर,
हम को भी माँ-बाप ने पाला था दुःख सह-सह कर।
चुनावी वादे उनके पूरे नहीं होते,
जिनके नेक इरादे नहीं होते।
राजनीति की मार ने नेताओं को क्या-क्या सिखा दिया,
बड़े-बड़े वीर नेता को जनता के क़दमों पर झुका दिया।
ना झूठ है ना गद्दारी है ना नियत में मक्कारी है,
जन सेवक हूँ जन सेवा ही असली ज़िम्मेदारी है,
सब चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार बने हैं,
अपनी तो दिलों को जीतने की उम्मीदवारी है।
इस बात से सलाम करना मेरी सूरत का अंदाजा वह लोग लगाते हैं,
जो मुझे सलाम टोकते हैं जिन्हें तू सलाम करता है !
चुनाव आए हैं तो यह नेता पकड़ रहे हैं हमारे पैर,
नहीं तो इन नेताओं को जरा भी नहीं रहती है जनता की खैर।
ग्राम प्रधान के चुनाव में विकास का मुद्दा होता नही है,
इस पद का उम्मीदवार जीत के लिए रात-रात भर सोता नही है।
हम कोई प्रतिद्वंदी नहीं है, इस चुनाव में हमें तो देश के,
विकास के लिए एक अवसर, चाहिए किसी तरह का लोभ ना ,
देंगे आपको हमें तो आपका, सहयोग भरा समर्थन चाहिए।
चुनाव हारे हैं मगर जनता के दिलों को जीतना जारी रहेगा,
अभी तो पंख फैलाए हैं, अनंत आसमान में उड़ना जारी रहेगा।
कहीं नल में जल नहीं, कहीं गांव का रस्ता कच्चा,
स्कूलों की हालत जर्जर है बताओ पढ़ने कहाँ जाए बच्चा,
वोट की ताक़त से हालात इस बार बदलेंगे,
प्रतिनिधी चुनेंगे इस बार ईमानदार और नियत का सच्चा।
हम चुनाव लड़ रहे हैं गांव के विकास के लिए,
जान भी देनी पड़ी तो दे देंगे आप के विश्वास के लिए।
नेता नहीं बेटा बन कर आया हूँ,
चुनाव प्रचार तो बस एक बहाना है,
आप सब का लेने आशीर्वाद आया हूँ।
कैसी है ये ज़िम्मेदारी सांई की,
जनता जान गयी मक्कारी सांई की,
देश को लूटने वाले लूट के ले जाएं,
मान गये हम चौकीदारी सांई की।
बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो।
Best 101+ Kumar Vishwas Shayari
मेरी बातों से जो जाहिर हैं छिपायें कैसे,
तेरी मरजी के मुताबिक़ नजर आएं कैसे।
जिन्दा रहे चाहे जान जाएँ,
वोट उसी को दो जो काम आएँ।
अपना नेक इरादा है,
क्षेत्र के विकास का वादा है।
ठंड गर्मी या हो बरसात, हर वक्त मेहनत करता है किसान,
चुनाव आते जाते रहते हैं पर नहीं होता है,
इनकी समस्याओं का समाधान।
चुनाव हारने के बाद जनता का धन्यवाद शायरी,
अपनी चुनावी हार को हम दिल से अपनाते हैं,
सिर्फ़ चुनावी रिश्ते नहीं हम रिश्ते ज़िंदगी के बनाते हैं,
हार जीत तो चलती रहेगी लेकिन,
देखना यह है कि दिल से वादे कौन निभाते हैं।
इस मंच को सभा को जरा प्यार दीजिए,
थोड़ा प्रशंसको पर उपहार कीजिए।
यह स्नेह भरा नियंत्रण, स्वीकार कीजिए।
किसान खुल के हंस तो रहा है, फ़क़ीर होते हुए,
नेता मुस्कुराहट भी ना पाया अमीर होते हुए
क्या भरोसा करें आजकल के नेताओं पर,
यह तो अब जनता को भरमाने लगे हैं,
नेता इतने रंग बदलते हैं कि क्रिकेट भी शर्माने लगे हैं।
इस नदी की धार में ठंडी हवा तो आती है,
नो जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है।
हल्दीघाटी का युद्ध याद अकबर को जब आ जाता था,
कहते हैं अकबर महिलाओं में सोते-सोते जग जाता था।
राजनीति में हर कोई बेईमान होता है,
ईमानदारी के चोले को हम हकीकत मान लेते हैं।
101+ जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी
ना मस्जिद को जानते हैं ना शिव वालों को जानते हैं,
जो भूखे पेट हैं वह सिर्फ इन वालों को जानते हैं।
यह तेरे मन का कोट है जो तुझे सोने नहीं देता,
मत दे दोस्त किसी को वक्त किसी का नहीं होता।
अब खासदार खास, आदमी का है,
कहां अब आमदार, आम आदमी,
अब आजकल के नेता कहां आप।
कुछ लोगों से नेता को वोट देते हैं,
जो चुनाव में मदिरा रूपी टॉनिक पिलाता है।
मुझको तमीज की सीख देने वाले,
मैं तेरे मुंह में कई जवान देखा है,
और तू इतना दिखावा भी ना कर,
अपनी झूठी ईमानदारी का मैंने,
कुछ कहने से पहले अपने गिरिबा में देखा है।
तुमसे पहले वह जो एक शख्स यहां तख़्त नसी था,
उसको भी अपने खुद होने पर इतना ही यकीन था।
कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की,
पर विदा हो सकी बेटी किस की।
बस सोचा मेरी जान से जुड़ा है तू,
हकीकत में मेरे दिल की खुशी है तू।
दुआ करो मैं इतना रास्ता निकाल सकूं,
खुद को भी संभाल सकूं।
सीने में प्यार भर दूं मैं वो नेता हूं,
जो पत्थर को मोम कर दूं।
नेता की बातों में सच्चाई का अभाव होता है,
झूठ बोलना तो इसका स्वभाव होता है।
बड़ी-बड़ी लूट रहे हैं, लगा लगाकर अपना फेरा,
सामूहिक छुट्टी के नीचे पलता है बेशर्म अंधेरा।
मैं अपनी आंख पर चश्मा चढ़ा कर देखता हूं,
होना जितना है सर आजमा कर देखता हूं।
लोकतंत्र जब अपने असली रंग में आता है,
तो नेताओं की औकात का पता चल जाता है।
राजनीति में लोगों को अब बड़ा सोचना चाहिए,
जाति पार्टी से ऊपर उठकर ईमानदार नेता चुनना चाहिए।
दुआ करो मैं कोई रास्ता निकाल सकूं,
तुम्हें भी देख सकूं खुद को भी संभाल सकूं।
क्या खाया क्या पाया जग में,
मिलते और बिछड़ते जग में।
वे सहारे भी नहीं अब जंग लड़नी है तुझे,
कर चुके जो हाथ उन हाथों में तलवार ना दे।
110+ दुश्मन को जलाने वाली शायरी
निष्कर्ष
दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए वादा नहीं विकास करेंगे शायरी लेकर आए, उम्मीद करता हूं आपको Wada Nahin Vikas Karenge Shayari पसंद आई होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई वादा नहीं विकास करेंगे शायरी पसंद आई हो तो इन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर जरूर करें। इसी तरह की अन्य शायरियां जहां हम अपनी इस वेबसाइट पर लेकर आते रहते हैं इसलिए जुड़े रहिए “Suvicharin.com” वेबसाइट के साथ धन्यवाद।